Jharkhand Assembly Election 2019: झारखंड चुनाव की प्रचार सभाओं ने देशभर में बटोरी सुर्खियां
Jharkhand Assembly Election 2019 विकास बनाम बदलाव से शुरू हुए चुनाव पर पार्टियों के निजी एजेंडे भारी पड़े। डेढ़ माह के प्रचार में तकरीबन हर प्रकार के रंग देखने को मिले।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 झारखंड विधानसभा चुनाव की प्रचार सभाओं ने इस बार राष्ट्रीय स्तर पर जैसी सुर्खियां बटोरी, वैसा पहले कभी नहीं देखा गया। डेढ़ माह के चुनाव के दौरान यहां प्रचार के तकरीबन सभी रंग देखने को मिले। विकास के एजेंडे से शुरू हुआ चुनाव प्रचार अनुच्छेद 370, तीन तलाक, आयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) जैसे राष्ट्रीय स्तर के संजीदा मुद्दों पर तीखी बहस से होते हुए गुजरा।
पांचवें और अंतिम चरण का चुनाव प्रचार बुधवार को समाप्त हो गया है और इसके साथ ही चुनाव की तीखी ध्वनि का सुर भी थम गया है, लेकिन इस इस चुनाव की गूंज लंबे समय तक याद की जाएगी। यह महज संयोग रहा कि अयोध्या विवाद से जुड़ा फैसला झारखंड विधानसभा चुनाव के बीच ही आया और इस फैसले ने पूरे चुनाव की दिशा बदलनी शुरू कर दी। भाजपा की तमाम रैलियों में जहां इस मुद्दे और भव्य मंदिर निर्माण का जिक्र किया गया वहीं विपक्ष की ओर से हर घर मंदिर और हर गरीब राम का पलटवार किया गया।
चर्चा भव्य राम मंदिर निर्माण तक ही सीमित नहीं रही। तीन तलाक और अनुच्छेद 370 ने भी विकास के एजेंडे को पीछे धकेला। चुनाव आगे बढ़ता रहा और विकास बनाम बदलाव की बात करने वालों के मंच से विकास का एजेंडा मात्र स्थान की पूर्ति करता भर नजर आया। तीन चरण के मतदान की प्रक्रिया तक आरोप-प्रत्यारोप का स्वर कुछ ज्यादा ही तीखा हो चला। रही-सही कसर संसद में नागरिकता संशोधन बिल के पेश और पारित होने ने पूरी कर दी। चौथे और पांचवें चरण का चुनाव नागरिकता संशोधन कानून के इर्द-गिर्द ही रहा। चर्चा यहां हुई, बहस दिल्ली में और बवाल पूरे देश में। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कानून का विरोध करने वाले राजनीतिक दल कांग्र्रेस और उसके सहयोगी दलों को झारखंड की धरती से चेतावनी दी। तो प्रियंका गांधी ने चुनाव प्रचार के अंतिम दिन इस बिल को लेकर प्रधानमंत्री पर सीधा निशाना साधा।