फल्गु किनारे दिनभर बहती रही मोदी की बयार, लगा JDU नहीं BJP का ही हो उम्मीदवार
गया की सीट भाजपा से लेकर जदयू को देने को लेकर माना जा रहा था कि वहां भाजपा में नाराजगी है। लेकिन मंगलवार को पीएम मोदी की जनसभा में ऐसा बिलकुल नहीं लगा।
पटना [सुभाष पांडेय]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंगलवार को गया की चुनावी सभा यहां के लोगों को नया संदेश दे गई। टिकट बंटवारे और प्रत्याशी चयन तक चल रही तरह-तरह की बातें आज हवा हो गईं। चर्चा थी कि भाजपा ने सीट जदयू के झोली में दे दिया है, तो लोगों में नाराजगी है, लेकिन गया के गांधी मैदान में वैसा कुछ दिखा नहीं। ऐसा लगा कि जदयू का नहीं, बल्कि भाजपा का ही उम्मीदवार हो।
यहां पीएम की सभा के लिए डयूटी पर नालंदा से आए पुलिसकर्मीे मुलाकात हुई। चुनाव के बारे में पूछने पर एक सांस में कहने लगे- औरंगाबाद या नालंदा जैसी स्थिति यहां नहीं है। सब कुछ मोदी के भरोसे है। भरी दुपहरी में काशीनाथ मोड़ से जब सभास्थल गांधी मैदान की ओर बढ़ते हैं और वहां मैदान के अंदर घुसने के लिए अलग अलग गेटों पर लम्बी लाइन और वीआइपी गेट नंबर दो पर भी पर धक्का-धुक्की को देख कर पहले तो लगा कि विरोधी लोग सभा को अव्यवस्थित करने आ गए हैं। लेकिन जैसे ही मैदान में पहुंचा और वहां का माहौल देखकर पुलिसकर्मी की बातों में कोई दम ही नहीं लगा।
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गया शहर पारंपरिक रूप से भाजपा का गढ़ रहा है। जब भाजपा के देश में दो सांसद हुआ करते थे। उस वक्त भी गया ने भाजपा के ईश्वर चौधरी को चुन कर भेजा था। मंत्री प्रेम कुमार 90 से लगातार यहां से विधानसभा के लिए चुने जाते रहे हैं। टिकट बंटवारे में यह सीट जदयू के कोटे में चली गई है। लेकिन मैदान में चारों तरफ भाजपा के बड़े बड़े झंडा और केसरिया टोपी पहने कार्यकर्ता ही दिखाई पड़ रहे थे। मैदान की भीड़ से तो ऐसा लग रहा था मानो यहां से जदयू का प्रत्याशी नहीं बल्कि भाजपा का कोई चुनाव लड़ रहा हो।
गया में प्रधानमंत्री की इस चुनावी रैली में युवाओं का उत्साह देखते बन रहा था। अपने चहेते नेता की झलक करीब से देखने की ललक में मंच तक पहुंचने की होड़ में कुर्सियां उछाली गई। लेकिन जैसे ही मोदी मंच पर पहुंचे सब कुछ थम गया। बीच बीच में मोदी... मोदी...मोदी की गूंज अवश्य उनके भाषण में व्यवधान डालती रही।