Jharkhand Assembly Election 2019: कमल के कुनबे में 600 से अधिक दावेदार, अखबारों की कटिंग से सजा बायोडाटा Insight Report
Jharkhand Assembly Election 2019 भाजपा प्रदेश मुख्यालय में विधानसभा चुनाव के लिए दावेदारी करने वालों ने छह सौ से अधिक बायोडाटा अब तक जमा करा दिए हैं।
रांची, [आनंद मिश्रा]। सर्व स्पर्शी, सर्वव्यापी भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पूर्व पार्टी में शामिल होने वालों का खुले दिल से स्वागत किया। कुनबा बड़ा हुआ, तो नतीजा छह सौ से अधिक दावेदारों के रूप में सामने आया है। जी हां, भाजपा प्रदेश मुख्यालय में विधानसभा चुनाव के लिए दावेदारी करने वालों ने छह सौ से अधिक बायोडाटा अब तक जमा करा दिए हैं। कार्यालय मंत्री का कक्ष चुनाव लडऩे वालों के आवेदनों से भरा पड़ा है। फोटो के साथ सौंपे गए बायोडाटा में दावेदारों ने क्षेत्र में अपनी सक्रियता को लेकर अखबारों की कटिंग भी लगा रखी है।
सोमवार को प्रदेश मुख्यालय में टिकट के दावेदारों की भारी भीड़ देखी गई। दावेदार सुबह से रात तक डटे रहे और साथ में आए समर्थक उनके पक्ष में माहौल बनाते रहे। वजह भी स्पष्ट थी कि भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, सह संगठन महामंत्री सौदान सिंह, विधानसभा चुनाव प्रभारी ओम प्रकाश माथुर, सह प्रभारी नंद किशोर यादव, प्रदेश सह प्रभारी राम विचार नेताम सहित प्रदेश के तमाम शीर्ष नेता एक साथ प्रदेश मुख्यालय में उपस्थित थे। सुबह ही यह सूचना भी सार्वजनिक हो गई थी कि शाम पांच बजे प्रदेश चुनाव समिति की बैठक है।
ऐसे अहम समय में कौन अपने को रोक सकता था। जिसे जो मिल रहा था, उसका हाथ पकड़कर अपनी सक्रियता और क्षेत्र में अपनी मजबूती के किस्से सुनाता दिख रहा था। वैसे तो सभी प्रमंडलों से जत्थे पहुंचे थे, लेकिन पलामू और उत्तरी छोटानागपुर से जुड़े लोगों की सर्वाधिक संख्या देखी गई। कई विधायक भी दिखे। राज सिन्हा, मनीष जायसवाल, बिरंची नारायण, गंगोत्री कुजूर, राम कुमार पाहन, सत्येंद्र नाथ तिवारी भी अपने समर्थकों के साथ कभी ऊपर जाते दिखते थे तो कभी नीचे। कुछ लोगों को सूचना मिली कि मुख्यमंत्री रघुवर दास प्रोजेक्ट भवन सचिवालय में बैठे हैं तो वे वहां पहुंच गए। पूर्व डीजीपी डीके पांडेय, नूतन तिवारी, मिस्फीका हसन, देवकुमार धान, अनंत प्रताप देव की उपस्थिति भी चर्चा का विषय बनी हुई थी।
अनंत प्रताप देव भानु प्रताप शाही की कुंडली खोलकर बैठे थे और उनसे जुड़े किस्से लोगों को सुना रहे थे। एक कुनबा ऐसा था, जो आजसू के साथ गठबंधन के विरोध में आवाज बुलंद कर रहा था। बड़कागांव से आई टीम ने इस सीट को सहयोगी को न देने को लेकर आवाज मुखर कर रही थी, तो रामगढ़ से भी भाजपा प्रत्याशी देने की बात ऊपर तक पहुंचाने की कोशिश की गई। इतने अधिक संख्या में आए आवेदनों पर भाजपा में यदि ईमानदारी से चर्चा की गई, तो यह तो तय है कि प्रथम चरण के नामांकन की तिथि जरूर निकल जाएगी।