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Loksabha Election 2019 : राजा हमीर के गढ़ में ठाकुरों की जंग

राजा हमीर के गढ़ से अनुराग ठाकुर चौके-छक्के लगाने उतरे हैं तो कहलूर रियासत से रामलाल ठाकुर दांव पेंच लड़ाएंगे।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 10:56 AM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 11:17 AM (IST)
Loksabha Election 2019 : राजा हमीर के गढ़ में ठाकुरों की जंग
Loksabha Election 2019 : राजा हमीर के गढ़ में ठाकुरों की जंग

नीरज आजाद, धर्मशाला। पांच जिलों की सियासी पिच पर दो धुरंधरों में कड़ी जंग हैं। राजा हमीर के गढ़ से अनुराग ठाकुर चौके-छक्के लगाने उतरे हैं तो कहलूर रियासत से रामलाल ठाकुर दांव पेंच लड़ाएंगे। अनुराग यार्कर से राम लाल को फिर बोल्ड करने की जुगत में हैं। इनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल एक बार राम लाल को हरा चुके हैं जबकि इस बार भाजपा से नाराज चल रहे सुरेश चंदेल ने भी राम लाल को दो बार पटकनी दी है। चौथी बार संसदीय चुनाव में उतरे राम लाल इस बार पटका लगाकर खाता खोलने के लिए प्रयासरत हैं।सांसद अनुराग ठाकुर हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में जीत का चौका लगाने के लिए करीब डेढ़ साल से फील्ड में उतर चुके हैं। पार्टी ने भी पहली ही मीटिंग में उन्हें प्रत्याशी घोषित कर दिया था। कांग्र्रेस ने कई बैठकों के बाद राम लाल ठाकुर को सियासी अखाड़े में उतारा है। टिकट मिलने के बाद रामलाल ने रोड शो के माध्यम से प्रचार शुरू कर दिया है लेकिन अभी तक कोई बड़ा चेहरा उनके साथ नहीं आया है। हालांकि नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री उनके पहले रोड शो में साथ-साथ रहे थे।

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सुक्खू व राणा भी नहीं दिखे सक्रिय

नादौन के विधायक एवं पूर्व प्रदेश कांग्र्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी हमीरपुर से चुनाव लडऩे की हामी भरी थी। सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा भी बेटे अभिषेक राणा को चुनाव जंग में उतारने में प्रयासरत रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी अभिषेक को प्रत्याशी बनाने की पैरवी करते रहे हैं। टिकट मिलने से पहले जिस तरह अभिषेक राणा फील्ड में सक्रिय थे टिकट आवंटन के बाद उनकी सक्रियता नहीं दिख रही है। अभी तक सुक्खू भी क्षेत्र में सक्रिय नहीं दिखे हैं।

बेटे की जीत के लिए जुटे धूमल

सुजानपुर विधानसभा हलके में हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल बेटे के लिए विशेष रणनीति के तहत 'बैटिंग कर रहे हैं। एक दिन में करीब सात-आठ बूथ पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के अलावा उन्हें जीत का मंत्र दे रहे हैं। सुजानपुर हलके पर विशेष फोकस कर रहे धूमल संसदीय हलके में अनुराग में लीड दिलाकर साबित करना चाहते हैं कि क्षेत्र की जनता उनके साथ है। विधानसभा में हुई गलती को लोग अब सुधारना चाहते हैं।

बिलासपुर से रामलाल को उम्मीद, हमीरपुर से अनुराग को भरोसा

कांग्र्रेस प्रत्याशी राम लाल ठाकुर के अपने गृह जिले बिलासपुर से भरपूर जनसमर्थन का भरोसा है। हालांकि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जयप्रकाश नड्डा के गृह क्षेत्र से भाजपा को समर्थन मिलने की उम्मीद है। अनुराग ठाकुर को हमीरपुर से भरपूर समर्थन का भरोसा है।

ऊना व कांगड़ा निर्णायक

हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में ऊना जिला की पांच व कांगड़ा जिला की दो सीटें निर्णायक रहेंगी। इनमें चार सीटें भाजपा व दो सीटें कांग्र्रेस के पास हैं। देहरा विधानसभा हलके के निर्दलीय प्रत्याशी मुख्यमंत्री जयराम को समर्थन दे रहे हैं। विधानसभा चुनावों में देहरा में कांग्र्रेस तीसरे स्थान पर रही थी जबकि भाजपा प्रत्याशी बहुत कम अंतर से हारे थे। ऊना में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती पर भी अपनी सियासी पकड़ साबित करने का मौका है जबकि नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री को कांग्र्रेस प्रत्याशी को जिले में लीड दिलाने में जुट गए हैं।

चंदेल का अगला कदम अहम

तीन बार सांसद रहे व भाजपा से नाराज सुरेश चंदेल का अगला कदम अहम होगा। यह सही है कि अब वे कांग्र्रेस टिकट पर चुनावी जंग में नहीं उतरेंगे लेकिन भाजपा द्वारा अहमियत न मिलने पर वह अगला कदम उठा सकते हैं। कांग्र्रेस भी उन्हें शामिल कर भाजपा के समीकरण बिगाड़ सकती है। चंदेल का भी क्षेत्र में प्रभाव रहा है। उनके कुछ समर्थक निर्दलीय चुनाव लडऩे का भी दबाव बना रहे हैं। चंदेल ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं लेकिन वह जो भी कदम उठाएंगे वह अहम होगा। अगर भाजपा नहीं छोड़ते हैं तो कांग्र्रेस की उम्मीदों को झटका लगेगा।


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