दढिय़ाल की सभा में फूट-फूटकर रोये आजम खां
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और गठबंधन प्रत्याशी आजम खां शुक्रवार की रात दढिय़ाल में हुई जनसभा में फूट फूट कर रो पड़े। बोले मुझे मार दो मुझे नहीं लडऩा चुनाव।
रामपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और गठबंधन प्रत्याशी आजम खां शुक्रवार की रात दढिय़ाल में हुई जनसभा में फूट फूट कर रो पड़े। बोले मुझे मार दो, मुझे नहीं लडऩा चुनाव।
बोले, मैं मुरादाबाद से लौटा ही था कि पता लगा कि रामपुर में जिला प्रशासन ने दहशत फैला रखी है। मेरा झंडा लगाने वालों के घर पर छापे मार दिए। मेरे चाहने वालों को सताया जा रहा है। लोगों के घरों के दरवाजे तोड़ दिए गए। उनके घरों की औरतों को बेइच्जत किया गया। उनके सामान लूटे गए। यह कैसा इंसाफ है? यहां दौलत वाला बाहर से आकर हम गरीबों को कैसे सता रहा है। जाकर देखो रामपुर शहर छावनी बना हुआ है। गरीबों के घरों के दरवाजे तोड़ जा रहे हैं। मैं सरकार से और उसके प्रशासन से कहना चाहता हूं कि मेरे घर के दरवाजे तोड़ दो, मेरे गोली मारो, मुझे मार दो ताकि चुनाव से पहले ही ये किस्सा खत्म हो जाए। मेरा जीना जमीन के लिए बोझ बन गया है। मुझे मार कर खत्म कर दो, मुझे नहीं लडऩा चुनाव। अगर यह चुनाव लोगों की जिल्लत का नतीजा है तो इसे खारिज कर दिया जाए। ऐसे चुनाव की कोई जरूरत नहीं। ऐसी जम्हूरियत की भी कोई जरूरत नहीं। मैं जुल्म से नहीं घबराऊगा, लेकिन कमजोरों के साथ जुल्म करोगे तो मुझसे बर्दाश्त नहीं होगा। अल्लाह इंसाफ कर। बहुत देर लग रही है तेरे इंसाफ में। यह कहते हुए आजम रोने लगे। उनकी आंख से आंसू निकलने लगे और बोले मैं पूरे रास्ते रोता हुआ आया हूं। मैं क्या कर सकता हूं। बस यही मेरा गुनाह है कि मैंने आपके बच्चों की किस्मत संभालने की कोशिश की। आपके बच्चों के लिए यूनिवर्सिटी बना दी।