Jharkhand Assembly Election 2019: महागठबंधन में नेता के नाम पर छिड़ी रार, कांग्रेस ने फिर दिखाया झामुमो को आईना
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की चिट्ठी के हवाले से झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन खुद को विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन के नेता के तौर पर प्रस्तुत करते रहे हैं।
रांची, [जागरण स्पेशल]। विधानसभा चुनाव की देहरी पर खड़े झारखंड में सत्ता मिली नहीं और मुख्यमंत्री पद की दोवदारी पहले ही शुरू हो गई है। भाजपा के विरोधियों में अापसी खींचतान का आलम यह है कि विपक्षी महागठबंधन में नेता को लेकर रार छिड़ गई है। बहस-मुबाहिसे का हाल ऐसा कि झामुमो और कांग्रेस दोनों तरफ से तलवारें खीचीं हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा जहां अपने नेता, पूर्व मुख्यमंत्री और कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को सर्वमान्य बताकर उनके चेहरे पर महागठबंधन के चुनाव लड़ने की बात कह रहा है। वहीं कांग्रेस जेएमएम को झटके देने की कोशिश में हेमंत को महागठबंधन का नेता मानने से साफ इन्कार कर रही है।
रामेश्वर उरांव-हेमंत सोरेन में द्वंद्व, नेता मानने को तैयार नहीं
मंगलवार को एक बार फिर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नए प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव ने झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में नेता पर सहमति नहीं होने का संकेत दिया। जबकि झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन खुद को विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन के नेता के तौर पर प्रस्तुत करते रहे हैं। इससे पहले भी रामेश्वर उरांव ने उनकी दावेदारी खारिज कर दी थी। तब झामुमो ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के जमाने की एक चिट्ठी का हवाला देते हुए कहा था कि लोकसभा चुनाव के समय ही कांग्रेस ने लिखित प्रस्ताव जारी कर कहा था कि महागठबंधन की पार्टियां यथा कांग्रेस, झामुमो, झाविमो और राजद विधानसभा चुनाव हेमंत सोरेन के नेतृत्व में लड़ेगी।
विधानसभा चुनाव में भी गठबंधन के लिए हीला-हवाली
लोकसभा चुनाव 2019 में बहुत हीला-हवाली के बाद झारखंड में 14 संसदीय सीटों का बंटवारा हुआ था। तब आखिरी समय तक रुठने-मनाने का दौर चला। अंत में दिल्ली में तमाम फॉर्मूले तय किए गए। बावजूद लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद ने कांग्रेस की चतरा सीट पर अपने उम्मीदवार खड़े कर महागठबंधन की अस्तित्व को नकार दिया था। माना जा रहा है कि एक बार फिर राजद ने 12 सीटों पर दावा जताकर विधानसभा चुनाव के लिए बनने वाले महागठबंधन में पहले ही टांग अड़ा दी है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि विधानसभा चुनाव में सीटों का बंटवारा या नेता के नाम पर फैसला हो भी पाता है या नहीं।
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भाजपा ने निशाने पर लगा रखी है नजर
झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर जहां सत्ताधारी दल भाजपा की बात है, तो मुख्यमंत्री रघुवर दास की अगुआई में पार्टी ने चुनावी तैयारियों में पूरी ताकत झोंक रखी है। 81 सीटों वाले विधानसभा में 65 प्लस के लक्ष्य पर निशाना लगाते हुए बीजेपी संगठन को धार देने में जुटी है। सदस्यता अभियान, शक्ति सम्मेलन, घर-घर-रघुवर, जन आशीर्वाद समेत बूथ लेवल तक कार्यकर्ताओं को जगाने के बहुतेरे प्रयास किए जा रहे हैं। वोटरों को लुभाने के लिए सरकार के स्तर पर भी कई जनहितकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। गुरुवार को प्रधानमंत्री एक बार फिर झारखंड की धरती से देशभर के किसानों के लिए मानधन पेंशन योजना की शुरुआत करने वाले हैं। ऐसे में भाजपा की मजबूत स्थिति से कमोबेश विपक्ष भी दबाव में महसूस कर रहा है।
कांग्रेस भर रही पुराने तेवर में लौटने का दम
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी अपने पुराने तेवर के साथ इस बार चुनाव मैदान में उतर रही है। पार्टी लोकसभा चुनाव गठबंधन के तहत लड़ी थी और विधानसभा चुनाव भी गठबंधन के साथ ही लड़ेगी। कांग्रेस, झामुमो, आरजेडी, जेवीएम में बात चल रही है। गठबंधन होने के साथ ही नेता के नाम की घोषणा भी कर दी जाएगी।