झारखंड में लोकसभा चुनाव कांग्रेस व विस चुनाव झामुमो के नेतृत्व में लड़ेगा महागठबंधन
Mahagathbandhan in jharkhand. झारखंड में महागठबंधन लोकसभा चुनाव कांग्रेस और विधानसभा चुनाव झामुमो के नेतृत्व में लड़ेगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में लोकसभा चुनाव के पूर्व विपक्षी पार्टियों ने महागठबंधन के स्वरूप को अंतिम रूप दे दिया है। इसकी जानकारी सबसे पहले कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह ने ट्वीट के माध्यम से दी। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर ने बताया कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अधिक सीटों पर लड़ेगी तो विधानसभा चुनाव झामुमो के नेतृत्व में लड़ा जाएगा, जिसके नेता हेमंत सोरेन होंगे।
गुरुवार देर शाम कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के साथ सोशल मीडिया पर तस्वीर शेयर करते हुए इस पर अपनी मुहर भी लगा दी। कांग्रेस, झामुमो, झाविमो और राजद के बीच सीटों का बंटवारा लगभग हो चुका है। कांग्रेस को सात, झामुमो को चार, झाविमो को दो और राजद के खाते में एक सीट आई है। इस फैसले के साथ ही महागठबंधन में विरोध की सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है। दिल्ली में राहुल और हेमंत की गलबहियों से इतर रांची में महागठबंधन के अन्य दलों ने विरोध का बिगुल फूंक दिया है।
झाविमो के बाबूलाल मरांडी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि तीन सीट से कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं। राजद को चतरा सीट मिली है। लेकिन पलामू सीट पर भी वह दावा कर रहा है। वहीं वामदल ने भी हजारीबाग सीट से हर हाल में लड़ने की घोषणा की है। ऐसे में महागठबंधन की गांठें उलझती नजर आ रही है।
यह है विवाद की जड़
झाविमो को दो सीटें दी गई है। जबकि पार्टी प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने गोड्डा, कोडरमा तथा चतरा में पार्टी को काफी मजबूत बताते हुए इन सीटों पर दावा ठोका है। गोड्डा से प्रदीप यादव को सबसे उपयुक्त उम्मीदवार होंगे। वहीं राजद की प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि पलामू राजद का गढ़ रहा है। इस सीट पर पार्टी कोई समझौता नहीं करेगी। पार्टी ने पलामू के अलावा कोडरमा तथा चतरा पर भी दावा किया है। पूर्व सांसद सह भाकपा राज्य सचिव भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि सीटों के बंटवारे को लेकर जो भी परिस्थिति बने, लेकिन हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र से भाकपा अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी।
दिल्ली में ऐसे बना समीकरण
शुरुआती सूचना के अनुसार झामुमो को जो चार सीटें मिली हैं उनमें दुमका, राजमहल, गिरिडीह और जमशेदपुर शामिल हैं जबकि कांग्रेस को रांची, खूंटी, लोहरदगा, धनबाद, गोड्डा, सिंहभूम और हजारीबाग सीटें दी गई हैं। झाविमो को कोडरमा और पलामू तो राजद को चतरा सीट ऑफर किया गया है। झाविमो इसके साथ गोड्डा सीट की दावेदारी कर रहा है तो राजद का दावा पलामू सीट को लेकर है। सीटों पर सहमति तो बन गई है लेकिन इसपर घोषणा बाद में की जाएगी।
राजद, झाविमो और वामपंथियों के लिए अलग ऑफर
गुरुवार को नई दिल्ली में इसकी घोषणा के साथ राजनीतिक गतिविधियां बढ़ गई हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष डा. अजय कुमार दो दिनों से इस पर मंथन कर रहे थे तो हेमंत सोरेन अपने नजदीकी नेताओं के साथ दिल्ली में डटे थे। झारखंड विकास मोर्चा के दूत के तौर पर एक दिन पहले ही प्रदीप यादव व बंधु तिर्की दिल्ली में प्रमुख नेताओं से मिलकर लौटे थे। जहां तक राजद की बात है तो आरपीएन सिंह शनिवार को ही लालू यादव से मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा कर चुके थे। समझा जाता है कि एक सीट पर लालू की ओर से सहमति है और इसी कारण पलामू से राजद की दावेदारी दरकिनार कर दी गई है। वामपंथियों को मनाने का तरीका भी निकाल लिया गया है और समझा जा रहा है कि कांग्रेस अपने कोटे से हजारीबाग सीट सीपीआइ को देगी।
लोकसभा में कांग्रेस और विधानसभा में झामुमो नेतृत्व में चुनाव होगा। विपक्षी महागठबंधन भाजपा का सफाया कर देगा। जिन स्थानों पर विवाद है उसे पार्टी के नेता मिल-बैठकर सुलझा लेंगे।
-हेमंत सोरेन, कार्यकारी अध्यक्ष, झामुमो।