Move to Jagran APP

जयपुर में कांग्रेस और भाजपा में सीधी टक्कर, भाजपा का गढ़ जयपुर में सेंध लगा पाएगी कांग्रेस?

कांग्रेस और भाजपा मिशन-25 में जुटी है। जयपुर शुरू से जनसंघ और भाजपा की परंपरागत सीट रही है लेकिन विधानसभा चुनाव के नतीजों ने यहां के समीकरण बदल दिए है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 11 Apr 2019 02:49 PM (IST)Updated: Thu, 11 Apr 2019 02:49 PM (IST)
जयपुर में कांग्रेस और भाजपा में सीधी टक्कर, भाजपा का गढ़ जयपुर में सेंध लगा पाएगी कांग्रेस?
जयपुर में कांग्रेस और भाजपा में सीधी टक्कर, भाजपा का गढ़ जयपुर में सेंध लगा पाएगी कांग्रेस?

जयपुर, जागरण संवाददाता। कांग्रेस और भाजपा मिशन-25 में जुटी है। पिछले लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी 25 सीटें जीतने वाली भाजपा को इस बार के विधानसभा चुनाव के नतीजों के मद्देनजर प्रदर्शन दोहराने में मुश्किल आ सकती है।  जयपुर शुरू से जनसंघ और भाजपा की परंपरागत सीट रही है, लेकिन विधानसभा चुनाव के नतीजों ने यहां के समीकरण बदल दिए है। करीब तीन माह पूर्व संपन्न विधानसभा चुनाव में 8 में से 5 सीटों पर कांग्रेस और 3 पर भाजपा ने जीत दर्ज की है।

prime article banner

इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा ने वर्तमान सांसद रामचरण बोहरा को फिर मैदान में उतारा है,वहीं कांग्रेस ने इस बार पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल को टिकट दिया है । ज्योति खंडलेवाल को टिकट देने का मकसद वैश्य और मुस्लम समुदाय का गठजोड़ करना है । बोहरा को भाजपा के परंपरागत वोट बैंक का सहारा है ।

राजनीतिक पृष्ठभूमि एवं सामाजिक तानाबाना

जयपुर लोकसभा क्षेत्र आजादी के बाद से ही कांग्रेस के खिलाफ पहले स्वतंत्र पार्टी और फिर जनसंघ और भाजपा का गढ़ रहा है । देश को आजादी मिलने के बाद पूर्व राजपरिवारों की कांग्रेस के खिलाफ होने वाली एकजुटता की अगुवाई जयपुर की पूर्व राजमाता स्व. गायत्री देवी ने की थी ।

उन्होंने स्वतंत्र पार्टी की स्थापना की जिसे जनसंघ और आरएसएस का समर्थन प्राप्त था। आजादी के बाद अब तक हुए 16 लोकसभा चुनाव और 1 उपचुनाव में कांग्रेस महज 4 बार ही यह सीट जीत पाई, वहीं भाजपा ने 7 बार कब्जा किया है। 3 बार स्वतंत्र पार्टी और 1 बार जनता पार्टी, 1 बार भारतीय लोकदल और 1 बार निर्दलीय ने कब्जा जमाया। लिहाजा इस सीट पर कांग्रेस को सबसे अधिक बार हार का सामना करना पड़ा।

जयपुर में भाजपा और आरएसएस के प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां के पूर्व महाराजा भवानी सिंह को भाजपा के एक सामान्य नेता गिरधारी लाल भार्गव ने हरा दिया था। पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में भाजपा के रामचरण बोहरा ने कांग्रेस प्रत्याशी महेश जोशी को 5 लाख वोटों भारी अंतर से हराया था। जयपुर में ब्राह्मण और वैश्य समाज का काफी प्रभव है। यहां मुस्लिम आबादी करीब 10 प्रतिशत और एससी,एसटी करीब 18 प्रतिशत है । यहां कुल मतदाताओं की संख्या 19,62,800 है ।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.