Jharkhand Election 2019: फिर 20-25 नेताओं को BJP से निकालने की तैयारी, अर्जुन मुंडा के करीबी निशाने पर
Jharkhand Assembly Election 2019 अब तक डेढ़ दर्जन से अधिक नेताओं को भारतीय जनता पार्टी से निकाला जा चुका है। ताजा कार्रवाई को जिला समितियों से साक्ष्यों के साथ ब्योरा मांगा गया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Assembly Election 2019 भारतीय जनता पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले और उनका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में समर्थन करने वाले डेढ़ दर्जन से ज्यादा कार्यकर्ताओं को बाहर का रास्ता दिखा चुकी भाजपा अब दो दर्जन से अधिक अन्य कार्यकर्ताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी कर रही है। जिला समितियों से बगावत का झंडा बुलंद करने वाले ऐसे तमाम कार्यकर्ताओं का ब्योरा तलब किया गया है। हालांकि, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के स्तर से की गई इस कड़ी कार्रवाई पर सवाल भी उठ रहे हैं। कार्रवाई के दायरे में आए कई कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपनी बात कही है।
भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी में कार्रवाई साक्ष्यों के आधार पर ही की जाती है। सभी तथ्यों की पड़ताल के बाद ही कदम उठाया जाता है। विलंब की वजह भी यही रही है। हालांकि, इस तर्क के बावजूद पार्टी फोरम पर चुप्पी का माहौल है। चर्चा यह भी है कि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से जुड़े लोगों को निशाना बनाकर उन्हें कमजोर किया जा रहा है। बहरहाल, पूरे प्रकरण ने भाजपा की खासी फजीहत कराई है। सरयू राय को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया, लेकिन उनका मंत्री पद अब भी सलामत है, विधायक भी बने हुए हैं। राय ने इन दोनों पदों से काफी पहले इस्तीफा दे दिया है, लेकिन इस पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
भाजपा ने इन्हें छह वर्षों के लिए किया है निष्कासित
भाजपा झारखंड प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के निर्देश पर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लडऩे वाले सरयू राय, बड़कुवार गागराई, महेश सिंह, दुष्यंत पटेल व अमित यादव को छह वर्ष के लिए निष्कासित किया गया है। पार्टी के संविधान विरोधी कार्यों के लिए जमशेदपुर महानगर से अमरप्रीत सिंह काले, सुबोध श्रीवास्तव, असीम पाठक, रजनीकांत सिन्हा, सतीश सिंह, रामकृष्ण दुबे, डीडी त्रिपाठी, रामनारायण शर्मा, रतन महतो, हरे राम सिंह, मुकुल मिश्र और हजारीबाग एवं रामगढ़ से सर्वेश सिंह, संजय सिन्हा, मिथिलेश पाठक, त्रिभुवन प्रसाद को छह वर्षों के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया गया है।
सभी कुछ प्रक्रिया और पार्टी के संविधान के अनुरूप विभिन्न जिला समितियों की रिपोर्ट के आधार किया गया है। भाजपा में व्यक्तिगत आकांक्षाओं की कोई जगह नहीं है। प्रतुल शाहदेव, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा।