Move to Jagran APP

Jharkhand Election 2019: सत्ता तो दूर, मजबूत विपक्ष भी नहीं बना पाए वाम दल; 2014 में 39 पर लड़े-सिर्फ एक जीते

Jharkhand Assembly Election 2019 झारखंड की राजनीति में वाम दल कभी भी मजबूत स्थिति में नहीं आ पाए। कुछ जगहों पर अपनी पारंपरिक सीट भी गंवा बैठे।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 08:35 PM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 08:35 PM (IST)
Jharkhand Election 2019: सत्ता तो दूर, मजबूत विपक्ष भी नहीं बना पाए वाम दल; 2014 में 39 पर लड़े-सिर्फ एक जीते
Jharkhand Election 2019: सत्ता तो दूर, मजबूत विपक्ष भी नहीं बना पाए वाम दल; 2014 में 39 पर लड़े-सिर्फ एक जीते

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 झारखंड की राजनीति में वाम दल कभी भी मजबूत स्थिति में नहीं आ पाए। कुछ जगहों पर अपनी पारंपरिक सीट भी गंवा बैठे। जनाधार घटता गया। इसका नतीजा यह निकला कि सत्ता तो दूर, वाम दल मजबूत विपक्ष भी नहीं बना पाए। पूर्व के विधानसभा चुनाव के नतीजों पर नजर दौड़ाएं तो वाम दलों को जनता का बहुत समर्थन मिलता नहीं दिखा है।

loksabha election banner

कामरेड महेंद्र सिंह की पारंपरिक सीट रही बगोदर की बागडोर उनकी हत्या के बाद उनके बेटे विनोद कुमार सिंह ने संभाली थी। 2005 व 2009 के विस चुनाव में बगोदर की जनता का पूरा समर्थन मिला और विनोद कुमार सिंह भाकपा माले के विधायक बने, लेकिन 2014 के चुनाव में उन्हें अपनी पारंपरिक सीट भी गंवानी पड़ी। इस सीट पर भाजपा के नागेंद्र महतो के हाथों उन्हें मात खानी पड़ी।

वर्ष : सीटों पर लड़े : जीते

  • 2005 : 28 : 01
  • 2009 : 33 : 01
  • 2014 : 39 : 01

2014 के चुनाव में भी भाकपा माले के पाले में सिर्फ एक ही सीट धनवार का आया था, जहां से राजकुमार यादव विधायक बने। जबकि, भाकपा माले ने राज्य की 39 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। वर्ष 2005 की बात करें तो भाकपा माले ने राज्य के 28 सीटों पर अपना प्रत्याशी उतारा था, लेकिन जनता ने पार्टी के सिर्फ एक ही विधायक को चुना। वर्ष 2009 के चुनाव में भाकपा माले ने 33 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे, लेकिन तब भी एक ही सीट जीतने में सफलता मिली।

अब अन्य वाम दलों की बात करें तो भाकपा, माकपा, एनसीपी किसी भी चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाई। हां मासस के अरुप चटर्जी निरसा सीट पर 2009 व 2014 में जीत दर्ज कर अपना सीट बचाए रहे। कभी नाला भाकपा के भुवनेश्वर मेहता व सिल्ली माकपा के राजेंद्र सिंह मुंडा की सीट हुआ करता था, वह जमीन भी छिन गई और दूसरे दल काबिज हो गए।

इस बार विधानसभा में दर्ज कराएंगे जोरदार उपस्थिति : दीपंकर  

भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में वाम दल बेहतर स्थिति में आएंगे। उनकी पार्टी सदन के बाहर व सदन के भीतर जनता की आवाज बनती रही है। जनता के बीच भाकपा माले ही नहीं, अन्य वाम दलों की पकड़ मजबूत हुई है, इसका फायदा वर्तमान चुनाव में मिलेगा। इस बार वाम दलों को सम्मानजनक सीटें मिलेंगी, यह उम्मीद है। भट्टाचार्य ने कहा कि हां यह सही है कि पूर्व के चुनाव में बेहतर नहीं कर पाए, लेकिन जनता ने पार्टी को कभी नकारा नहीं है, इसलिए इस चुनाव में इसका पार्टी को लाभ मिलेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.