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अंबाला के दो दिग्गजों का कर्मक्षेत्र बदला, अब धर्मक्षेत्र करेगा भाग्य का फैसला

राज्य मंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मंत्री निर्मल सिंह कुरुक्षेत्र के रणक्षेत्र में हैं। विधानसभा के बाद दोनों दिग्गज पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 25 Apr 2019 01:40 PM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 01:48 PM (IST)
अंबाला के दो दिग्गजों का कर्मक्षेत्र बदला, अब धर्मक्षेत्र करेगा भाग्य का फैसला
अंबाला के दो दिग्गजों का कर्मक्षेत्र बदला, अब धर्मक्षेत्र करेगा भाग्य का फैसला

पानीपत/अंबाला, [दीपक बहल]। इस बार अंबाला लोकसभा में किस्मत आजमा रहे कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवारों के काफिले में पिछली बार वाली भीड़ नहीं दिखाई दे रही। इसका कारण यह है कि जिनके ज्यादातर समर्थक चुनावों में साथ दिखाई देते थे इस बार उनका कर्मक्षेत्र बदल गया है। अंबाला लोकसभा सीट से कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार में अहम भूमिका अदा करने वाले दिग्गज नेता खुद धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र से किस्मत आजमा रहे हैं। 

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राज्य मंत्री नायब सिंह सैनी को भाजपा के प्रत्याशी के रूप में कुरुक्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारा गया है, जबकि पूर्व मंत्री निर्मल सिंह को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया है। खास बात यह है कि दोनों ही नेता पहली बार, लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि इससे पहले दोनों नेता विधानसभा चुनाव तक सीमित थे। दोनों के समर्थक भी कुरुक्षेत्र में डटे हुए हैं, जिसके चलते अंबाला लोकसभा सीट के समीकरण भी प्रभावित होना तय हैं।

पहली बार होंगे आमने-आमने 
राज्य मंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मंत्री निर्मल सिंह भले ही अंबाला के रहने वाले हैं, लेकिन इससे पहले कभी दोनों ने आमने-सामने चुनाव नहीं लड़ा। निर्मल सिंह नग्गल और अंबाला छावनी विधानसभा से ही चुनाव लड़ते रहे हैं। नग्गल सीट से वह केबिनेट मंत्री भी रहें हैं, जबकि यह सीट परिसीमन के दौरान खत्म हो गई थी, जिसके बाद वह अंबाला छावनी से चुनाव लड़े, लेकिन जीत नहीं सके। 

पहली बार दूसरा नाम नहीं आया सामने
कुरुक्षेत्र के पूर्व सांसद नवीन जिंदल के चुनाव लडऩे से इन्कार करने के बाद कांग्रेस ने निर्मल सिंह पर विश्वास जताया है। इसी तरह नारायणगढ़ के राजकुमार सैनी को भाजपा ने वर्ष 2014 में अपना प्रत्याशी घोषित किया था, जिन्होंने बगावत करके अपनी पार्टी की खड़ी कर ली। पहली बार विधानसभा चुनाव जीतने के बाद राज्य मंत्री बनने वाले नायब सिंह सैनी के अलावा हाईकमान के सामने दूसरा नाम नहीं आया।

समर्थकों ने भी कुरुक्षेत्र में डाला डेरा
भाजपा के प्रत्याशी रतनलाल कटारिया के सबसे नजदीकी नेताओं में माने जाने वालों में राज्य मंत्री नायब सिंह का नाम भी शामिल है। इसी तरह कुमारी सैलजा के वर्ष 2004 और 2009 के चुनाव में पूर्व मंत्री निर्मल सिंह ने भी अहम भूमिका निभाई थी। दोनों दिग्गज नेताओं के समर्थकों की लंबी चौड़ी फेहरिस्त है, जो अब अपने चहेते नेताओं के साथ कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार में डटे हैं।


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