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Jharkhand Election Result 2019: बड़े रणनीतिकार बनकर उभरे हेमंत, विकास बनाम बदलाव में महागठबंधन भारी

Jharkhand Election Result 2019 झामुमो अपनी बदौलत सबसे बड़ी पार्टी बनने की ओर अग्रसर है और संभावित सरकार का नेतृत्व भी जाहिर तौर पर इनके हाथ में ही होगा।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 23 Dec 2019 08:35 PM (IST)Updated: Mon, 23 Dec 2019 09:50 PM (IST)
Jharkhand Election Result 2019: बड़े रणनीतिकार बनकर उभरे हेमंत, विकास बनाम बदलाव में महागठबंधन भारी
Jharkhand Election Result 2019: बड़े रणनीतिकार बनकर उभरे हेमंत, विकास बनाम बदलाव में महागठबंधन भारी

खास बातें

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  • एकता, सूझबूझ और समन्वय से पहुंचीं शीर्ष पर, शुरू से अंत तक रहा तालमेल
  • भाजपा खेमे में सीटों के बंटवारे पर हुआ विवाद भी विपक्षी दलों को फायदा दे गया
  • स्थानीय मुद्दों पर जनता के बीच अपनी मजबूत पकड़ साबित करने में सफल हुईं विरोधी पार्टियां

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Election Result 2019 झारखंड विधानसभा चुनाव में विकास बनाम बदलाव के मुद्दे पर सभी पार्टियों ने जोर लगाया, लेकिन महागठबंधन सत्तापक्ष पर भारी पड़ा। सत्ता पक्ष ने केंद्रीय मुद्दों और विकास के आधार पर चुनाव लड़ा लेकिन जनता को यह रास नहीं आया। वहीं, विपक्षी महागठबंधन बदलाव के नाम पर मैदान में उतरा और सबको आकर्षित करने में सफल रहा। स्थानीय मुद्दों पर महागठबंधन ने जनता का विश्वास हासिल किया। पार्टियों के बीच आपसी एकता, समन्वय और सूझबूझ के आधार पर झामुमो, कांग्रेस और राजद ने बढ़त बनाने में सफलता हासिल की। झामुमो अपनी बदौलत सबसे बड़ी पार्टी बनने की ओर अग्रसर है और संभावित सरकार का नेतृत्व भी जाहिर तौर पर इनके हाथ में ही होगा।

महागठबंधन ने चुनाव के प्रारंभ से ही सूझबूझ का परिचय दिया और बढ़त बनाने में सफलता हासिल की। उम्मीद लगाई जा रही थी कि नेतृत्व और सीटों के बंटवारे पर विवाद होगा लेकिन सूझबूझ और तालमेल से विवादों से किनारा कर लिया गया। नतीजा यह रहा कि विपक्षी गठबंधन को जनता ने हाथोंहाथ लिया। वहीं विकास के मुद्दे पर चुनाव लडऩे उतरी भाजपा ने अपने नेताओं के खिलाफ ही कार्रवाई कर विवादों को आमंत्रित किया और धीरे-धीरे विवाद बढ़ते गए। राजनीतिक पंडितों की मानें तो कम विवाद होना ही विपक्षी महागठबंधन के पक्ष में गया।

इतना ही नहीं, कांग्रेस और राजद ने सार्वजनिक तौर पर हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चुनाव लडऩे और जीतने पर मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा कर न सिर्फ अपनेआप को बल्कि झामुमो को भी बढ़त दिला दी। इस मुद्दे पर विवाद भी नहीं हुआ। यही कारण था कि लोगों में विश्वास जगा और झामुमो के पक्ष में जमकर वोट गिरे। पिछले चुनाव में भाजपा की सीटों से लगभग आधी सीटों पर जीत हासिल करनेवाली पार्टी झामुमो राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और हेमंत साफ तौर पर मुख्यमंत्री के दावेदार के रूप में उभरे।


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