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चुनाव बाद मिल जाएगा बाकी को 'पीएम-किसान' का लाभ

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत 24 फरवरी को गोरखपुर से की थी। प्रत्येक लघु व सीमांत किसान को 6000 रुपये की रकम तीन किस्तों में दी जाएगी।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 09:37 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 09:37 PM (IST)
चुनाव बाद मिल जाएगा बाकी को 'पीएम-किसान' का लाभ
चुनाव बाद मिल जाएगा बाकी को 'पीएम-किसान' का लाभ

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त होने के साथ ही देश के सवा सात करोड़ किसानों के बैंक खातों में पीएम-किसान सम्मान निधि योजना की धनराशि पहुंच जाएगी। इसका लाभ उन्हीं पात्र किसानों को मिलेगा जो 10 मार्च तक योजना के नियमों के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं करा सके थे। इन किसानों को अब एक के बजाय दोनों किस्तें यानी चार हजार रुपये मिल जाएंगे।

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केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने यहां योजना के पात्र किसानों का रजिस्ट्रेशन जितना जल्द हो सके, कराकर भेजें। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश के जिन पात्र किसानों ने समय से यानी चुनाव आचार संहिता लगने से पहले अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराये हैं, उनकी संख्या लगभग सवा सात करोड़ है। इनके बैंक खातों में फिलहाल प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना की किस्तें जमा नहीं हो रही हैं।

मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 31 मार्च तक 3.27 करोड़ किसानों को पहली किस्त भेज दी गई थी। जबकि रजिस्ट्रेशन 4.76 करोड़ किसानों का हो चुका था। किसानों के रजिस्ट्रेशन का काम राज्यवार तेजी से हो रहा है। जिन किसानों को पहली और दूसरी किस्त मिल चुकी है, उनके अलावा बाकी बचे किसानों को भी इसका लाभ तत्काल दिया जाएगा। केंद्रीय स्तर पर योग्य किसानों के रजिस्ट्रेशन की जांच का काम तेजी से हो रहा है।

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत 24 फरवरी को गोरखपुर से की थी। योजना के तहत प्रत्येक लघु व सीमांत किसान को सालाना 6000 रुपये की रकम तीन किस्तों में दी जाएगी। पीएम-किसान योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा, जिनका नाम एक फरवरी 2019 तक के भूमि दस्तावेजों में पाया जाएगा। वर्ष 2015-16 की कृषि जनगणना में दर्ज होना आवश्यक है। जनगणना का यह आंकड़ा पिछले साल ही जारी किया गया था।

केंद्र की राजग सरकार ने यह योजना कांग्रेस की कर्जमाफी वाले चुनावी दांव के मुकाबले शुरु की है। भाजपा इसी के बहाने चुनावी फसल काटने की तैयारी में है। उसने अपने संकल्प पत्र में भी योजना का दायरा बढ़ाने की बात कही गई है।


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