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Jharkhand Election Result 2019: रघुवर पर कायम भाजपा का भरोसा, प्रदेश इकाई में बड़े फेरबदल के आसार

Jharkhand Election Result 2019 अगले वर्ष मार्च-अप्रैल में रिक्त हो रहीं हैं दो सीटों में से एक पर झारखंड से रघुवर दास राज्यसभा के लिए भेजे जा सकते हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 24 Dec 2019 09:30 PM (IST)Updated: Wed, 25 Dec 2019 07:41 AM (IST)
Jharkhand Election Result 2019: रघुवर पर कायम भाजपा का भरोसा, प्रदेश इकाई में बड़े फेरबदल के आसार
Jharkhand Election Result 2019: रघुवर पर कायम भाजपा का भरोसा, प्रदेश इकाई में बड़े फेरबदल के आसार

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Election Result 2019 झारखंड विधानसभा चुनाव में अपेक्षा के अनुरूप परिणाम न देने के बावजूद रघुवर दास ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का भरोसा नहीं खोया है। पार्टी रघुवर को वनवास में भेजने के बजाए उन्हें मुख्य धारा में रखेगी। उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर संगठन की जवाबदेही भी सौंपी जा सकती है। सोमवार को चुनाव परिणाम स्पष्ट होने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने खुद रघुवर से फोन पर बात कर उनका हौसला बढ़ाया था।

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संकेत साफ था शीर्ष नेतृत्व उन्हें नकारने नहीं जा रहा है। कार्यवाहक मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों की मानें तो उन्हें राज्यसभा चुनाव के माध्यम से उच्च सदन भेजा जा सकता है। झारखंड में अगले वर्ष राज्यसभा की दो सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं। पूर्व की सहयोगी आजसू का साथ मिला तो भाजपा राज्यसभा की एक सीट आसानी से हासिल कर सकती है। राज्यसभा चुनाव मार्च-अप्रैल में होने हैं। रिक्त होने वाली सीटें राजद के प्रेमचंद गुप्ता और परिमल नथवाणी की हैं। 

नीलकंठ या सीपी होंगे नेता विधायक दल

झारखंड विधानसभा में नीलकंठ सिंह मुंडा भाजपा विधायक दल के नेता की भूमिका में दिख सकते हैं। भाजपा विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगने की उम्मीद हैं। भाजपा विधायक दल की बैठक 28 दिसंबर को होने की बात कही जा रही है। नीलकंठ सिंह मुंडा के अलावा सीपी सिंह के नाम पर भी विचार हो सकता है। 

प्रदेश भाजपा में व्यापक फेरबदल के आसार

झारखंड विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद अब यह स्पष्ट हो चुका है कि भाजपा जल्द ही प्रदेश के ढांचे में फेरबदल करेगी। वैसे भी भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति का कार्यकाल अप्रैल में ही पूरा हो चुका है। चुनाव की दृष्टि से इसे विस्तार दिया गया था। माना जा रहा है कि जनवरी माह में टीम परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा का चुनाव भी हारे

वर्तमान संगठन पर विधानसभा में भाजपा की जीत की जवाबदेही थी, जीत तो छोडि़ए चुनाव में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ही चुनाव हार गए। लोकसभा चुनाव भी वह हारे थे। मुख्यमंत्री रघुवर दास और विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव भी बुरी तरह परास्त हुए। भाजपा ने अपने 13 वर्तमान विधायकों का टिकट काटा था और खुद के तथा आयातित 36 विधायकों पर इस चुनाव में दांव लगाया था इनमें 15 चुनाव हार गए। जाहिर है ऐसा परिणाम देने वाले प्रदेश नेतृत्व और टीम के साथ अब भाजपा आगे नहीं चलना चाहेगी। हालांकि संगठन में फेरबदल के लिए जल्दबाजी नहीं की जाएगी।

मजबूत आदिवासी चेहरे की तलाश

जनजातीय क्षेत्रों के लिए शुरू की गई तमाम योजनाओं के बावजूद भाजपा को आदिवासी सीटों पर सफलता नहीं मिली। राज्य की कुल 28 सीटों में से दो दर्जन पर भाजपा चुनाव हार गई। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा और अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राम कुमार पाहन दोनों चुनाव हार गए। जाहिर है कि जनजातीय क्षेत्रों में पैठ बनाने के लिए मजबूत आदिवासी चेहरे की तलाश है, जिसे प्रदेश के नेतृत्व की कमान सौंपी जा सके।


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