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Jharkhand Assembly Election 2019 : सियासी मतभेद भुलाकर रात को टूट जाती है दलों की दीवार

Jharkhand Assembly Election 2019. को-ऑपरेटिव कॉलेज के बाहर स्ट्रांग रूम की निगरानी में लगे राजनीतिक दलों के कैंप में रात भर चहल-पहल रहती है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 19 Dec 2019 09:39 AM (IST)Updated: Thu, 19 Dec 2019 11:06 AM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019 : सियासी मतभेद भुलाकर रात को टूट जाती है दलों की दीवार
Jharkhand Assembly Election 2019 : सियासी मतभेद भुलाकर रात को टूट जाती है दलों की दीवार

 जमशेदपुर, जासं। Jharkhand Assembly Election 2019 झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में पूर्वी सिंहभूम जिला का मतदान सात दिसंबर को समाप्त हो गया था। उसके बाद सभी छह विधानसभा (जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी, पोटका, जुगसलाई, घाटशिला व बहरागोड़ा) के ईवीएम व वीवीपैट जमशेदपुर को-आपरेटिव कालेज स्थित स्ट्रांग रूम में रखे गए हैं।

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हालांकि जिला प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं, इसके बावजूद हर प्रमुख राजनीतिक दल के कार्यकर्ता चौबीस घंटे डटे हुए हैं। जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय उम्मीदवार सरयू राय के अलावा भाजपा, कांग्रेस, झामुमो व झाविमो के टेंट लगे हैं। दिन भर इन कैंपों में अपने-अपने दलों के कार्यकर्ता-समर्थक आते हैं, हालचाल पूछते हैं। नाश्ता-भोजन का दौर चलता है। दोपहर बाद कोई लूडो-कैरम, ताश खेलकर समय बिताता है, तो कोई गपशप, कहानी, चुटकुले और देश-दुनिया की खबरों में मशगूल रहता है।

रात के दस बजते ही बदल जाता माहौल

स्ट्रांग रूम के बाहर आधी रात को आजसू के कैंप में ढोलक बजाते कार्यकर्ता।

शाम तक यही माहौल रहता है, लेकिन जैसे रात के 10 बजते हैं, पूरा माहौल बदल जाता है। चहल-पहल बढ़ जाती है। खाने-पीने का दौर शुरू होते ही दलीय बंधन टूट जाते हैं। जैसे-जैसे रात गहराने लगती है, सभी टेंट में हलचल बढ़ जाती है। एक-दूसरे के टेंट में जाकर हाय-हैलो शुरू हो जाती है। खान-पान की सामग्री साझा होने लगती है, तो इसका लुत्फ उठाते हुए हंसी-ठहाकों का दौर चलने लगता है। इसमें खास बात यह होती है कि अपने उम्मीदवार, दल या राजनीति की बातें नहीं होतीं।

बन जाता दोस्‍ताना माहौल

स्ट्रांग रूम के बाहर आधी रात को आजसू के कैंप में ढोलक बजाते कार्यकर्ता।

दोस्ताना माहौल बन जाता है, जिसमें कटुता का स्थान नहीं होता। रात भर हंसी-ठहाकों का सिलसिला जारी रहता है। भोर तीन-चार बजे से अधिकांश कार्यकर्ता अपने-अपने टेंट में सोने चले जाते हैं, जिनमें से कई की नींद सुबह 10-11 बजे खुलती है। तब तक दूसरे कार्यकर्ता उनका स्थान लेने आ जाते हैं। इसके बाद एक-एक करके रात ड्यूटी वाले कार्यकर्ता अपने-अपने घर रवाना होते हैं। कालेज परिसर का यह माहौल 20 दिसंबर तक रहेगा, क्योंकि 21 दिसंबर से सभी टेंट हटा दिए जाएंगे। 21 व 22 की रात को राजनीतिक दलों-उम्मीदवारों के कार्यकर्ता स्ट्रांग रूम के पास साइकिल-बाइक स्टैंड के पास बने कैंप में शिफ्ट हो जाएंगे। वैसे भी अब सभी को 23 दिसंबर को होने वाली मतगणना का इंतजार है।

 

स्ट्रांग रूम के बाहर आधी रात को आजसू के कैंप में ढोलक बजाते कार्यकर्ता।


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