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Jharkhand Election Result 2019: नौकरशाही में भी उलटफेर-खास अफसर निशाने पर, विनय चौबे निर्वाचन आयोग से लौटेंगे

Jharkhand Election Result 2019 राज्य में सत्ता परिवर्तन के साथ सबसे ज्यादा उथलपुथल राज्य के अफसरों में है। कुछ हुक्मरान इसकी आशंका से सहमे हुए हैैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 25 Dec 2019 07:35 AM (IST)Updated: Wed, 25 Dec 2019 08:38 AM (IST)
Jharkhand Election Result 2019: नौकरशाही में भी उलटफेर-खास अफसर निशाने पर, विनय चौबे निर्वाचन आयोग से लौटेंगे
Jharkhand Election Result 2019: नौकरशाही में भी उलटफेर-खास अफसर निशाने पर, विनय चौबे निर्वाचन आयोग से लौटेंगे

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Election Result 2019 राज्य में सत्ता परिवर्तन के साथ सबसे ज्यादा उथलपुथल राज्य के अफसरों में है। कुछ हुक्मरान इसकी आशंका से सहमे हुए हैैं। पिछली सरकार में सत्ता के इर्दगिर्द रहे अधिकारियों को लेकर अभी से सवाल उठने लगे हैं। खुद प्रोजेक्ट भवन इस तरह की बातों का गवाह बन रहा है। लगभग एक दर्जन अधिकारियों का कार्य व दायित्व बदले जाने की बात विभिन्न हलकों से छनकर निकली है। इनमें कृषि सचिव पूजा सिंघल, भवन निर्माण विभाग के सचिव सुनील कुमार, राजस्व सचिव केके सोन, स्वास्थ्य सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी, ऊर्जा वितरण निगम के एमडी राहुल पुरवार आदि शुमार हैं। इनमें से कई तो ऐसे हैं जो अपनी जगह पर तीन वर्ष या इससे अधिक समय से टिके हुए हैं। कुछ के खिलाफ आरोप भी सुर्खियों में रहे हैैं।

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लंबे समय से निर्वाचन आयोग में डटे विनय कुमार चौबे को भी मुख्यधारा में लाने की चर्चा जोरों पर है। कार्मिक सचिव के बदले जाने के पूरे आसार हैं जबकि अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को महती जिम्मेदारी दी जा सकती है। फिलहाल आवश्यक बदलाव तो होंगे लेकिन बड़े पैमाने पर बदलाव में थोड़ा वक्त लगेगा। विभागीय सचिवों को बेहतर प्रदर्शन के लिए भी वक्त मिलेगा। पहले उपायुक्तों को बदला जाएगा। कई उपायुक्तों पर झामुमो पहले से ही भाजपा के कैडर की तरह काम करने का आरोप लगाता रहा है। अब उनके बदले जाने की पूरी संभावना दिख रही है।

सूत्रों की मानें तो पूरे संताल परगना, धनबाद, बोकारो और कोल्हान के उपायुक्तों और पुलिस अधिकारियों को पहले दौर में बदला जाएगा। बहुत संभावना है कि इसके पूर्व कार्मिक विभाग की जिम्मेदारी किसी नए अधिकारी को दी जाए। ऐसे भी कार्मिक की जिम्मेदारी संभाल रहे अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल ने वीआरएस के लिए आवेदन किया था और आवेदन स्वीकृत होने के बावजूद रघुवर दास के आग्रह पर काम कर रहे थे। अधिकारियों की कमी इसके पीछे एक बड़ा कारण रही है।


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