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Jharkhand Election 2019: बयानों के धारदार हथियार, चुटीले अस्त्रों से एक-दूसरे को घेर रहे नेताजी

Jharkhand Assembly Election 2019 झारखंड विधानसभा चुनाव का सफर उपलब्धियों और वादों से हुआ था शुरू लेकिन अब बदले हुए माहौल में पलटवार पर अधिक जोर है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 10:31 AM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 01:12 PM (IST)
Jharkhand Election 2019: बयानों के धारदार हथियार, चुटीले अस्त्रों से एक-दूसरे को घेर रहे नेताजी
Jharkhand Election 2019: बयानों के धारदार हथियार, चुटीले अस्त्रों से एक-दूसरे को घेर रहे नेताजी

रांची,राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 झारखंड विधानसभा चुनाव के महासमर की जंग दूसरे द्वार के करीब पहुंचकर रोचक हो गई है। राजनीतिक दल अब अधिक पैने और धारदार हथियार से सामने वाले दलों पर हमलावर है। बयानों के तीखे बोल एक दूसरे को भेदने का माद्दा रखते हैं। चाहे सत्ताधारी दल भाजपा हो या कांग्रेस-झामुमो। आजसू हो या झाविमो सभी राजनीतिक दल इस चुनाव में अपने बयानों के तीर से सधे हुए निशाने साध रहे हैं। चुनाव का सफर उपलब्धियों और वादों को जनता के बीच ले जाने से शुरू हुआ था लेकिन अब बदले हुए माहौल में पलटवार पर अधिक जोर है। राजनीतिक दल अपने वादों को गिनाने से कहीं अधिक सामने वाले राजनीतिक दल की कमियों को उजागर करने को आतुर दिख रहे हैं। राजनीति का सिद्धांत भी यही कहता है, अटैक इज द बेस्ट डिफेंस। सो हमले जारी है। 

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भाजपा

  • कांग्रेस और झामुमो की राजनीति छल व स्वार्थ की। ये सत्ता में वापसी के लिए छटपटा रहे हैं और झूठ बोल रहे हैं।
  • झामुमो ने अपने 14 माह के कार्यकाल में स्थानीय नीति पर कोई निर्णय नहीं लिया, लाखों युवा सरकारी नौकरियों से वंचित रह गए।
  •  कांग्रेस को गणतंत्र नहीं 'गनतंत्र' पर भरोसा। इन्हें अपनी पार्टी का नाम आइएनसी की जगह आइपीसी रख लेना चाहिए। जहां 'पी' का तात्पर्य पिस्टलधारी हो।
  •  झामुमो ने धरती बेची, पाताल बेचा, संसद में वोट बेचा, अब चुनाव में टिकट भी बेच दिया। 
  • विपक्ष की नजर सिर्फ और सिर्फ यहां की प्राकृतिक संपदा पर है। झारखंड को लूटना ही उनका एजेंडा है।

झामुमो

  • महाराष्ट्र और हरियाणा में भी डबल इंजन, 200 पार और 75 पार का राग अलापा गया। जनता इनके झांसे में नहीं फंसी। यहां भी नहीं आएगी।
  • क्यों भाजपा सिलेंडर और प्याज की बढ़ती कीमतों पर मौन है? जब तक लोगों की आंखों में आंसू न हो तब तक भाजपा नेताओं को चैन नहीं मिलता है। डबल लूट की इस सरकार ने गरीब और मध्यम वर्ग की रसोई पर भी धावा बोल दिया है।
  • भाजपा की सरकार ने पांच सालों तक सिर्फ लूटने का काम किया। ये लुटेरों की सरकार है। मोमेंटम झारखंड के नाम पर सिर्फ लूट हुई है।
  • भाजपा सरकार तानाशाह है। सत्ता के लालच में आकर संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रहीं हैं। युवा रोजगार की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं।
  • भाजपा की सरकार बनते ही सीएनटी-एसपीटी एक्ट पर धावा बोला गया। मुंह की खानी पड़ी तो भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन कर हजारों एकड़ जमीन लूट ली। यह सब झारखंडियों को बर्बाद करने के लिए।
  • राज्य में डर का माहौल है। घोटालों का बाजार लगा हुआ है। अब रघ़ुवर और उनके हवा-हवाई मोमेंटों झारखंड वाले हाथी को सिक्कड़ से बांधकर छत्तीसगढ़ छोड़कर आएंगे।

कांग्रेस

  • आदिवासियों की जल, जंगल, जमीन किसी को छीनने नहीं देंगे। कांग्रेस के कारण रुका सीएनटी एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव।
  • केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार गरीबों से जमीन लेकर अपने धनकुबेर दोस्तों अडाणी, अंबानी को देना चाहती है। बैंकों का पैसा बांटा और अब लैंड बैंक बांटेंगे।
  • भाजपा राज में किसान और गरीब आत्महत्या करने को मजबूर हुए। महिलाओं की सुरक्षा की फिक्र नहीं।
  • आदिवासियों को राजद्रोह के मुकदमे में सरकार ने फंसाया। अब बरगलाकर उन्हीं से मांग रही वोट।
  • कांग्रेस सत्ता में आई तो छत्तीसगढ़ मॉडल पर किसानों का कर्ज माफ होगा। गरीब, किसानों और आदिवासियों की रक्षक है कांग्रेस।

झाविमो

  • विदेशों में रोड शो, ग्लोबल समिट, होर्डिंग-बैनर पर सरकार ने 900 करोड़ रुपये लूटा दिए। एक भी उद्योग नहीं लगे।
  • यह कैसा विकास। अब झारखंड के किसान भी आत्महत्या करने लगे। भूख से मौत सुर्खियां बनने लगी।
  • पांच वर्षों में पलायन का ग्राफ बढ़ गया। सैकड़ों लघु और कुटीर उद्योग बंद हो गए। बेरोजगारी परवान पर है।
  • यह कैसी सरकार। आधार लिंक नहीं कराने के नाम पर ढाई लाख वृद्धाओं, विधवाओं, दिव्यांगों की पेंशन रोक दी।
  • भाजपा और आजसू दोनों एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। जब गठबंधन नहीं तो भाजपा ने सिल्ली में प्रत्याशी क्यों नहीं उतारा?

आजसू

  •  झामुमो-कांग्रेस की दो ही पूंजी झूठ और लूट है। इनकी लूट की चर्चा दूसरे राज्यों में होती रही। लूट और लाभ के लिए ही दोनों एक हुए हैं।
  • चुनावी मैदान में दोस्ती नहीं कुश्ती होगी। आजसू बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी। दूसरे दल देंगे हमें समर्थन।
  • गांव से सरकार चलानेवाली सरकार बनाएं। आजसू की सरकार बनी तो गांव की चौपाल से सरकार चलेगी
  • झारखंडी भावना को सिर्फ आजसू समझती है। चुनाव राज्य के मुद्दे से लड़े जाते हैं दिल्ल्ली-पंजाब से नहीं।
  • पिछड़ों के आरक्षण की मांग जायज साबित हुई। अब चुनाव आ गया तो सभी पार्टिंया इसका समर्थन कर रही हैं।

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