Jharkhand Election 2019: कांग्रेस का तंज, चौथे चरण में दम तोड़ देगी भाजपा; RPN बोले-मोदी मुद्दे पर क्यों नहीं बोलते
Jharkhand Assembly Election 2019 प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी ने संताल परगना को अभेद्य किला बताया कहा कि इस चुनाव के बाद भाजपा कहीं नजर नहीं आएगी।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दुमका रैली के बाद कांग्रेस ने कुछ सवाल उछाले हैैं। प्रदेश मुख्यालय में मीडिया से रूबरू प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह ने पूछा है कि प्रधानमंत्री झारखंड के स्थानीय मुद्दों पर क्यों नहीं बोलते? उन्होंने दावा किया कि लगातार पांच साल तक जनता के सवालों को लेकर कांग्रेस ने संघर्ष किया। इसका परिणाम है कि चुनाव में लोगों का व्यापक समर्थन मिल रहा है और भाजपा मुख्य मुकाबले से बाहर हो गई है। यह भी कहा कि चौथे चरण के पंद्रह विधानसभा क्षेत्रों में विपक्षी महागठबंधन का परचम लहराएगा। भाजपा कहीं नजर नहीं आएगी।
आरपीएन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री पूरे भाषण के दौरान सिर्फ कांग्रेस की ही चर्चा करते रहे। जबकि, हमने कभी भी प्रधानमंत्री को गाली नहीं दिया है। प्रधानमंत्री ने एक बार भी भूख से हुई मौत पर कुछ नहीं कहा। किसानों की आत्महत्या को लेकर भी उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की। बेरोजगारी को लेकर युवाओं का लगातार हो रहा पलायन, कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, दुष्कर्म पर एक शब्द भी प्रधानमंत्री ने नहीं कहा। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की चर्चा की, लेकिन उन 4,532 बंद किए गए स्कूलों पर चुप्पी साधे रहे।
झारखंड में और पूरे देश में वहशीपन की घटना बढ़ रही है। बच्चियां हैवानियत की शिकार हो रही हैं। इसके बारे में भी प्रधानमंत्री ने कोई चर्चा नहीं की। वे दुमका की धरती से जल-जंगल-जमीन को मुद्दा समझते हुए सुरक्षित रखने की गारंटी दे रहे थे, उसी संताल में रघुवर दास की सरकार ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट, वनों का अधिकार कानून, भूमि अधिग्रहण कानून का उल्लंघन किया और किसानों की जमीन अडानी कंपनी को दी।
भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार का आलम यह है कि संताल के एक मंत्री सार्वजनिक रूप से इसमें लिप्त देखे गए, तो दूसरी तरफ बोकारो के विधायक ने अश्लीलता की हदें पार कर दी। यह कहा जा सकता है कि भाजपा मानसिक के साथ-साथ आर्थिक तौर पर पूरी तरह भ्रष्टाचार के चंगुल में है।
चौथे चरण में दम तोड़ देगी भाजपा
प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने दावा किया है कि चौथे चरण के चुनाव में भाजपा दम तोड़ देगी। तीन चरणों में स्पष्ट हार की आहट से प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री की भाषा की मर्यादा भी लगातार गिरती जा रही है। अपनी उपलब्धियों को बताने के बजाय कांग्रेस को कोसने में उनका ज्यादा समय उनका व्यतीत हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्थानीय मुद्दे, भूख से मौत, किसानों की आत्महत्या, नक्सलवाद, स्कूल का बंद होना, दुष्कर्म की घटनाएं बढऩा, दिनदहाड़े हत्याओं पर मुंह नहीं खोलते, सिर्फ जुमलों की बारिश करते हैैं।
प्रधानमंत्री कहते हैं कि लाखों करोड़ रुपये झारखंड को दिए, तो उन्हें यह भी बताना चाहिए कि वह पैसे आखिरकार कहां गए। नक्सलवाद पर भाजपा के नेता और प्रधानमंत्री भी बार-बार बोलते हैं, किंतु वे इस सच्चाई से मुंह मोड़ते हैैं कि नक्सलवाद इतना बढ़ गया है कि झारखंड में चुनाव पांच चरणों में कराना पड़ रहा है। इसका नतीजा है कि झारखंड का व्यापार चौपट हो चुका है। व्यापार के लिए नकद 50,000 रुपये ले जाना भी परेशानी का सबब बन चुका है। स्कूल लगातार बंद हो रहे हैं, जिससे पढ़ाई बाधित हो रही है और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।