Move to Jagran APP

Jharkhand Assembly Election 2019: दिल्ली में तय होगा महागठबंधन का स्वरूप, रांची में घोषणा

Jharkhand Assembly Election 2019 तीन दिन बाद दिल्ली से बुधवार को हेमंत सोरेन वापस लौटेंगे। इसके बाद संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में महागठबंधन के सीटों की घोषणा की जाएगी।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 05 Nov 2019 07:43 PM (IST)Updated: Tue, 05 Nov 2019 07:43 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: दिल्ली में तय होगा महागठबंधन का स्वरूप, रांची में घोषणा
Jharkhand Assembly Election 2019: दिल्ली में तय होगा महागठबंधन का स्वरूप, रांची में घोषणा

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर दबाव की राजनीति के बीच महागठबंधन का स्वरूप दिल्ली में तय होगा और इसकी घोषणा रांची में की जाएगी। रविवार से नई दिल्ली में कैंप कर रहे हेमंत सोरेन की मंगलवार देर शाम तक सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं हो सकी थी और उन्होंने बिना मिले ही वापस लौटने का मन बना लिया था। बुधवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की कार्यसमिति की बैठक में हेमंत सोरेन मौजूद रहेंगे। इसी बैठक में गठबंधन पर भी चर्चा होगी।

loksabha election banner

इस बीच, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने अलग-अलग जगहों पर दिए बयान में रांची में सीटों की घोषणा होने की बात कही है। इसके पूर्व दिल्ली में गठबंधन के स्वरूप पर मुहर लगाई जाएगी। महागठबंधन में झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के लिए भी रास्ता निकाला जा रहा है। विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन की कवायद और तेज हो गई है।

झारखंड विकास मोर्चा को शामिल करने अथवा नहीं करने पर लगातार मंथन के बाद दबाव में झामुमो तैयार हो गया है। हालांकि, सीनियर नेताओं की मुलाकात इस मुद्दे पर नहीं हो सकी है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व फिलहाल महाराष्ट्र संकट पर फोकस कर रहा है और मुलाकात नहीं होने का यही कारण है। कांग्रेस नेता अहमद पटेल और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह के निर्देश अचानक दिल्ली पहुंचे झारखंड के नेताओं ने उन्हें अपनी मांगों से अवगत करा दिया है। प्रदेश चुनाव समिति की अनुशंसा भी केंद्रीय टीम को सौंप दी गई है। बुधवार को नई दिल्ली में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की भी बैठक है। इसमें पहले दो चरण के लिए उम्मीदवारों के नाम पर फैसला हो जाएगा।

इस बीच, महागठबंधन में झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी को शामिल करने के लिए प्रदेश कांग्रेस ने अपने मसौदे से आलाकमान को अवगत करा दिया है। झाविमो को शामिल करने की स्थिति में कांग्रेस कुछ सीटें छोडऩे को तैयार है और यही झामुमो से भी उम्मीद की जा रही है। अब देखने की बात होगी कि दबाव की राजनीति का यह दौर कहां तक चलता है और किसे कितनी सफलता मिलती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.