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Jharkhand Assembly Election 2019: प्रचार वार में भाजपा के आगे विरोधी पस्त, अकेले जूझ रहे हेमंत

Jharkhand Assembly Election 2019. भाजपा की टॉप टू बॉटम टीम पूरे झारखंड में सक्रिय है। विपक्ष की लड़ाई जुबानी जंग तक ही सीमित है। हेमंत की बदलाव यात्रा चर्चा में है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 11:02 AM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 05:21 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: प्रचार वार में भाजपा के आगे विरोधी पस्त, अकेले जूझ रहे हेमंत
Jharkhand Assembly Election 2019: प्रचार वार में भाजपा के आगे विरोधी पस्त, अकेले जूझ रहे हेमंत

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 - झारखंड में विधानसभा चुनाव से पूर्व की तैयारियों पर एक नजर डालें, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आगे विपक्षी खेमा कहीं नजर नहीं आ रहा है। भाजपा टॉप से बॉटम तक जहां पूरे झारखंड में सक्रिय है, वहीं विपक्षी खेमा अपने को सिर्फ बयानबाजी तक ही सीमित किए हुए हैं। हां, नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन (झामुमो) जरूर अकेले बूते कुछ मोर्चा लेते दिखाई दे रहे हैं। उनकी 'बदलाव यात्रा' भी चर्चा में रही है।

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भाजपा की सक्रियता का आलम यह है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह एक बार और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा डेढ़ माह में तीन बार अलग-अलग प्रमंडलों में झारखंड का दौरा कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 12 सितंबर को एक विशाल रैली की। हालांकि, यह कार्यक्रम सरकारी था, लेकिन झारखंड से पूरे देश को किसान मानधन योजना समेत कई सौगातें देने के स्पष्ट मायने थे।

'जोहार जन आशीर्वाद यात्रा' के रथ की कमान मुख्यमंत्री रघुवर दास स्वयं संभाले हुए हैं। वहीं, पार्टी के सभी मोर्चा अपने-अपने स्तर से सक्रिय हैं। बूथ इकाइयों की सक्रियता पर संगठन के स्तर से निगाह रखी जा रही है। इसके विपरीत, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को छोड़कर पूरा विपक्षी खेमा अब तक विधानसभा चुनाव को लेकर जमीनी स्तर पर सक्रिय नहीं हुआ है।

हेमंत की 'बदलाव यात्रा' जरूर चर्चा में रही, जिसका भाजपा के स्तर से कई बार पलटवार भी किया गया। जाहिर है 'बदलाव यात्रा' से भाजपा खेमे में कुछ बेचैनी देखी गई थी। वहीं, झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के प्रमुख बाबूलाल मरांडी की एक बड़ी जनसभा को छोड़ दें, तो पार्टी की पूरे प्रदेश में कहीं जमीनी स्तर पर सक्रियता नहीं दिखाई देती। हां, सोशल मीडिया पर सत्ता पक्ष और विपक्ष जरूर बराबर टकराते नजर आते हैं।

विपक्ष में सीटों का तालमेल भी अब तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सका है। विधानसभा चुनाव की सीधी जंग भाजपा-आजसू बनाम विपक्ष के साझा खेमे से होनी है। ऐसे में यदि विपक्ष दौड़ में अभी पिछड़ गया, तो आगे रेस में बने रहना खासा मुश्किल होगा।


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