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Jharkhand Election 2019: गम से पत्थर हो गया मगर रोया नहीं...सरयू के बहाने एकजुट हो रहे रघुवर विरोधी

Jharkhand Assembly Election 2019. गोड्डा के सांसद निशिकांत दूबे ने सरयू राय के साथ अपनी फोटो शेयर की है। इसे लेकर खूब चर्चा हो रही है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 08:30 PM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 08:27 AM (IST)
Jharkhand Election 2019: गम से पत्थर हो गया मगर रोया नहीं...सरयू के बहाने एकजुट हो रहे रघुवर विरोधी
Jharkhand Election 2019: गम से पत्थर हो गया मगर रोया नहीं...सरयू के बहाने एकजुट हो रहे रघुवर विरोधी

रांची, राज्य ब्यूरो। भाजपा से बेटिकट हुए पूर्वमंत्री सरयू राय के बहाने मुख्यमंत्री रघुवर दास का विरोधी खेमा सक्रिय हो रहा है। फिलहाल यह भितरखाने माहौल बनाने में जुटा है और कई कद्दावर नेता इस मुहिम में लगे हैैं। इस कड़ी में गोड्डा के सांसद निशिकांत दूबे द्वारा सोशल मीडिया में पोस्ट की गई सरयू राय संग तस्वीर और उसके साथ लिखी गई मुनीर नियाजी का एक शेर चर्चित हो रहा है। निशिकांत दूबे और सरयू राय में गहरी छनती है और दोनों एक-दूसरे को बेहतर समझते हैैं।

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यही वजह है कि अप्रत्यक्ष तरीके से पूर्वमंत्री सरयू राय के पक्ष में वे खड़े हुए हैैं। निशिकांत दूबे लिखते हैैं- जानता हूं एक ऐसे शख्स को मैैं भी मुनीर, गम से पत्थर हो गया मगर रोया नहीं। इसपर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आई है। लोग निशिकांत दूबे की भावना को सराह रहे हैैं। निशिकांत दूबे हर मामले पर पहले भी बेबाकी से बोलने के लिए चर्चित रहे हैैं। उधर ज्यादातर नेता ऐसे हैैं जो सामने आने की बजाय भितरखाने सरयू राय के रुख का समर्थन कर रहे हैैं।

इन्हें डर है कि खुलकर सक्रिय हुए तो अनुशासन का डंडा पड़ सकता है। ऐसे नेताओं को एक कद्दावर राजनेता का समर्थन मिल रहा है जिनकी नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है। भाजपा के कुछ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी सरयू राय की गतिविधियों का अंदरखाने साथ दे रहे हैैं। ऐसे नेता टिकट से वंचित हो चुके हैैं और उन्हें सरयू राय की आड़ में रघुवर दास को कमजोर करने का एक अवसर मिला है। ऐसे भी कई नेता है जो भाजपा आलाकमान तक रघुवर दास की शिकायतें पहुंचाने में लगे हैैं।

ऐसे नेताओं की दलील है कि अपनी मनमानी से रघुवर दास ने भाजपा को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने अराजक तरीके से टिकट काटे जिसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। इस खेमे को यह भी उम्मीद है कि कुछ नेता खुलकर विरोध में आ सकते हैैं। चुनाव के बाद यदि भाजपा के पक्ष में परिणाम नहीं आए तो यह खेमा रघुवर दास की चौतरफा घेराबंदी करेगा।


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