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Jharkhand Election 2019: हमारे पत्थर से उनका विरमित्रापुर चमक रहा, हमारा बांसजोर गड्ढे में

Jharkhand Assembly Election 2019 सिमडेगा विधानसभा का बांसजोर और कंसबहाल झारखंड- ओडि़शा सीमा का आखिरी बूथ है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 04:54 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 05:01 PM (IST)
Jharkhand Election 2019: हमारे पत्थर से उनका विरमित्रापुर चमक रहा, हमारा बांसजोर गड्ढे में
Jharkhand Election 2019: हमारे पत्थर से उनका विरमित्रापुर चमक रहा, हमारा बांसजोर गड्ढे में

झारखंड के अंतिम बूथ से दिव्यांशु की रिपोर्ट। Jharkhand Assembly Election 2019 बांसजोर में करीब 250 घर हैं। यह झारखंड की ओडि़शा से लगती सीमा का आखिरी पोलिंग स्टेशन है। बूथ से 100 मीटर दूर जरमुड़ा नाला है, जो झारखंड को ओडि़शा से अलग करता है। इसी बूथ से वोट देकर निकले बिरसा टोपनो कहते हैं कि हम रहते भले झारखंड में हैं लेकिन हमारी जिंदगी पूरी तरह से ओडि़शा पर निभर्र है। इलाज हो, बाजार हो या रोजगार हमें ओडि़शा के विरमित्रापुर या राउरकेला ही जाना पड़ता है।

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सिमडेगा जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर बांसजोर का रास्ता गड्ढों से होकर ही गुजरता है। नेशनल हाइवे 143 जब सिमडेगा से निकलती है तो ठेठाईटांगर से बांसजोर तक कहां सड़क कही जाए यह समझ नहीं आता। जबकि बॉर्डर पार करते ही ओडि़शा के इलाके का बांसजोर चमकते सड़क के साथ आपका स्वागत करता है। खास बात यह है कि इसमें लगने वाला पत्थर सिमडेगा के खदानों से ही जाता है। लोगों को मलाल है कि अपना पत्थर अपने घर का गड्ढा ही नहीं भर पा रहा है।

बांसजोर की रुक्मिणी बाग कहती हैं कि नई सरकार से काफी उम्मीदें हैं। जिला मुख्यालय जाने वाली सड़क को दुरुस्त कराएं। साथ ही स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा मिलनी चाहिए। अदरकुंबा और सारुकोना दो पहाडिय़ों के बीच बसा बांसजोर किसी टापू की तरह है, जिसे उम्मीद झारखंड की सरकार से होनी चाहिए। जबकि वह नजर ओडि़शा की ओर लगाए रहता है। जयाकुमारी बाग कहती हैं कि पीने के पानी की बहुत समस्या है। नई सरकार से उम्मीद है कि हमारे लिए स्वच्छ पानी का इंतजाम करे। हमने इसी के लिए वोट किया है।

बांसजोर बूथ पर अपना वोट डालकर रामजोड़ी के रहने वाले सोमारु गंझू और फगुआ प्रधान काम करने वापस वरिमत्रापुर लौटते हैं। उनका कहना है कि यहां कोई रोजगार ही नहीं है। उद्योग की तो छोडि़ए खेती के लिए भी पूरे इंतजाम नहीं हैं। कम से कम सिंचाई की सुविधा हो जाए तो हम सब्जी के खेती कर राउरकेला के बाजार में बेच सकते हैं। रोजगार के इंतजाम के लिए हम नई सरकार से उम्मीद करते हैं। कंसबहाल के बूथ पर वोट देकर निकले कृष्णा बड़ाईक ओडि़शा का आदर्श झारखंड के सामने रखते हैं।

कहते हैं बॉर्डर पर उनके टूरिज्म डिपार्टमेंट का बोर्ड देखिए, वहां ओडि़शा आने पर स्वागत करता हुआ बोर्ड लगा है। जबकि 50 किलोमीटर दूर हमारा रामरेखा धाम है इसकी जानकारी देते हुआ बोर्ड आपको कहीं नजर नहीं आएगा। उनकी नई सरकार से आस है कि झारखंड का गौरव बहाल करें। बांसजोर में जब कोई बाहर से आए तो उसे लगे कि देश के सबसे समृद्ध राज्य के द्वार पर उसका स्वागत हो रहा है।


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