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Jharkhand Assembly Election 2019: हटिया में निर्माण पर जोर, समस्याओं का अब भी है शोर

Jharkhand Assembly Election 2019. हटिया विधानसभा में बिजली पानी सड़क और जलभराव से निपटना अब भी चुनौती बनी हुई है। जगह-जगह गंदगी का भी अंबार दिखता है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 03:08 PM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 03:08 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: हटिया में निर्माण पर जोर, समस्याओं का अब भी है शोर
Jharkhand Assembly Election 2019: हटिया में निर्माण पर जोर, समस्याओं का अब भी है शोर

रांची, जासं। Jharkhand Assembly Election 2019 - हटिया विधानसभा क्षेत्र यूं तो भाजपा की पारंपरिक सीट रही है, लेकिन झारखंड अलग राज्य बनने के बाद इस इलाके ने अन्य दलों को भी मौका दिया। वर्तमान विधायक नवीन जायसवाल यूं तो झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के टिकट पर चुनाव जीते थे, लेकिन बाद में इन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। इस चुनाव में हटिया ऐसी सीट है जहां भाजपा को उम्मीदवारी तय करने में पसीने छूटेंगे।

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नवीन विधायक हैं तो पिछले चुनाव की उपविजेता समेत कई दावेदार टिकट के लिए दस्तक दे रहे हैं। विधायक के तौर पर नवीन के प्रदर्शन की बात करें तो क्षेत्र में इन्होंने कई काम कराए हैं, लेकिन इस क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों में वर्षों से चली आ रही बिजली, पानी और जलजमाव की समस्याओं का संतोषजनक निदान देने में वे विफल रहे। इस क्षेत्र की पहचान शैक्षणिक दृष्टिकोण से भी बेहतर है।

भौगोलिक दृष्टिकोण से यह इलाका काफी महत्वपूर्ण है। शहरी और ग्रामीण दोनों ही इलाके इसके अंतर्गत आते हैं। हवाई अड्डे से लेकर केंद्र और राज्‍य सरकार के कई महत्वपूर्ण कार्यालय और संस्थान इस विधानसभा क्षेत्र में हैं। वहीं शैक्षणिक दृष्टकोण से भी यह क्षेत्र अहम है। इस क्षेत्र में कई प्रसिद्ध निजी स्कूल व तकनीकी संस्थान हैं। हालांकि सरकारी स्कूलों में शिक्षा की स्थिति लचर है। इन स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है।

हिनू स्थित एयरपोर्ट से सटे गांव हेथू और हुण्डरू के लोग बिजली, सड़क, समेत कई बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। वहीं हरमू, विद्यानगर, गंगानगर, यमुना नगर, रातू रोड, मधुकम आदि इलाकों में लोग जलसंकट व जलजमाव से परेशान रहते हैं। रातू रोड और उससे सटे इलाकों में जलजमाव एक बड़ी समस्या है। सड़क व नालियों का भी अभाव है। जगह-जगह गंदगी का भी अंबार दिखता है। जलजमाव की समस्या से जूझ रहे हरमू के विद्यानगर के लोगों ने तो दो साल पहले विधायक के लापता होने का पोस्टर लगा दिया था।

अभी हाल ही में हटिया के ओबरिया इलाके में भी लोगों ने सड़क बनाने की मांग को ले विधायक के खिलाफ प्रदर्शन किया है। उपलब्धियों का आकलन करें तो विधायक ने नगड़ी, रातू, हरमू, हटिया, नामकुम आदि इलाकों में सड़क, सामुदायिक भवन, स्टेज, श्मशान शेड, गेट, चबूतरा, धुमकुडिय़ा भवन, स्कूल, जलमीनार, पानी की छोटी टंकियां आदि का निर्माण और मरम्मत कार्य कराया है।

रातू प्रखंड में कई जगह पानी की छोटी टंकी और बड़ी जलमीनार के माध्यम से जलापूर्ति की सुविधा भी उपलब्ध कराई। रातू प्रखंड में स्वास्थ्य उपकेंद्र का निर्माण व खादगढ़ा स्थित सब्जी मार्केट व शेड का निर्माण भी इन्हीं के खाते में है। नामकुम प्रखंड के चंदाघासी व बाजपुर गांव में जलापूर्ति की सुविधा उपलब्ध कराई। जगह-जगह हैंडपंप भी लगवाए, लेकिन इन सबके बावजूद क्षेत्र में काफी कुछ किया जाना बाकी है।

आमने-सामने

हर इलाके में किया काम : नवीन

पूरे विधानसभा क्षेत्र में मैंने लोगों की हर समस्या का निराकरण किया। सड़क, अस्पताल, स्कूल, पानी की टंकी से लेकर कई निर्माण कार्य कराए। बिजली, रोजगार और स्वास्थ्य की सुविधा व अवसर बढ़ाने के लिए लगातार काम किया। पूरे विस क्षेत्र में आरईओ व पीडब्ल्यूडी के माध्यम से 1200 करोड़ की लागत से विभिन्न सड़कों का निर्माण कराया। वहीं विधानसभा निर्माण के क्रम में विस्थापितों के लिए 212 करोड़ की लागत से आवासीय कॉलोनी का निर्माण किया गया।

रातू प्रखंड की शहरी क्षेत्र में आने वाली पांच पंचायतों के विकास के लिए 125 करोड़ का डीपीआर तैयार किया गया है। वहीं शुद्ध पेयजलापूर्ति के लिए अमृत योजना के तहत 4.50 करोड़ की योजना तैयार की गई है। जनता की हर आवाज पर हमेशा उपलब्ध रहा। हर इलाके में लोगों के बीच रहा। उनके दुख-दर्द में भी हमेशा साथ रहा और सदैव रहूंगा।

जिस वोट से जीते, उनके साथ विश्वासघात किया : आलोक

वर्तमान विधायक सरकार में इसलिए आए ताकि वे धन अर्जित कर सकें। उन्होंने आठ साल तक सिर्फ दलाली कर कमाई की, राजनीति नहीं की। जिस वोट से जीत कर आए, उनके साथ विश्वासघात किया। हटिया विधानसभा हाई प्रोफाइल सीट है। इस क्षेत्र से सीएम व पीएम गुजरते हैं। बावजूद इसके सड़के में गड्ढेे हैं या गड्ढे में सड़क, पता ही नहीं चलता। क्षेत्र में गंदगी का भी अंबार है। विद्यानगर व गंगानगर में स्थानीय लोगों ने 2017-18 में पोस्टर लगाया था, लापता हैं विधायक।

विधायक को ढूंढने वाले का इनाम दिया जाएगा। नगड़ी रेलवे स्टेशन व विधानसभा के ठीक पीछे कोयला डंपिंग यार्ड में वसूली होती है। विस्थापितों का क्या हाल है, यह आप भी देख सकते हैं। लोधमा के विस्थापित प्रदूषण से बीमार हो चुके हैं। कई घरों में जवान बेटों की मौत हो चुकी है। 32 गांव के लोग आज भी अपने हमदर्द की बाट जोह रहे हैं।

पांच बड़े मुद्दे

1. जल संकट

नवीन : योजनाओं की धीमी गति के कारण पाइपलाइन निर्धारित समयावधि में नहीं बिछाया जा सका। इसके समाधान के लिए लगातार प्रयासरत हूं।

आलोक : हाईकोर्ट व डोरंडा क्षेत्र में भी पीने के पानी के लिए लोग तरस रहे हैं। बिरसा चौक, हटिया, लोधमा समेत कई क्षेत्रों में पाइपलाइन की सुविधा नहीं है।

2. शिक्षा के साधनों की कमी

नवीन : रातू व नगड़ी में कस्तूरबा गांधी विद्यालय बनवाना बड़ी उपलब्धि है। इसका लाभ लोगों को मिल रहा है। भविष्य में और भी काफी कुछ करना है।

आलोक : यदि सरकारी विद्यालय अच्छे हो जाएं तो निजी स्कूलों में लोग अपने बच्चों को क्यों भेजेंगे। जिन स्कूलों में 4,500 बच्चे थे, वहां अब मात्र 700-800 बच्चे रह गए हैं।

3. स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव

नवीन : रातू प्रखंड के टिकरा टोली में 70 बेड के अस्पताल का निर्माण कराया गया। उसामातु में बड़ा अस्पताल का निर्माण हुआ है। हटिया में 14 करोड़ की लागत से अस्पताल का शिलान्यास।

आलोक : विधानसभा में कुछ स्वास्थ्य केंद्र बने हैं, जो इनके सौजन्य से नहीं है। बिजली विभाग व मेकॉन के सहयोग से स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण कराया गया है।

4 रोजगार का संकट

नवीन : कौशल विकास और अन्य योजनाओं के माध्यम से रोजगार के अवसर सृजित किए गए। कई रोजगार मेला लगाए। स्वरोजगार और व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए कई काम किए। 

आलोक : क्षेत्र में कोई उद्योग या कारखाना नहीं लगा। विधायक ने पांच सौ लोगों को भी रोजगार दिया हो तो बताएं, मैं राजनीति से सन्यास ले लूंगा।

5. बिजली का संकट

नवीन : बिजली की हालत में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए। कई विद्युत उपकेंद्र भी बनवाए। पहले की अपेक्षा आपूर्ति में सुधार हुआ है।

आलोक : क्षेत्र के लोगों को आज भी बिजली नसीब नहीं है। पुंदाग व हुरहुरी गांव के लोग आज भी शिकायत करते रहते हैं। 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की लोग कल्पना भी नहीं करते।

जनता का मिजाज

विकास के काम में विधायक ने थोड़ा ध्यान दिया है, लेकिन शिक्षा और रोजगार के लिए कोई ठोस काम नहीं किया है। इलाके में स्कूलों की हालत अच्छी नहीं है। रोजगार सृजन के लिए कोई ठोस काम नहीं किया गया। पढ़े-लिखे रोड पर बेकार घूम रहे हैं। -अरविंद कुमार पांडेय, हटिया। 6/10 अंक।

हमारे इलाके में पानी की समस्या है। उसका कोई पक्का समाधान नहीं हुआ। हर साल गर्मी में हालत खराब होती है। सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। पानी के लिए लोगों को काफी दूर जाना पड़ता है। लाइन में भी खड़े रहना होता है। -अनुराग, हीनू। 3/10 अंक।

वोट लेने के बाद विधायक हमें भूल गए हैं। कई योजनाएं हैं हमारे लिए जिसका लाभ हमें नहीं मिल पा रहा है। मगर सुनने वाला कोई नहीं है। हमारे बच्चों के लिए शिक्षा और रोजगार से जुड़ा कोई काम नहीं हुआ। -संतोष मंडल, एचईसी सेक्टर-दो। 5/10 अंक।

कई इलाकों में स्थायी मार्केट की जरूरत है। रोड के किनारे सालों से दुकानें लगा रहे हैं। विधायक से कर्ई बार मार्केट के बारे में लोगों ने गुहार लगाई है, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। कई काम विधायक ने अच्छे भी किये हैं। सड़क, सफाई तथा शिक्षा की व्यवस्था पहले से अच्छी हुई है। -वीर मंडल। 8/10 अंक।

विधानसभा क्षेत्र : एक नजर में

कुल मतदाता : 4,05,871

पुरुष मतदाता : 2,12,376

महला मतदाता : 1,93,479

विधानसभा चुनाव 2014 का परिणाम

नवीन जायसवाल (झाविमो) 88,228

सीमा शर्मा (भाजपा)      80,210

लोकसभा चुनाव 2019 में स्थिति

संजय सेठ (भाजपा) : 1,02382  

सुबोधकांत सहाय (कांग्रेस) : 69421


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