Lok Sabha Election 2019: लक्ष्य के 96 फीसद घरों तक पहुंची उज्ज्वला, देखें रिपोर्ट कार्ड
Lok Sabha Election 2019. झारखंड में वरदान बनीं उज्ज्वला योजना के तहत राज्य सरकार ने राज्य निधि से लाभार्थियों को मुफ्त चूल्हा दिया।
रांची, राज्य ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ड्रीम परियोजनाओं में से एक प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की रफ्तार झारखंड में बेहतर है। 19 अक्टूबर 2016 के तीसरे सप्ताह में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने झारखंड में इस योजना की विधिवत शुरुआत की थी। इस योजना के तहत 19 अक्टूबर 2019 तक 27 लाख बीपीएल परिवारों को इस योजना से जोडऩे का लक्ष्य रखा गया था, जिसे चालू वित्तीय वर्ष में बढ़ाकर 29 लाख तीन हजार 131 कर दिया गया।
खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग की 18 मार्च की रिपोर्ट की बात करें तो राज्य में अबतक 27 लाख 88 हजार 20 परिवारों को इस योजना से जोड़ा जा चुका है, जो मौजूदा लक्ष्य का लगभग 96 फीसद है। जहां अन्य राज्यों ने इस योजना के तहत योग्य लाभार्थियों को भरे हुए सिलेंडर समेत निश्शुल्क एलपीजी कनेक्शन देने की परिकल्पना की थी, वहीं झारखंड ने राज्य निधि से लाभार्थियों को मुफ्त चूल्हा देने का भी काम किया।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट बताती है कि हर्ट अटैक और सांस में व्यवधान से देश में सर्वाधिक मौतें होती हैं। एक घंटे में धुएं का प्रदूषण 400 सिगरेट के धुएं के बराबर है। धुएं के कारण देश में हर साल लगभग पांच लाख महिलाओं की जान जाती है। ऐसे में यह कहना कि झारखंड जैसे प्रदेश के लिए यह योजना वरदान साबित हुई है तो गलत नहीं होगा। बताते चलें कि झारखंड के शहरी क्षेत्र के महज 35 फीसद घरों तक ही 2016 में एलपीजी गैस की पहुंच थी, जबकि घरेलू गैस की उपलब्धता के मामले में देश के शहरों में यह औसत 65 फीसद था।
तीन लाख परिवारों में महिला नहीं
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लिए सूचीबद्ध राज्य के 29 लाख तीन हजार 131 परिवारों में से तीन लाख 18 हजार 61 परिवारों में एक भी महिला नहीं है। सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण 2011 से निकल कर आए इन आंकड़ों के बाद संबंधित परिवारों को इस योजना से जोडऩे के मसले पर सरकार ऊहापोह में है।
फैक्ट फाइल
- 19 अक्टूबर 2016 को झारखंड में उज्ज्वला योजना की शुरुआत की गई।
-तीन साल में 27 लाख बीपीएल परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया। वित्तीय वर्ष 2016 तथा 2017 में क्रमश: 8.4-8.4 लाख, जबकि 2018-19 में 11.2 लाख परिवारों को इससे जोडऩे की योजना थी। बाद में इस लक्ष्य को बढ़ाकर 29.03 लाख कर दिया गया।
-अब तक लक्ष्य से कहीं अधिक 27 लाख 88 हजार 20 परिवारों को दिया गया कनेक्शन।
-केंद्र सरकार इस मद में प्रति लाभुक 16 सौ तथा राज्य सरकार 1590 रुपये वहन कर रही है।
पाकुड़ की स्थिति थी सबसे खराब
योजना की शुरुआत होने से पूर्व एलपीजी कनेक्शन के मामले में सबसे खराब स्थिति राज्य के पाकुड़ जिले की थी, जहां 100 में से महज 10 लोगों के पास भी गैस का कनेक्शन नहीं था। इससे इतर जामताड़ा में 10, गोड्डा और दुमका में 14-14, जबकि रांची में 100 में से 62 फीसद लोगों के पास गैस कनेक्शन की उपलब्धता थी।
एक सच यह भी
इसमें कोई दो मत नहीं कि धुएं का दंश झेलने वाली महिलाओं के लिए यह योजना कारगर साबित हुई है। इससे इतर झारखंड जैसे गरीब प्रदेश में जहां दो जून की रोटी के लिए हजारों की संख्या में लोग पलायन करते हैं, उनमें से सैकड़ों परिवार ऐसे हैं, जिनमें फिर से गैस भरवाने की क्षमता नहीं है। नतीजतन यह सिलेंडर नके घरों की शोभा बढ़ा रहा है।
राज्य में उज्ज्वला
जिला कुल लाभुक कनेक्शन दिए गए
बोकारो 193745 164231
चतरा 147759 119323
देवघर 159952 124294
धनबाद 220633 194159
दुमका 205045 173861
गढ़वा 217447 167917
गिरिडीह 365371 275242
गोड्डा 159897 132577
गुमला 119420 93666
हजारीबाग 188864 156056
जामताड़ा 92889 78050
खूंटी 71740 50433
कोडरमा 83111 62677
लातेहार 108984 78834
लोहरदगा 84332 61184
पाकुड़ 121089 82701
पलामू 300899 221564
प. सिंहभूम 195064 163829
पू. सिंहभूम 155608 125398
रामगढ़ 129000 95212
रांची 217777 164009
साहिबगंज 234078 180122
सरायकेला-खरसावां 122095 101674
सिमडेगा 71202 66104