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Jharkhand Assembly Election 2019: वोटों का बिखराव और ध्रुवीकरण ही होगा जीत का मंत्र Hazaribagh Ground Report

Jharkhand Assembly Election 2019. हजारीबाग विधानसभा सीट पर लंबे समय तक राज परिवार का दबदबा रहा है। कांग्रेस और भाजपा में संघर्ष होता रहा है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 02 Dec 2019 09:36 PM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 11:30 AM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: वोटों का बिखराव और ध्रुवीकरण ही होगा जीत का मंत्र Hazaribagh Ground Report
Jharkhand Assembly Election 2019: वोटों का बिखराव और ध्रुवीकरण ही होगा जीत का मंत्र Hazaribagh Ground Report

हजारीबाग, जासं। Jharkhand Assembly Election 2019 - हजारीबाग विधानसभा शुरू से ही अहम रही है। आजादी से पहले यह इलाका रामगढ़ राज परिवार की रियासत में थे। आजादी के बाद भी यहां की राजनीति में रामगढ़ राजघराने का दबदबा रहा। लोकसभा से लेकर विधानसभा तक में उन्हीं की पार्टी के लोग यहां से जीतते थे। राजा कामाख्या नारायण सिंह का रसूख ऐसा था कि कद्दावर नेता और बिहार सरकार में भू राजस्व मंत्री रहे कृष्ण बल्लभ सहाय को भी राजा की नीतियों का विरोध करने की वजह से यहां चुनाव में मुंहकी खानी पड़ी थी।

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राज परिवार का यह दबदबा 60 के दशक तक कायम रहा। बाद में कामाख्या नारायण सिंह के निधन के बाद अन्य पार्टियों ने यहां पांव जमाया। झारखंड गठन के बाद की बात करें तो 2005 और 2009 में रामगढ़ राज परिवार के ही कांग्रेस नेता सौरव नारायण सिंह यहां से दो बार विधायक रहे। 2014 में भाजपा के मनीष जायसवाल ने यह सीट उनसे झटकी। हजारीबाग के चुनाव प्रचार में पहली बार हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल भी राजा कामाख्या नारायण सिंह ने ही किया था।

लंबे समय से यहां कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी लड़ाई होती रही है। हालांकि पिछले चुनाव में निर्दलीय प्रदीप प्रसाद ने भाजपा के मनीष जायसवाल को कड़ी टक्कर दी थी। इस बार हजारीबाग में भाजपा प्रत्याशी विधायक मनीष जायसवाल को टक्कर देने कांग्रेस से डॉ. आरसी मेहता और झाविमो के मुन्ना सिंह मैदान में हैं।  2014 में भाजपा के मनीष जायसवाल ने निर्दलीय प्रत्याशी प्रदीप प्रसाद को 27 हजार वोटों से हराकर जीत दर्ज की थी।

तब से लेकर अब तक  विधायक ने क्षेत्र में रहकर अपनी स्थिति को मजबूत बनाने की लगातार कोशिश की है। इस चुनाव में भाजपा समेत सभी प्रमुख प्रत्याशियों की पूरी रणनीति अपने वोट बैंक के ध्रुवीकरण और विरोधियों के वोटों के बिखराव पर टिकी है। उधर 2014 के चुनाव में अपनी जमानत जब्त करा चुकी कांग्रेस नए चेहरे के साथ मजबूती से चुनाव लडऩे की जगह आपसी अंतर्कलह से उलझी नजर आती है।

29 नवंबर  को प्रदेश चुनाव उपप्रभारी उमंग सिंघार के सामने ही कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं का आपस में उलझना भी पार्टी की काफी फजीहत करा गया। ऐसे में अपने वोटरों को साधने में कांग्रेस को काफी मेहनत करनी होगी। कांग्रेस प्रत्याशी जातीय गोलबंदी और अल्पसंख्यक वोट बैंक को साधने में लगे हैं। वही दो साल से प्रत्यक्ष रूप से क्षेत्र में सक्रिय मुन्ना सिंह मैदान में खूब पसीना बहा रहे हैं। उनकी रणनीति कांग्रेस के अल्पसंख्यक वोट बैंक में सेंधमारी के अलावा दूसरे वर्ग और सरकार विरोधी मतों को एकजुट बनाने में लगी।

चुनाव प्रचार के दौरान बेरोजगारी समेत अन्य मुद्दों को प्रमुखता से उठा रहे हैं। इन सब के बीच भाजपा ने हजारीबाग में अपना किला मजबूत किया है। लोकसभा चुनाव में भी यह दिखाई दिया था। करीब 91 हजार वोटों से भाजपा ने बढ़त बनाई थी। भाजपा फिर उसी रणनीति पर काम कर रही है। वोट बैंक को एकजुट रखने और विपक्ष के वोटों के गणित को बिगाडऩे में लगी है। उधर भाजपा प्रत्याशी भी पांच साल की उपलब्धियां लेकर लोगों के बीच जा रहे है। सरकार और अपने कार्य को प्रमुखता से बता रहे हैं।

तीन बड़े मुद्दे

1.पर्यटन स्थल का विकास

हजारीबाग के पर्यटन स्थलों का अपेक्षित विकास नही हो पाया है। कनहरी हिल को लेकर कोई योजना नही बनी। झील का अपेक्षित विकास नही हुआ।

2. हजारीबाग स्टेशन और रेल

हजारीबाग में लंबी दूरी की ट्रेन नही मिलने से लोगों में निराशा है। स्टेशन व रेलखंड के उद्घाटन के बाद भी अब तक हजारीबाग स्टेशन से कोई लंबी दूरी की ट्रेन नही मिल सकी है।

3. ट्रैफिक

ट्रैफिक व्यवस्था फेल है। शहर के लोग जाम से हर दिन परेशान रहते हैं। शहर का अधिकांश मार्ग में ट्रैफिक जाम बड़ी समस्या बन गई है।

'हमने पांच साल के लोगों की निस्वार्थ भाव से सेवा की है। सड़कों का जाल बिछा है। मेडिकल कॉलेज से लेकर कई अन्य कार्य हुए हैं। मैं जनता के बीच अपने काम को रख रहा हूं। मुझे पूरा भरोसा है कि मुझे लोगों का भरपूर समर्थन मिलेगा।' -मनीष जायसवाल, विधायक व भाजपा प्रत्याशी।

'सरकार ने युवाओं से रोजगार छीना है। हर वर्ग के लोगों में नाराजगी है। भ्रष्टाचार चरम पर है। सरकार ने लोकहित में कोई कार्य नही किया। हजारीबाग की भी यही स्थिति है। झाविमो के लोग समर्थन देंगे। मैं लगातार क्षेत्र में सक्रिय था। मेरा लोग समर्थन करेंगे।' -मुन्ना सिंह, झाविमो प्रत्याशी।

'मैं हजारीबाग को मॉडल शहर के रुप में विकसित करुंगा। पिछली सरकार लोगों को मूलभूत सुविधाएं नही दे पाई। कांग्रेस सभी अपेक्षाएं पूरी करेंगी। क्षेत्र का विकास होगा। राष्ट्रीय मानचित्र में हजारीबाग का लेकर आऊंगा।' -डॉ. आरसी मेहता, कांग्रेस प्रत्याशी।

2014 चुनाव परिणाम

मनीष जायसवाल, भाजपा-  89675 - 36 फीसद

प्रदीप प्रसाद, निर्दलीय-   62546 - 26 फीसद

हजारीबाग में कुल वोटरों की संख्या - 372027

पुरुष मतदाता - 196783

महिला मतदाता - 175243


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