Jharkhand Assembly Election 2019: कोलेबिरा में विरासत बचाने की जंग, यहां झापा और कांग्रेस में छिड़ी है लड़ाई
Jharkhand Election 2019. कांग्रेस ने उपचुनाव में झापा से झटकी थी यह सीट। इसके पहले तीन बार झापा के एनोस विधायक रहे। भाजपा भी खाता खोलने के लिए हर जतन कर रही।
सिमडेगा, [वाचस्पति मिश्र]। मुंडा व खडिय़ा जनजाति बहुल कोलेबिरा विधानसभा सीट पर लंबे समय से कांग्रेस और झारखंड पार्टी का कब्जा रहा है। भाजपा इस सीट पर अब तक जीत का स्वाद नहीं चख पाई है। विगत दो आम चुनावों और एक उपचुनाव में भाजपा लगातार इस सीट पर रनर बनती आ रही है। जीत दर्ज कराने वाले दो प्रत्याशियों में एनोस एक्का और थियोडोर किड़ो को छोड़ दें तो अन्य सारे प्रत्याशी मुंडा जनजाति से संबंध रखते हैं।
एक अनुमान के मुताबिक इस क्षेत्र में 45 हजार से अधिक मतदाता मुंडा जनजाति से हैं। इस बार भी कोलेबिरा सीट अब दलों के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गई है। जहां एनोस एक्का की पार्टी झापा और कांग्रेस अपनी सीट पर जीत दुहराने या यूं कहें कि कब्जा बरकरार रखने के लिए जोर लगा रही है, वहीं भाजपा भी यहां खाता खोलने के प्रयास में जुटी है। 2005 में एनोस एक्का ने कांग्रेस के उम्मीदवार थियोडोर किड़ो को 4246 मतों से पराजित किया था।
उस चुनाव में एनोस एक्का को 34067 तथा थियोडोर किड़ो को 29781 मत मिले थे। 2009 के चुनाव में एनोस एक्का फिर 7502 वोटों से चुनाव जीते। उन्हें 28834 वोट मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी महेंद्र भगत को 21332 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी बेंजामिन लकड़ा को 13449 वोट मिले। इसके बाद 2014 के चुनाव के दौरान पारा शिक्षक मनोज कुमार की हत्या हो गई और इसी मामले में एनोस एक्का को जेल जाना पड़ा।
बावजूद उन्होंने फिर इस सीट पर जीत दर्ज कराई और भाजपा के मनोज नागेशिया को करीब 17143 वोटों के बड़े अंतर से पराजित किया। एनोस एक्का को इस चुनाव में 48,978 वोट मिले थे। इस बीच पारा शिक्षक हत्याकांड में एनोस एक्का को आजीवन कारावास की सजा एडीजे कोर्ट ने सुनाई और उनकी विधायकी भी चली गई। उपचुनाव हुआ, और एनोस की पार्टी झापा को करारी हार झेलनी पड़ी। इस चुनाव में झापा से खड़ी मेनोन एक्का को चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा।
इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी को बड़ी जीत मिली और करीब 14 साल बाद उसे कोलेबिरा सीट पर प्रतिनिधित्व का मौका मिला। इस बार कांग्रेस के नमन विक्सल कोंगाड़ी विधायक बने। 2014 के चुनाव में नवीन आंदोलन से निकली राष्ट्रीय सेंगेल पार्टी के उम्मीदवार अनिल कंडुलना को तीसरा स्थान हासिल हुआ। 2019 के इस चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस से नमन विक्सल कोंगाड़ी, एनोस की पुत्री आइरिन एक्का, भाजपा से सुजन मुंडा समेत कुल 10 उम्मीदवार हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि बाजी कौन मार ले जाता है।
2014 का परिणाम
1. एनोस एक्का,झारखंड पार्टी- 48978
2. मनोज नगेशिया, भाजपा- 31835
3. लुइस कुजूर, झामुमो- 17083
पुरुष मतदाता : 97015
महिला मतदाता : 95983
कुल मतदाता : 192998
क्षेत्र के तीन बड़े मुद्दे
1. पलायन
क्षेत्र में गरीबी व पलायन की गंभीर स्थिति है। फलस्वरूप लोग रोजी-रोटी के लिए पलायन करने को विवश होते हैं।
2. जंगली हाथियों का प्रकोप
क्षेत्र में जंगली हाथी सालों भर आबादी में घुसकर लोगों को परेशान करते हैं। जान-माल और फसलों का नुकसान होता है।
3. मोबाइल नेटवर्क
क्षेत्र के कई हिस्सों में मोबाइल नेटवर्क की स्थिति चिंताजनक है। लोगों को संपर्क करने में परेशानी उठानी पड़ती है।
कोलेबिरा क्षेत्र में जल, जंगल, जमीन की सुरक्षा, आजीविका और अमन-चैन अहम मुद्दा है। इन क्षेत्रों में बेहतर कार्य करने की जरूरत है, ताकि क्षेत्र का समुचित व समानुपातिक विकास हो सके। सरकारों ने आदिवासी हितों की अनदेखी की है। विधायक रहते हुए मैंने क्षेत्र विकास के लिए कई कार्य किए। कई काम भाजपा की सरकार होने के कारण लटके भी। इस बार जीता तो बाकी बचे काम पूरे करूंगा। -नमन विक्सल कोंगाड़ी, कांग्रेस प्रत्याशी।
क्षेत्र में जल, जंगल, जमीन अहम मुद्दा है। इसपर बेहतर कार्य करने की जरूरत है। इसके अलावा शिक्षा, चिकित्सा, बिजली-पानी जैसे अहम बुनियादी सुविधाओं को बहाल करने की दिशा में कार्य किया जाना चाहिए। वर्तमान विधायक ने विकास का कोई काम नहीं किया। जो भी काम हुए हैं वह विधायक एनोस एक्का के कार्यकाल में हुआ। अब मुझे विकास कर उनकी साख बचानी है। -आइरिन एक्का,झापा प्रत्याशी, कोलेबिरा।