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Jharkhand Assembly Election 2019: सत्ता का द्वार खोलने को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने झोंकी ताकत

Jharkhand Assembly Election 2019. भाजपा के टॉप लीडरशिप सिर्फ जनसभा तक ही अपने को सीमित नहीं रख रही है। अमित शाह व नड्डा एक-एक विधानसभा सीट की समीक्षा कर रहे हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 01 Dec 2019 05:59 PM (IST)Updated: Sun, 01 Dec 2019 05:59 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: सत्ता का द्वार खोलने को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने झोंकी ताकत
Jharkhand Assembly Election 2019: सत्ता का द्वार खोलने को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने झोंकी ताकत

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 - झारखंड विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए महज एक राज्य का चुनाव भर ही नहीं रह गया है। महाराष्ट्र के नाटकीय घटनाक्रम के बाद अब झारखंड की जीत भाजपा की साख व प्रतिष्ठा से जुड़ गई है। आगे अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव पर भी झारखंड की जीत या हार का असर होगा, भाजपा इससे अनजान नहीं है। यही वजह है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने पूरी तरह से चुनाव की कमान अपने हाथ में ले ली है।

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अब तक चुनाव में भाजपा की शीर्ष टोली की भूमिका जनसभा के माध्यम से पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने तक ही सीमित रहती थी लेकिन इस बार टॉप लीडरशिप अपने को विधानसभावार तैयारियों की तह तक ले जा रही है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा चुनावी सभा के तत्काल बाद विधानसभावार कोर टीम की समीक्षा कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, रविशंकर प्रसाद, स्मृति इरानी भी ताबड़तोड़ सभाएं कर रहे हैं। पहले चरण में अमित शाह ने लोहरदगा में इसकी शुरुआत की थी। नड्डा ने भी पलामू में कोर टीम के साथ बैठक कर एकजुटता की नसीहत और जीत के मंत्र दिए थे। रविवार को भी चाईबासा की जनसभा के बाद नड्डा ने चाईबासा और जमशेदपुर में विधानसभावार बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की। इन बैठकों का बड़ा उद्देश्य पार्टी की अंदरूनी खेमेबंदी को समाप्त करना है।

स्पष्ट है भाजपा ने चुनाव प्रभारी ओम माथुर को जो जवाबदेही सौंपी थी वे उसमें खरे नहीं उतरे। केंद्रीय टीम का कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद का फर्क भी काफी हद तक पड़ा है। लोहरदगा में शाह की नसीहत के बाद आसपास के सभी विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा कार्यकर्ताओं में एकजुटता देखी गई थी।

हर रोज उतारे जा रहे केंद्रीय मंत्री, पीएम तीन को खूंटी व जमशेदपुर में करेंगे जनसभा

भाजपा ने स्टार प्रचारकों को सिर्फ चुनावी कोरम तक सीमित नहीं रखा है। प्रत्येक चरण के लिए हर रोज एक या दो केंद्रीय मंत्री को झारखंड में उतारा जा रहा है। कौन किस क्षेत्र में प्रभावी रहेगा इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है। धर्मेंद्र प्रधान जैसे नेताओं को ओडिशा से सटे विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार के लिए भेजने की यह एक बड़ी वजह है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिसंबर को खूंटी व जमशेदपुर में जनसभा करेंगे। नौ दिसंबर को उनका अगला दौरा बोकारो में हो सकता है।


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