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Jharkhand Elections 2019: भाजपा को भरोसा, आजसू से कायम रहेगा मेल; ऐसे चल रहा शह-मात का खेल

Jharkhand Assembly Election 2019 सियासी बिसात पर दोनों दल एक-दूसरे से आगे रहने चाहते हैं बावजूद दोनों को भरोसा है कि उनका मेल बनेगा रहेगा। गठबंधन टूटेगा नहीं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 08:40 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 08:40 PM (IST)
Jharkhand Elections 2019: भाजपा को भरोसा, आजसू से कायम रहेगा मेल; ऐसे चल रहा शह-मात का खेल
Jharkhand Elections 2019: भाजपा को भरोसा, आजसू से कायम रहेगा मेल; ऐसे चल रहा शह-मात का खेल

रांची, राज्य ब्यूरो। भाजपा और आजसू का गठबंधन रहेगा या नहीं आज झारखंड की सियासत का सबसे बड़ा प्रश्न है। सियासी बिसात पर दोनों दल एक-दूसरे से आगे रहने चाहते हैं, बावजूद दोनों को भरोसा है कि उनका मेल बनेगा रहेगा। गठबंधन टूटेगा नहीं। सहयोगी दल के दावे वाली सीट पर उम्मीदवार देना, उनके नेताओं को अपने दल में शामिल कराने की कवायद दोनों ओर से जारी है। हालांकि अब तक शीर्ष स्तर से दोनों दल एक-दूसरे पर खुले तौर पर हमला करने से बच रहे, गठबंधन टूटा है या बचा इस पर भी होंठ सिले हैं।

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भाजपा के झारखंड प्रदेश लक्ष्मण गिलुवा ने न सिर्फ गठबंधन बने रहने का दावा किया बल्कि यह भी कहा कि आजसू ऐसे सभी सीटें जहां जिच की स्थिति बनीं हुई है वहां से अपने प्रत्याशी वापस लेगा। गिलुवा का स्पष्ट संकेत चक्रधरपुर व उन अन्य सीटों को लेकर था जहां आजसू ने अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र से गिलुवा खुद प्रत्याशी हैं। कभी आजसू को हद में रहने और उसे महज आठ सीट के दायरे में रखने का बयान देने वाले गिलुवा का सुर बुधवार को अपने सहयोगी के प्रति नरम दिखा।

उन्‍होंने कहा, हम आजसू को सम्मानजनक स्थिति में रखेंगे। हमने बीच का रास्ता निकाल भी लिया है। समझौता होते ही आजसू कुछ सीटों से प्रत्याशी विड्रा कर लेगा। कहा, पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व लगातार मंथन कर रहा है। हम गठबंधन के तहत ही चुनाव लड़ेंगे। सम्मान जनक स्थिति क्या होगी और बीच का रास्ता क्या है। इस पर गिलुवा कुछ खुलकर नहीं बोले। लेकिन इतना स्पष्ट जरुर हो गया कि 10-4 का जो फार्मूला दिन भर चर्चा में रहा वो हवा में नहीं था।

सीट शेयरिंग पर आजसू अब भी अड़ा

हालांकि एनडीए के गठबंधन में गांठ अभी भी बरकरार है। सीट शेयङ्क्षरग को लेकर आजसू अब भी अपने स्टैंड पर कायम है। भाजपा छोड़कर एक दिन पूर्व आजसू में शामिल होनेवाले राधाकृष्ण किशोर ने जहां भाजपा प्रत्याशी के विरोध में छतरपुर से नामांकन दाखिल कर दिया, वहीं पार्टी ने भी कहा कि वह अपने स्टैंड पर कायम है और इसपर भाजपा को जवाब देना है। आजसू अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा कि सीट शेयरिंग के साथ-साथ कॉमन एजेंडा के रूप में संयुक्त घोषणापत्र जारी करने की भी बात आनी चाहिए। भाजपा द्वारा आजसू को दस सीटें देने तथा तीन-चार सीटों पर दोस्ताना संघर्ष की चर्चा के सवाल पर कहा कि इस तरह की कोई अधिकृत सूचना उनके पास नहीं आई है। जब अधिकृत सूचना या जवाब उनके पास आ जाएगा तो वे भी जवाब देंगे।

संभावनाएं

भाजपा का प्लान

  1. -गठबंधन बनाए रखने के लिए भाजपा, आजसू कोटे की सीटें बढ़ा सकती है। इस शर्त के साथ कि वह कुछ सीटें जिन पर उसने प्रत्याशी दे टकराव की स्थिति पैदा की है, उन्हें वापस ले। इनमें लक्ष्मण गिलुवा की चक्रधरपुर सीट भी शामिल है।
  2. -आजसू के साथ सहमति न बनने की स्थिति में भाजपा सभी सीटों पर उतारेगी प्रत्याशी। लोहरदगा में प्रत्याशी देने के साथ ही हुसैनाबाद में भी भाजपा ने विनोद कुमार के रूप में चेहरा तैयार रखा है। सिर्फ सिंबल देना शेष है।

आजसू का प्लान

  1. -13 प्रत्याशियों की घोषणा करने के बाद भी आजसू ने गेंद भाजपा के पाले में डाल रखी है। गठबंधन बना रहेगा या नहीं, यह निर्णय भाजपा पर छोड़ रखा है।
  2. -गठबंधन टूटने की स्थिति में 25 से अधिक सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी आजसू। तमाम प्रमुख सीटों पर अपने सहयोगी रहे भाजपा समेत विपक्ष का पूरा गणित गड़बड़ाने की है तैयारी। 

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