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Jharkhand Elections 2019: इस बार बेटे-बेटियां और पत्नियां लगाएंगे चुनावी नैया पार; देखें कौन-कितना तैयार

Jharkhand Assembly Election 2019 जिन दिग्गजों के बेटे-बेटियां चुनाव मैदान में हैं उनमें कई पूर्व मंत्री भी रहे हैं। अमित महतो की पत्नी सीमा महतो का चुनाव लड़ना भी तय हो गया है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 06:53 PM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 09:42 AM (IST)
Jharkhand Elections 2019: इस बार बेटे-बेटियां और पत्नियां लगाएंगे चुनावी नैया पार; देखें कौन-कितना तैयार
Jharkhand Elections 2019: इस बार बेटे-बेटियां और पत्नियां लगाएंगे चुनावी नैया पार; देखें कौन-कितना तैयार

रांची, [नीरज अम्बष्ठ]। विधानसभा चुनाव में इस बार कई दिग्गज नेताओं के बेटे-बेटियां चुनावी नैया पार लगाएंगे। कई दिग्गजों के बदले उनकी पत्नियां भी चुनाव मैदान में हैं। विभिन्न कारणों से यह स्थिति बनी है। जिन दिग्गजों के बेटे-बेटियां चुनाव मैदान में हैं उनमें कई पूर्व मंत्री भी रहे हैं। पूर्व मंत्री सह कांग्रेस नेता योगेंद्र साव तथा उनकी पत्नी सह वर्तमान विधायक निर्मला देवी कानूनी बाध्यताओं के कारण चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं। उनकी बेटी अंबा ने अपने माता-पिता की पूरी जिम्मेदारी उठा ली है और बड़कागांव में काफी सक्रिय भी हैं। कांग्रेस ने उन्हें टिकट भी दे दिया है। उनका मुकाबला अपने पिता के मुख्य प्रतिद्वंदी आजसू नेता रोशनलाल चौधरी से है।

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इधर, पूर्व मंत्री एनोस एक्का ने कोलेबिरा से अपनी बेटी को टिकट दिया है। इससे पहले वे स्वयं इस सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं। एनोस पारा शिक्षक हत्याकांड में संलिप्तता के आरोप में सजा होने के कारण इस बार चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं। हालांकि इससे पहले हुए उपचुनाव में उन्होंने अपनी पत्नी मेनोन एक्का को खड़ा किया था, लेकिन वे चुनाव हार गई थीं। इसी तरह, जमुआ के पूर्व विधायक सूकर रविदास की बेटी मंजू कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।

वहीं, पूर्व मंत्री सह झाविमो नेता रामचंद्र केशरी इस बार स्वयं चुनाव नहीं लड़कर अपने बेटे विजय केशरी को पार्टी के टिकट से भवनाथपुर सीट पर चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे बागुन सुम्बरई के बेटे विमल सुम्बरई हिटलर चाईबासा से जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। पार्टी ने इस सीट से उन्हें टिकट देने ने का निर्णय लिया है।

उपचुनाव में सीट बचाया, विधानसभा चुनाव में इसकी चुनौती

सिल्ली से पूर्व विधायक अमित महतो की पत्नी सीमा महतो का चुनाव लडऩा भी तय हो गया है। इसी तरह, गोमिया से पूर्व विधायक योगेंद्र महतो की पत्नी बबीता महतो चुनाव लड़ेंगी। झामुमो ने दोनों को टिकट दे दिया है। बता दें कि अमित महतो तथा योगेंद्र महतो को विभिन्न मामलों में सजा होने के बाद दोनों की सदस्यता चली गई थी। हालांकि इसके बाद हुए उपचुनाव में दोनों की पत्नियों ने अपने-अपने पति की सीटों को बचा लिया था। इस बार दोनों के समक्ष एक बार फिर सीट बचाने की चुनौती है।

दिग्गज नेताओं के ये संतान भी लड़ रहे चुनाव

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री दिनेश षाड़ंगी के बेटे कुणाल षाडंग़ी ने पिछला विधानसभा चुनाव झामुमो के टिकट पर जीता था। इस बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेता फुरकान अंसारी के बेटे इरफान अंसारी इस बार भी जामताड़ा से चुनाव मैदान में हैं। पलामू के धाकड़ नेता रहे विदेश सिंह के निधन के बाद उपचुनाव जीतने वाले बिट्टू सिंह को कांग्रेस ने इस बार भी भरोसा जताते हुए टिकट दिया है। इसी तरह, भाजपा नेता तथा विधायक रघुनंदन मंडल के निधन के बाद उपचुनाव जीतनेवाले अमित मंडल इस बार भी चुनाव मैदान में हैं। 


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