Jharkhand Election 2019: चुनाव की मार किसान बेजार, औने-पौने दाम में बिक रहा धान
Jharkhand Election 2019 चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण धान के समर्थन मूल्य की घोषणा नहीं हुई है। जिसके कारण बिचौलियों को औने-पौने दाम में किसान धान बेच रहे है।
रांची, जासं। Jharkhand Election 2019 हाड़तोड मेहनत के बाद किसानों ने धान की फसल तैयार की। अब जब फसल तैयार हो गई है, तो चुनाव के कारण पैक्सों से खरीद नहीं हो पा रही है। बेचारे किसान औने-पौने दाम में बिचौलियों को धान बेचने को मजबूर हैं। इस बार समर्थन मूल्य की घोषणा अब तक नहीं होने से वे परेशान हैं। पिछले वर्ष सुखाड़ के कारण प्रदेश भर में 70 फीसद धान सूखे की भेंट चढ़ गए थे। इस बार बारिश के कारण धान की अच्छी फसल हुई है। किसानों की जिलास्तर पर सूची तैयार कर ली गई है। लेकिन, खरीद शुरू नहीं हो सकी है।
लोहरदगा में 40050 टन धान का आच्छादन
लोहरदगा जिले में धान खरीद को लेकर सरकार के स्तर से अब तक प्रयास नहीं हो पाया है। जिला कृषि पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार का कहना है कि उन्हें इस संबंध में अब तक कोई भी सूचना नहीं मिली है। लोहरदगा जिले में 47 हजार हेक्टेयर में धान आच्छादन का लक्ष्य था। इसके विपरीत जिले में 40,050 हेक्टेयर में धान आच्छादन हुआ, जो लक्ष्य का 85.21 फीसद था। इसके आधार पर जिले में लगभग 1200 टन धान उत्पादन की उम्मीद की जा रही है। हालांकि, यह आंकड़ा फिलहाल अनुमान के आधार पर है। अभी तक अंतिम रूप से रिपोर्ट तैयार नहीं की जा सकी है।
गढ़वा में मतगणना के बाद शुरू होगी खरीद
गढ़वा जिले में ज्यादातर किसानों की धान की फसल कटकर तैयार है। मगर अभी तक जिले में धान क्रय केंद्र खोले नहीं गए हैं। इस कारण किसान बिचौलियों एवं व्यापारियों के हाथों औने पौने दाम पर धान बेचने को विवश हैं। जिले में 55 हजार हेक्टेयर में धान आच्छादन का लक्ष्य रखा गया था। लक्ष्य के विरुद्ध 80 फीसद धान की फसल का आच्छादन किया गया था। इसके अनुसार लगभग 44 हजार हेक्टेयर भूमि में धान की फसल लगाई गई थी। जिला आपूर्ति पदाधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि धानक्रय केंद्र खोले जाने के संबंध में अभी किसी प्रकार का निर्देंश प्राप्त नहीं हुआ है। आदेश मिलने के बाद धान क्रय केंद्र खोले जाएंगे। हालांकि, धान की खरीद की जिम्मेदारी एफसीआइ को सौंपी जानी है। संभावना है कि मतगणना के बाद धान की खरीदारी शुरू होगी।
लातेहार में बिचौलियों को धान बेच रहे हैं किसान
लातेहार जिले में कई स्थानों पर धान की कटाई जारी है। कई जगह किसान फसल तैयार कर सरकार की ओर मुंह ताक रहे हैं। अब तक जिले में धान क्रय केंद्र खोले नहीं गए हैं। नतीजतन, किसान औने पौने दाम पर धान बेच रहे हैं। जिले में 46 हजार हेक्टेयर में धान आच्छादन का लक्ष्य था। जिला कृषि पदाधिकारी एके मिश्रा ने बताया की चुनाव को लेकर अभी खरीद नहीं हो रही है। उपायुक्त के मार्गदर्शन पर किसानों के सहायतार्थ धान क्रय की व्यवस्था की जाएगी। वहीं, चतरा में धान क्रय के लिए अब तक प्रशासन द्वारा केंद्र का निर्धारण नहीं किया गया है, किसान बिचौलियों के हाथों धान बेच रहे हैं।
सिमडेगा में विभाग को अब तक खरीद को लेकर कोई निर्देश नहीं
सिमडेगा में धान क्रय को लेकर विभाग को कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। जिला कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार चौधरी ने बताया कि चुनाव संपन्न होने के बाद ही इस संबंध में अग्रेत्तर कार्रवाई की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष सिमडेगा में लक्ष्य के सापेक्ष करीब 70 फीसद धान के उत्पादन की संभावना है।
हजारीबाग में धान खरीद नहीं होने से हावी हो रहे बिचौलिए
खरीफ मौसम में इस वर्ष भी जिले में 84 हजार हेक्टेयर धान आच्छादन का लक्ष्य रखा गया था। इसके विरुद्ध वास्तविक आच्छादन करीब 85 फीसद ही हो पाया था। जिले में कुल 71,400 हेक्टेयर में ही उपज मिल पाई है। इधर जिले में गिनती के धान क्रय केंद्र्र खोले गए हैं। विगत वर्षों में कई किसानों को धान क्रय की समुचित राशि नहीं मिल पाई। इस कारण किसानों ने इन क्रय केंद्रों में धान भेजने में कम उत्साह दिखाया। धान क्रय केंद्रों में धान नहीं पहुंचने से जिले में बिचौलिये हावी हो गए हैं। एक तो चुनाव के कारण भी धान क्रय केंद्र समुचित रूप से सक्रिय नहीं हो पाया, वहीं अंतिम समय मे जब खलिहान में धान का बोझा रखा हुआ था कि मौसम की मार भी किसानों को झेलना पड़ा। इस बारे में जिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि सभी किसानों को अपने धान को सुरक्षित रखते हुए समय रहते क्रय केंद्रों में भेज देना चाहिए। इससे उन्हें सरकार द्वारा निर्धारत समर्थन मूल्य मिल जाएगा।