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रेललाइन के मुद्दे पर मतभेद भूले, बदल गए सैलजा और हुड्डा के सुर

चंडीगढ़-नारायणगढ़-वाया यमुनानगर बिछने वाली रेल लाइन चार दशक बाद भी नहीं बिछ पाई। केंद्रीय मंत्री रहते कुमारी सैलजा ने हुड्डा सरकार से जमीन मांगी थी। लेकिन जमीन नहीं मिली थी।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 03 May 2019 06:12 PM (IST)Updated: Fri, 03 May 2019 06:13 PM (IST)
रेललाइन के मुद्दे पर मतभेद भूले, बदल गए सैलजा और हुड्डा के सुर
रेललाइन के मुद्दे पर मतभेद भूले, बदल गए सैलजा और हुड्डा के सुर

पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। चंडीगढ-नारायणगढ़-यमुनानगर रेल लाइन का जिन एक बार फिर से प्रकट होता दिख रहा है। केंद्रीय राज्य मंत्री होते कुमारी सैलजा ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से जमीन देने की मांग की थी, लेकिन जमीन न मिलने के कारण लाइन नहीं बिछ पाई थी। रेल लाइन पर मतभेद भुला नेताओं के सुर बदले दिखे। पूर्व सीएम ने भाजपा पर ठीकरा फोड़ दिया, जबकि इसी मुद्दे पर भाजपा भी कांग्रेस सरकार पर सवाल खड़े कर चुकी है। 

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बृहस्पतिवार को नारायणगढ़ में एक जनसभा को संबोधित करने के लिए हुड्डा ने कुमारी सैलजा के लिए वोट मांगे। जनसभा अपने निर्धारित समय से करीब तीन घंटे बाद शुरू हुई। इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार पर सवाल उठाए।। 

सैलजा से निजी लड़ाई नहीं
पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री रहते मेरी व सैलजा की कोई निजी लड़ाई नहीं रही। सैलजा तो जनता के कार्यो के लिए मुझसे लड़ा करती थीं। कहा करती थीं कि वहां पर विकास होना चाहिए, वहां पर काम नहीं हुए। तो मैंने उनके कहे अनुसार विकास कार्य भी कराए।

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