21 पूर्व सीएम में से 15 जीते, पूर्व मुख्यमंत्रियों के 15 बेटों और 6 बेटियों का ये रहा रिजल्ट
2019 लोकसभा चुनाव में इस साल 21 पूर्व मुख्यमंत्रियों में से 15 को जीत हासिल हुई है। इनमें ज्यादातर कांग्रेस के दिग्गज शामिल हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे काफी दिलचस्प रहे हैं। जीतने वालों के चर्चे तो चारों तरफ हो रहे हैं, लेकिन इस बार वो दिग्गज भी अपना जलवा दिखाने में नाकामयाब रहे जिनके बल पर पार्टियां जीत की कामना कर रही थीं। नतीजों में एक ध्यान देने वाली बात यह भी है कि 2019 के आम चुनावों में 70 से ज्यादा राजनीतिक परिवारों से जुड़े लोग मैदान में थे। इनमें 21 पूर्व मुख्यमंत्री, 15 पूर्व सीएम के बेटे, 6 सीएम की बेटियां चुनाव लड़ रही थीं। इनमें से केवल 6 पूर्व मुख्यमंत्री, 8 पूर्व सीएम के बेटे और 2 बेटियां ही चुनाव जीत सके हैं। आपको बता दें कि हारने वाले पूर्व मुख्यमंत्री ज्यादातर कांग्रेस के हैं। पार्टी ने इस बार 9 पूर्व मुख्यमंत्रियों को टिकट दिया था, जिनमें से कोई भी नहीं जीत सका है।
हारने वाले पूर्व सीएम सबसे ज्यादा कांग्रेस से
दिग्विजय सिंह, शीला दीक्षित और भूपेंद्र सिंह हुड्डा जैसे दिग्गज इस बार लोकसभा चुनावों में नाकामयाब साबित हुए हैं। हारने वालों में सबसे ज्यादा कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री शामिल हैं। इनमें मुख्यमंत्री के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह (भोपाल), दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित (नॉर्थ ईस्ट दिल्ली), हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा (सोनीपत), उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत (नैनीताल), महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण (नांदेड़), महाराष्ट्र के पूर्व सीएम सुशील कुमार शिंदे (सोलापुर), मेघालय के पूर्व सीएम मुकुल संगमा (तुरा), अरुणाचल प्रदेश के पूर्व सीएम नवाम टुकी (अरुणाचल वेस्ट), और कर्नाटक के पूर्व सीएम वीरप्पा मोइली (चिकबल्लूर) हैं। वहीं कुछ गैर कांग्रेसी पूर्व सीएम भी हारने वालों की लिस्ट में शामिल हैं। जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती अनंतनाग सीट से, कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी टुम्कुर सीट से, जेवीएम नेता बाबूलाल मरांडी कोडीराम सीट से हार गए हैं। इनके अलावा जीतनराम मांझी भी को शिकस्त मिली है।
चुनावों में ये पूर्व सीएम के बेटे और बेटियां जीते
इस बार के आम चुनावों में पूर्व मुख्यमंत्रियों के 15 बेटे और 6 बेटियां मैदान में थीं। इनमें से केवल सात बेटे ही जीत का परचम लहरा सके हैं तो वहीं 2 बेटियां जीत हासिल कर सकी हैं। जीतने वालों की बात करें तो सुखबीर सिंह बादल, नकुलनाथ, राजवीर सिंह, अखिलेश यादव, अनुराग ठाकुर, दुष्यंत सिंह, बी वाई राघवेंद्र और गौरव गोगोई जीते हैं। जबकि पूर्व मुख्यमंत्रियों की बेटियां रीता बहुगुणा और कनिमोझी जीती हैं। हारने वालों में पाटलीपुत्र से राजद की मीसा भारती, एनसीपी उम्मीदवार बरासत सीट से, मयूरभंज की अंजली सोरेन झामुमो और टीआरएस की के कविता निजामाबाद सीट से हार गई हैं।
4 पावर कपल में से सिर्फ बादल दंपति को मिली जीत
इस बार चार दंपति भी चुनावी मैदान में थे, जिनमें से तीन को हार मिली है। वहीं एक दंपति ही जीत सका है। कांग्रेस उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा और उनकी पत्नी सपा उम्मीदवार पूनम सिन्हा चुनावी मैदान में थे और दोनों ही हार गए हैं। वहीं अकाली दल के सुखबीर बादल फिरोजपुर से और उनकी पत्नी हरसिमरत बादल बठिंडा से जीते हैं।
इसके अलावा चुनाव में चाचा भतीजे, पिता बेटी समेत कई रिश्ते मैदान में थे। उत्तर प्रदेश की फिरोजाबाद सीट पर शिवपाल यादव और उनके भतीजे अक्षय यादव चुनाव लड़ रहे थे, और दोनों ही हार गए। आंध्र प्रदेश की अराकू सीट से पिता-बेटी की जोड़ी मैदान में थी। यहां से वी किशोर और उनकी बेटी वी श्रुति चिनाव लड़ रहे थे। दोनों को ही यहां जीत नहीं मिल पाई है। इसी तरह देवर-भाभी की जोड़ी भी चुनाव लड़ रहे थे। जिसमें देवर शिवशरण कुशवाहा झांसी से हार गए जबकि उनकी भाभी शिवकन्या चंदौली से जीत गई हैं।
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