Jharkhand Assembly Election 2019: भाजपा में हाशिये पर खड़े नेता झामुमो के निशाने पर
Jharkhand Election 2019. कई आपराधिक मामलों के आरोपी समीर मोहंती को लड़ाकर फजीहत मोल लेगा झामुमो। आपराधिक मामलों में फंसे दो विधायक गंवा चुके हैं विधानसभा की सदस्यता।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 - अपने दो विधायकों के पाला बदलकर भाजपा में शामिल होने से बिफरी झामुमो के लंबे-चौड़े दावे बुधवार को हवा में उड़ गए। इसके जवाब में झामुमो ने भाजपा के समीर मोहंती को फिर से दल में वापसी कराई है। कई आपराधिक मामलों में फंसे समीर मोहंती भाजपा में बड़े अरमान से गए थे, लेकिन वहां हाशिये पर चले गये। विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाने के लिए उन्होंने झामुमो का दामन थामा है। इससे झामुमो के भितरखाने विरोध भी है और कुछ कद्दावर नेता नाराज हैं।
यह भी कहा जा रहा है कि आपराधिक मामलों में आरोपित समीर को लेकर झामुमो ने आरंभ में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। जबकि विधायक कुणाल षाड़ंगी के झामुमो छोड़ने के साथ समीर मोहंती के समर्थकों ने यह दावा करने किया था कि वे दो-तीन दिन में झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो जायेंगे और उसी के टिकट पर अगला चुनाव लड़ेंगे। समीर मोहंती ने भी जनता का मूड भांपने के नाम पर कुछ बक्से भिजवाए थे और दो दिन में फैसला लेने का दावा किया था, लेकिन फैसला टलता गया।
समीर मोहंती का आपराधिक इतिहास झामुमो के लिये मुसीबत बन सकता है कि वह किस आधार से ऐसे रिकाॅर्ड वाले प्रत्याशियों के खिलाफ आवाज उठाएगी। उन पर चोरी, छिनताई से लेकर सरकारी काम में बाधा डालने व अधिकारियों के साथ मारपीट तक के कई मुकदमे चल रहे हैं। ऐसे ही मामलों में 2014 के विधानसभा चुनाव में जीते अमित महतो और योगेंद्र प्रसाद की सदस्यता जा चुकी है। झामुमो को इस बात की भी आशंका है कि कहीं ऐसा ना हो कि टिकट मिलते साथ समीर गिरफ्तार हो जाएं और पार्टी बिना लड़े एक सीट गंवा बैठे।