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Jharkhand Assembly Election 2019: गठबंधन टूटने के बाद भी मंत्री पद पर बने हैं आजसू के रामचंद्र सहिस

Jharkhand Assembly Election 2019 आजसू कोटे के मंत्री रामचंद्र सहिस अपने पद पर बने हैं। न तो सहिस स्वयं मंत्री पद से इस्तीफा दे रहे हैं और न ही सीएम रघुवर दास उन्हें हटा रहे हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 07:39 AM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 12:35 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: गठबंधन टूटने के बाद भी मंत्री पद पर बने हैं आजसू के रामचंद्र सहिस
Jharkhand Assembly Election 2019: गठबंधन टूटने के बाद भी मंत्री पद पर बने हैं आजसू के रामचंद्र सहिस

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 झारखंड में एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में तालमेल टूट गया है। भाजपा और आजसू के बीच अब बेहतर संबंध नहीं है। दोनों दल एक-दूसरे के प्रत्याशियों के खिलाफ प्रत्याशी उतार रहे हैैं, इसके बावजूद आजसू कोटे के मंत्री रामचंद्र सहिस अपने पद पर बने हैं। न तो सहिस स्वयं मंत्री पद से इस्तीफा दे रहे हैं, और न ही मुख्यमंत्री रघुवर दास उन्हें कैबिनेट से बाहर कर रहे हैं।

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गठबंधन लगभग खत्म होने के बाद भाजपा ने भी आजसू की कई सीटों पर अपने उम्मीदवार दे दिए। इनमें पेयजल एवं स्वच्छता तथा जल संसाधन मंत्री रामचंद्र सहिस की सीट भी शामिल है। हालांकि, सहिस ने उनकी सीट पर भाजपा के प्रत्याशी देने पर कहा है कि इसका स्वागत है। गठबंधन टूटने के बाद मंत्री पद पर बने रहने या पद से इस्तीफा देने के सवाल पर उन्होंने इसका स्पष्ट जवाब नहीं दिया। कहा कि वे जनता के बीच जा रहे हैं। जनादेश के अनुसार ही अपना निर्णय लेंगे।

पिछले विधानसभा चुनाव में गठबंधन के तहत मंत्री का एक पद आजसू के कोटे में गया था। इसके तहत चंद्रप्रकाश चौधरी को मंत्री पद देते हुए दोनों विभागों की जिम्मेदारी दी गई थी। इसी साल संपन्न लोकसभा चुनाव में लोकसभा सदस्य के रूप में चुने जाने के बाद चंद्रप्रकाश ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद रामचंद्र सहिस को मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई थी। वे लगभग पांच माह से इस पद पर हैं।

नीतिगत फैसलों का भी विरोध करता रहा है आजसू

आजसू भले ही भाजपानीत गठबंधन सरकार का हिस्सा है, लेकिन कई नीतिगत फैसलों का पार्टी विरोधी रहा है। आजसू प्रमुख सुदेश महतो राज्य सरकार की स्थानीयता नीति का विरोध करते रहे हैैं। वे पिछड़ों का आरक्षण प्रतिशत बढ़ाने के पक्षधर हैैं। सरकार के नीतिगत फैसलों के खिलाफ आजसू ने कई कार्यक्रम भी किए हैैं।


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