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Jharkhand Assembly Election 2019: मनिका में मुद्दों से ज्यादा जातिगत समीकरण हावी

Jharkhand Assembly Election 2019. मनिका में भाजपा व राजद के बीच कांटे की टक्कर। इस बार भाजपा विधायक हरिकृष्ण सिंह को पार्टी ने किया बेटिकट। रघुपाल मैदान में हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 02:56 PM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 02:56 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: मनिका में मुद्दों से ज्यादा जातिगत समीकरण हावी
Jharkhand Assembly Election 2019: मनिका में मुद्दों से ज्यादा जातिगत समीकरण हावी

लातेहार, [उत्कर्ष पांडेय]। Jharkhand Assembly Election 2019 - प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण लातेहार का मनिका विधानसभा क्षेत्र संताल जनजाति बहुल है। यहां चेरो जाति के लोग भी बड़ी संख्या में हैं। कभी चेरो वंश के शासकों का पलामू प्रमंडल के बड़े इलाके पर राज था। पलामू किला आज भी इसकी गवाही देता है। नेतरहाट की हसीन वादियां जहां इस इलाके की शान हैं वहीं बेतला नेशनल पार्क भी देशभर के पर्यटकों को खींचता है। शुरूआत से ही राजद और भाजपा के बीच जंग का अखाड़ा बनता रहा है।

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2005 के चुनाव में यहां से राजद के रामचंद्र सिंह ने जीत हासिल की और इस सीट से पहले विधायक बने। 2009 के चुनाव में यहां से भाजपा के हरिकृष्ण सिंह विधायक चुने गए। वह वर्तमान में भी विधायक हैं, लेकिन इस बार भाजपा ने हरिकृष्ण का टिकट काटकर रघुपाल सिंह को प्रत्याशी बना दिया है। वहीं राजद छोड़कर रामचंद्र सिंह कांग्रेस में शामिल हुए और पार्टी ने उन्हें टिकट भी दिया।

यहां भाजपा एक तरफ नमो लहर के सहारे जीत का दावा कर रही है, वहीं कांग्रेस पार्टी जातीय आधार पर वोटों के गुणा-गणित में भी जुटी हुई है। साथ ही मुस्लिम मतों में भी सेंधमारी की जोरदार कवायद की जा रही है। जातिगत समीकरण साधने के लिए प्रत्याशियों ने रणनीति के तहत हर जाति के स्थानीय और बाहरी चेहरों को चुनावी कुरुक्षेत्र में उतार रखा है।

जातीय समीकरण पर है पूरा ध्यान

चुनाव प्रबंधन से जुड़े एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि मनिका विधानसभा सीट पर पिछले तीन दशक से हर चुनाव में जातीय समीकरण हावी रहते हैं। इसके आगे विकास और बेहतरी के दावे कम असर कर पाते हैं। प्रत्याशियों और उनकी पार्टी का पूरा ध्यान इस ओर भी है कि सभी जाति के मतदाताओं को अपने पक्ष में किया जाए। जैसे-जैसे मतदान की तिथि करीब आती जा रही है, पार्टी नेताओं की सक्रियता बढ़ती जा रही है। वहीं खरवार मतदाताओं को रिझाने के लिए कई नेताओं को लगाया गया है। वहीं युवा मतदाताओं को लुभाने के लिए विविध प्रकार की कोशिश की जा रही है।

मतदाताओं को रिझाने के लिए स्थानीय चेहरे सक्रिय

जातीय समीकरण के अनुसार मतदाताओं को रिझाने के लिए स्थानीय चेहरों को भी पार्टी ने सामने कर रखा है। वैश्य मतदाताओं के लिए तो कई नामों की लंबी-चौड़ी फेहरिस्त है जो अपनी जाति के मतदाताओं से मेल जोल बढ़ा रहे हैं। इनके साथ ही यादव व दलित समेत अन्य जातियों के लिए भी पार्टियों ने पूरी तैयारी कर रखी है। मुस्लिम मतदाताओं में पैठ बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। अल्पसंख्यक मोर्चा के नेताओं तक को मुस्लिम बस्तियों में लगाया गया।

क्षेत्र के तीन बड़े मुद्दे

1. रोजगार की समस्या

यहां रोजगार के अभाव में लोग दूसरे इलाके में पलायन कर जाते हैं। पिछले तीन बार के चुनावों में रोजगार का सृजन एक बड़ा मुद्दा रहा है।

2. ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण

मनिका विधानसभा क्षेत्र में राजा मेदिनीराय के तीन किले हैं, तीनों किले जीर्ण -शीर्ण अवस्था में पहुंचते जा रहे हैं। इस चुनाव में प्रत्याशियों के बीच किलों का संरक्षण भी एक प्रमुख मुद्दा है।

&. गांवों का विकास

मनिका विधानसभा में विकास एक बड़ा मुद्दा है। इस विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों में आज तक बिजली नहीं पहुंच पाई है। सड़क, पानी और स्वास्थ्य की समस्या का भी समाधान नहीं हो सका है।

2014 का परिणाम

जीते -  हरिकृष्ण सिंह (भाजपा) - &158&

हारे  - रामचंद्र सिंह (राजद) - &0500

'मनिका विधानसभा में लगातार दो बार से भाजपा के विधायक रहे हैं। प्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण इस इलाके के लोगों को आज भी समस्याओं से जूझना पड़ता है। इस बार के चुनाव में मुझे जीत मिली तो विधानसभा क्षेत्र की सभी समस्याओं का स्थाई निदान किया जाएगा।' -रामचंद्र सिंह, प्रत्याशी कांग्रेस।

'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में देश विकास के पथ पर अग्रसर है। बीते दो बार के चुनाव में विधायक हरिकृष्ण सिंह ने खूब विकास किया है। जिले के पहले डिग्री कॉलेज समेत कई सौगात विधायक ने इलाके को दी है। चुनाव में जीत हासिल कर विकास के लिए इतिहास रचा जाएगा।' -रघुपाल सिंह, प्रत्याशी, भाजपा।


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