छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले के बाद फोर्स को मिला फ्री हैंड, सीमाएं हुईं सील
जंगल में आसमान से नजर रखी जा रही है। नक्सल प्रभावित जिलों में बुधवार को ही मतदान दलों को मतदान केंद्रों तक सुरक्षित पहुंचा दिया गया है।
रायपुर। छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले के बाद बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दक्षिण बस्तर की सीमाएं सील है। सीमा के पास के इलाकों में पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ गश्त की जा रही है। चुनाव से दो दिन पहले हुए हमले के बाद प्रशासन किसी भी तरह का कोई रिस्क लेने के लिए तैयार नहीं है।
सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद
इसलिए सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है। जंगल में आसमान से नजर रखी जा रही है। नक्सल प्रभावित जिलों में बुधवार को ही मतदान दलों को मतदान केंद्रों तक सुरक्षित पहुंचा दिया गया है। दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अफसरों को नक्सलियों से निपटने के लिए फ्री हैंड दे दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि गोली का जवाब गोली से दिया जाए।
सीएम ने की सुरक्षा समीक्षा
दंतेवाड़ा में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सुरक्षा की समीक्षा की गई। इस बैठक में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, डीजीपी डीएम अवस्थी समेत पुलिस के आला अधिकारी मौजूद थे। बैठक में पोलिंग पार्टियों की सुरक्षित रवानगी और वापसी का प्लान तैयार किया गया है। संवेदनशील इलाकों में पोलिंग पार्टियों के जाने से पहले रोड की सर्चिंग की जाएगी। हर मार्ग को सेनेटाइज करने के लिए बाद ही मतदान दलों को भेजा जा रहा है।
पहले एक ही इलाके में भेजे जाने वाले दलों को अलग-अलग भेजा जा रहा था पर घटना के बाद एक इलाके के सभी दलों को एक साथ भारी सुरक्षा में भेजा गया। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने कहा है कि नक्सल इलाकों में अतिरिक्त फोर्स का इंतजाम किया जा रहा है। रिजर्व फोर्स को भी अलर्ट किया गया है।
बम डिस्पोजल यूनिट से लेकर ड्रोन तक की मदद
दंतेवाड़ा समेत दक्षिण बस्तर के तीनों जिलों में बम डिस्पोजल यूनिटों को रास्तों पर तैनात किया गया है। स्निफर डॉग यूनिट भी तैनात हैं। चप्पे-चप्पे पर बारुद की तलाश की जा रही है। ड्रोन कैमरों से नक्सलियों की लोकेशन का पता लगाया जा रहा है। माइन प्रोटेक्टेड गाड़ियों की रवानगी से पहले भी बारुद तलाश किया जा रहा है। अन्य राज्यों से सटी सीमा पर आने-जाने वालों की सख्ती से तलाशी ली जा रही है।