हिमाचल में महिला प्रत्याशियों पर वोटर को नहीं भरोसा
विधानसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमाने वाली महिलाओं का पुख्ता आंकड़ा 26 अक्टूबर के बाद ही पता लगेगा।
शिमला, रविंद्र शर्मा। हिमाचल में सरकार बनाने में महिलाएं भले ही अहम भूमिका में हों, लेकिन विधानसभा की चौखट को पार करना अधिकतर महिलाओं के लिए आज भी सपना है। पिछले नौ विधानसभा चुनाव की बात करें तो 175 महिलाओं ने चुनाव लड़ा और इनमें से 90 की जमानत जब्त हो गई। इनमें से 33 उम्मीदवार ही जीत दर्ज कर पाई हैं।1प्रदेश में इनका आंकड़ा पुरुषों से कहीं आगे है, बावजूद इसके महिला प्रत्याशियों की जमानत जब्त होना उन लोगों को काफी अखर रहा है जो महिलाओं के उत्थान के लिए काम कर रहे हैं। ऐसा क्यों है इसके कोई पुख्ता कारण अभी तक सामने नहीं आए हैं।
विधानसभा चुनाव में जातीय भी काफी मायने रखता है, लेकिन महिला प्रत्याशी के मामले में यह फेक्टर भी काम करता कहीं नजर नहीं आ रहा है। यदि ऐसा होता तो 50 फीसद से अधिक महिला प्रत्याशियों की जमानत जब्त न होती। वर्ष 1972 के विधानसभा चुनाव के दौरान सात महिलाओं ने अपना भाग्य आजमाया था। इस दौरान मतदाताओं ने चार महिलाओं को विधानसभा की चौखट तक पहुंचाया था जबकि इस दौरान वोट डालने वाली महिलाओं का आंकड़ा भी पुरुषों के मुकाबले काफी कम था। इसके विपरीत वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान 34 महिलाएं चुनावी अखाड़े में उतरी थीं, लेकिन मात्र तीन महिला प्रत्याशी ही जीत दर्ज कर पाई थीं। इस विधानसभा चुनाव में महिलाओं ने पुरुषों से अधिक संख्या में मतदान किया था। इतना ही नहीं पिछले विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक महिला प्रत्याशियों की जमानत भी जब्त हुई थी।
अभी तक मैदान में कितनी महिलाएं
विधानसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमाने वाली महिलाओं का पुख्ता आंकड़ा 26 अक्टूबर के बाद ही पता लगेगा। भाजपा ने छह और कांग्रेस ने तीन महिलाओं को मैदान में उतारा है, इसके अलावा तीन अन्य महिला प्रत्याशियों ने नामांकन भरा है। कुल मिलाकर अभी तक करीब 12 महिलाएं चुनावी अखाड़े में हैं।
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