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Jharkhand Assembly Election 2019: भाजपा में लक्ष्‍मण, कांग्रेस में राम; जानिए कैसे बिछ रही चुनावी बिसात

झारखंड में अगले दो माह में संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने तैयारी तेज कर दी है। दोनों पार्टियों ने अपने चुनाव प्रभारियों की घोषणा कर दी है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 27 Aug 2019 08:47 AM (IST)Updated: Tue, 27 Aug 2019 07:56 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: भाजपा में लक्ष्‍मण, कांग्रेस में राम; जानिए कैसे बिछ रही चुनावी बिसात
Jharkhand Assembly Election 2019: भाजपा में लक्ष्‍मण, कांग्रेस में राम; जानिए कैसे बिछ रही चुनावी बिसात

रांची, [जागरण स्‍पेशल]। इधर लक्ष्‍मण, उधर राम... सत्‍ता पक्ष के लिए यह लड़ाई जितनी अहम है, उससे तनिक भी कम जोर विपक्ष नहीं लगा रहा। देश की मुख्‍य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने आखिरकार झारखंड को लेकर अपने पत्‍ते खोल दिए हैं। झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जोर-शोर से जुटी प्रदेश अध्‍यक्ष लक्ष्‍मण गिलुवा की अगुआई वाली भारतीय जनता पार्टी को कड़ी टक्‍कर देने के लिए कांग्रेस ने अब रामेश्‍वर उरांव को प्रदेश अध्‍यक्ष की कमान सौंपी है। बीजेपी के लक्ष्‍मण से मुकाबले के लिए कांग्रेस ने राम को मैदान में उतारा है।

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यहां तमाम चर्चाओं को किनारे पर रखकर पार्टी ने आदिवासी कार्ड खेला है। ऐसे में भाजपा के आदिवासी अध्‍यक्ष के मुकाबले कांग्रेस ने भी आदिवासी को आगे कर चुनावों की अहमियत को लेकर अपनी मंशा साफ कर दी है। हालांकि फिर से एक बार कांग्रेस ने कमान एक आइपीएस अधिकारी के बैकग्राउंड वाले नेता के हाथों में ही दी है, साथ ही उनके लिए पांच सिपाहसलार भी तैनात किए गए हैं। वहीं रामेश्वर उरांव को आगे कर कांग्रेस ने वन्‍य प्रदेश में आदिवासियों को रिझाने की कोशिश की है।

भाजपा सत्‍ता में फिर से वापसी की पुरजोर कोशिश में

भाजपा ने समय से पहले जहां झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी, वहीं विपक्षी दलों यथा कांग्रेस में अभी प्रदेश अध्‍यक्ष और चुनाव प्रभारी ही तय किए जा रहे हैं। जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बीते दिन अपनी बदलाव रैली का आगाज किया है। लोकसभा चुनाव जीतकर पहले ही विरोधियों पर प्रभावी बढ़त बनाई हुई बीेजेपी के लिए राह थोड़ी आसान दिख रही है, वहीं बड़ी-बड़ी महत्‍वाकांक्षाएं पाले विपक्षी दलों के लिए महागठबंधन बनाना एक बार फिर से मुश्किल दिख रहा है।

मुख्‍यमंत्री रघुवर दास की अगुआई में सत्‍तारुढ़ भाजपा पांच साल की स्‍थायी सरकार का नारा बुलंद कर फिर से तख्‍त पर काबिज होने की पुरजोर कोशिश में है। अब तक झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए प्रभारी बनाए गए ओम माथुर और सह प्रभारी नंद‍किशोर यादव ने 65 प्‍लस के टारगेट पर नेता-कार्यकर्ताओं को केन्द्रित कर दिया है। आने वाले दिनों में भाजपा के कार्यकारी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के दौरे से भी भाजपा को विपक्षियों पर हावी होने का माैका मिलेगा।

कांग्रेस को कसनी होगी संगठन की चूलें

जानकारों का मानना है कि कांग्रेस पार्टी की चुनाव की तैयारियों को धार देने के लिए तुरंत ही अपने संगठन की चूलें कसनी होंगी। कई खेमों में बंटे इस पार्टी के लिए बिखरे कार्यकर्ताओं को एकजुट करना जहां आसान नहीं होगा। वहीं विधानसभा चुनाव में वोटरों को भाजपा सरकार की कमजोरियां- नाकामियां बताने के लिए मजबूत कैडर खड़ा करने की दरकार होगी।

नए अध्‍यक्ष रामेश्‍वर उरांव पर पार्टी में गुटबाजी से इतर दिग्‍गज नेताओं को साथ लाने का दबाव रहेगा। साथ ही पूर्व प्रदेश अध्‍यक्ष डॉ अजय कुमार ने जिस तरह से परिवारवाद को बढ़ावा देने और कुछ नेताओं पर अपने बेटे-बेटी के लिए टिकट मांगने का आरोप लगाया था, उससे निपटना नए अध्‍यक्ष के लिए बड़ी चुनौती होगी। कांग्रेस ने बीते दिन झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए पांच सदस्‍यीय इलेक्‍शन स्क्रीनिंग कमेटी भी बनाई है। यह कमेटी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवारों का चयन करेगी।

ये हैं कांग्रेस के 5 कार्यकारी अध्‍यक्ष

  1. केशव महतो कमलेश
  2. डॉ. इरफान अंसारी
  3. राजेश ठाकुर 
  4. मानस सिन्हा
  5. संजय पासवान

ये है विधानसभा चुनाव की इलेक्‍शन स्‍क्रीनिंग कमेटी

  1. टीएस सिंहदेव- अध्‍यक्ष
  2. के सुरेश
  3. आरपीएन सिंह
  4. सलीम अहमद
  5. रामेश्‍वर उरांव

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