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Jharkhand Assembly Election 2019: सत्ता का दूसरा द्वार खोलने को सबने झोंकी ताकत, स्टार प्रचारकों पर नजरें टिकीं

Jharkhand Assembly Election 2019 भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा चुनावी सभा के तत्काल बाद विधानसभावार कोर टीम की समीक्षा कर रहे हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 02 Dec 2019 09:32 AM (IST)Updated: Mon, 02 Dec 2019 03:55 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: सत्ता का दूसरा द्वार खोलने को सबने झोंकी ताकत, स्टार प्रचारकों पर नजरें टिकीं
Jharkhand Assembly Election 2019: सत्ता का दूसरा द्वार खोलने को सबने झोंकी ताकत, स्टार प्रचारकों पर नजरें टिकीं

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 झारखंड विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए महज एक राज्य का चुनाव भर ही नहीं रह गया है। महाराष्ट्र के नाटकीय घटनाक्रम के बाद अब झारखंड की जीत भाजपा की साख व प्रतिष्ठा से जुड़ गई है। आगे अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव पर भी झारखंड की जीत या हार का असर होगा, भाजपा इससे अनजान नहीं है। यही वजह है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने पूरी तरह से चुनाव की कमान अपने हाथ में ले ली है। अब तक चुनाव में भाजपा की शीर्ष टोली की भूमिका जनसभा के माध्यम से पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने तक ही सीमित रहती थी, लेकिन इस बार टॉप लीडरशिप अपने को विधानसभावार तैयारियों की तह तक ले जा रही है।

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पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा चुनावी सभा के तत्काल बाद विधानसभावार कोर टीम की समीक्षा कर रहे हैं। पहले चरण में अमित शाह ने लोहरदगा में इसकी शुरुआत की थी। रविवार को भी चाईबासा की जनसभा के बाद नड्डा ने चाईबासा, जमशेदपुर में विधानसभावार कोर टीम के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की। इतना ही नहीं, शाम राजधानी में रांची संसदीय सीट से जुड़ी सभी विधानसभा क्षेत्रों की कोर टीम के साथ बैठक की। बैठक में प्रत्याशी नहीं थे, लेकिन मंडल स्तर तक के पदाधिकारी जरूर रहे, जिन्हें बूथ के मोर्चे से निपटने के मंत्र दिए गए।

अमित शाह की सोमवार को दो जनसभाएं कोल्हान में हैं। जनसभा के तत्काल बाद शाह तीन बजे साकची में कोल्हान के सभी विधानसभा क्षेत्रों की कोर टीम के साथ बैठक करेंगे। शाह व नड्डा अपनी बैठकों में बूथ स्तर तक की तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। इन बैठकों का बड़ा उद्देश्य पार्टी की अंदरूनी खेमेबंदी को समाप्त करना भी बताया जा रहा है। स्पष्ट है शीर्ष टीम ने चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी की जवाबदेही जिन्हें सौंपी थी, वे उसमें खरे नहीं उतरे। केंद्रीय टीम का कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद का फर्क भी काफी हद तक पड़ रहा है। 

मोदी-शाह लगा रहे पूरा जोर, हर रोज उतारे जा रहे केंद्रीय मंत्री

भाजपा ने स्टार प्रचारकों को सिर्फ चुनावी कोरम तक सीमित नहीं रखा है। प्रत्येक चरण के लिए हर रोज एक या दो केंद्रीय मंत्री को झारखंड में उतारा जा रहा है। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, रविशंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी ताबड़तोड़ सभाएं कर रहे हैं। कौन किस क्षेत्र में प्रभावी रहेगा इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है। धर्मेंद्र प्रधान जैसे नेताओं को ओडिशा से सटे विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार के लिए भेजने की यह एक बड़ी वजह है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अमित शाह ने तो मोर्चा संभाल ही रखा है। अमित शाह सोमवार को चक्रधरपुर और बहरागोड़ा में चुनावी सभा करेंगे। जबकि पीएम मोदी तीन को खूंटी व जमशेदपुर में रहेंगे। पीएम की अगली जनसभा नौ दिसंबर को बोकारो में प्रस्तावित है।

प्रचार युद्ध तेज करेगा विपक्ष, किला बचाने की जद्दोजहद

झारखंड विधानसभा चुनाव पहले चरण के मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही और भी रोचक हो गया है। मतदान के रुझान से यूपीए खेमा उत्साहित है और अब उसने अन्य चरणों के लिए पूरी ताकत झोंकने की तैयारी कर ली है। अब तक यूपीए के लिए वन मैन आर्मी बने हुए हेमंत सोरेन को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का साथ भी मिला है। राहुल सिमडेगा से अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करेंगे। वे कांग्रेस के साथ-साथ महागठबंधन के उम्मीदवारों के लिए वोट मांगेंगे। आगे इस कड़ी में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम जुडऩे की बात भी कही जा रही है।

दूसरे चरण की सीटों पर कड़ा मुकाबला बनाए रखने की चुनौती

झारखंड में दूसरे चरण की जिन 20 सीटों के लिए चुनाव होना है, उनमें कोल्हान की सभी 13 सीटें शामिल हैं। संताल के बाद कोल्हान को झामुमो का गढ़ बताया जाता रहा है। लोकसभा चुनाव में भी चाईबासा सीट मोदी लहर के बावजूद यूपीए ने निकाल ली थी। इस बार भी झामुमो ने यहां अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। सीमित संसाधनों के माध्यम से अधिक से अधिक मतदाताओं को अपनी बात पहुंंचाने की जिम्मेदारी कार्यकर्ताओं को सौंपी गई है।

राहुल गांधी समेत अन्य स्टार प्रचारक संभालेंगे जिम्मा

कोल्हान वह क्षेत्र है, जहां से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा व मुख्यमंत्री रघुवर दास चुनाव लड़ रहे हैं। जाहिर है कि भाजपा यहां पूरी तैयारी से उतरी है। यूपीए खेमे को भी इस बात का पूरा एहसास है और इसी की इर्द-गिर्द पूरी रणनीति बुनी जा रही है। मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष को उन्हीं के गढ़ में घेर अन्य सीटों पर अपना प्रभाव बढ़ाने में झामुमो जुटी है। कांग्रेस का कैडर वोट भी इस क्षेत्र में पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। यहां कांग्रेस ने अपने तमाम सुस्त पड़े सारथियों को एक बार पुन: सक्रिय करना शुरू किया है। संभव है कि कांग्रेस के स्‍टार प्रचारक राहुल गांधी यहां भी चुनावी रैली करें।


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