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Loksabha Election 2019 : भिड़ेंगे ब्राह्मण, फौजी से टकराएगा फौजी

Loksabha Election 2019 मंडी में अब दो ब्राह्मïण आमने-सामने होंगे जबकि शिमला में दो पूर्व फौजियों के बीच चुनावी जंग होगी।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sat, 30 Mar 2019 11:35 AM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2019 11:38 AM (IST)
Loksabha Election 2019 : भिड़ेंगे ब्राह्मण, फौजी से टकराएगा फौजी
Loksabha Election 2019 : भिड़ेंगे ब्राह्मण, फौजी से टकराएगा फौजी

नीरज आजाद, धर्मशाला। Loksabha Election 2019 सत्तारूढ़ भाजपा को घेरने की रणनीति है या कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान। लेकिन दो सीटों से चेहरों से पर्दा हटने से रोचक जंग के आसार बन गए हैं। मंडी में अब दो ब्राह्मïण आमने-सामने होंगे जबकि शिमला में दो पूर्व फौजियों के बीच चुनावी जंग होगी। मंडी से पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम और प्रदेश में भाजपा सरकार के मंत्री अनिल शर्मा के बेटे आश्रय शर्मा जबकि शिमला से कर्नल धनी राम शांडिल कांग्र्रेस प्रत्याशी होंगे। इस बीच यह भी चर्चा है कि कांगड़ा व भी हमीरपुर इसी तरह के रोचक समीकरण बनाए जाने पर कांग्र्रेस में मंथन चल रहा है।

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मंडी संसदीय क्षेत्र में दो ब्राह्मïणों के बीच जोरदार टक्कर होने के आसार हैं। यहां से भाजपा से सांसद राम स्वरूप शर्मा फिर चुनाव जंग में हैं, वहीं कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम के पौत्र आश्रय को प्रत्याशी बनाया है। सुखराम पहले पोते को भाजपा से चुनावी मैदान में उतारने का प्रयास करते रहे लेकिन बात नहीं बनी तो कांग्र्रेस में संबंधों की बदौलत पोते को टिकट दिलाने में सफल रहे। पंडित सुखराम का मंडी संसदीय क्षेत्र में काफी प्रभाव माना जाता है लेकिन रामस्वरूप शर्मा सादगी व जनता के बीच रहकर जमीन को मजबूत करते रहे हैं। मुख्यमंत्री का गृह क्षेत्र होने के कारण भी रामस्वरूप कहीं कमजोर नहीं हैं। आश्रय के लिए यह भी राहत की बात है कि दादा सुखराम के विरोधी रहे पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भी उन्हें आशीर्वाद दे दिया है।

आरक्षित शिमला संसदीय क्षेत्र में बेशक भाजपा ने पहले प्रत्याशी घोषित किया है लेकिन पार्टी को आभास था कि यहां से कांग्रेस धनीराम शांडिल को ही प्रत्याशी बनाएगी। शांडिल को टक्कर देने के लिए ही भाजपा ने सिरमौर के पच्छाद से विधायक सुरेश कश्यप को प्रत्याशी बनाया है। यहां खास बात यह है कि दोनों सैन्य पृष्ठभूमि से हैं। इस हलके में सैन्य परिवार भी काफी संख्या में हैं। चर्चित सीट हमीरपुर में भी दो ठाकुरों के बीच टक्कर के आसार हैं। सांसद अनुराग ठाकुर चौका मारने की फिराक में हैं जबकि कांग्रेस उन्हें बोल्ड करना चाहती है। यही कारण है कि इस सीट पर काफी जद्दोजहद हो रही है। कांग्र्रेस पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू को मैदान में उतार सकती है। हालांकि अन्य जो नाम चर्चा में हैं वे भी ठाकुर ही हैं। तीन बार सांसद रहे एवं भाजपा नेता सुरेश चंदेल को भी प्रत्याशी बनाने की कोशिशें चलती रहीं हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा के बेटे अभिषेक राणा को प्रत्याशी बनाने की पैरवी कर चुके हैं।

भाजपा ने कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से गद्दी समुदाय से मंत्री किशन कपूर को प्रत्याशी घोषित कर संसदीय क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने का प्रयास किया है। संसदीय क्षेत्र में गद्दी समुदाय के करीब चार लाख मतदाता हैं। संसदीय चुनाव में कपूर इस समुदाय के पहले प्रत्याशी हैं। इस समुदाय का भाजपा को पहले भी काफी समर्थन मिलता रहा है। उधर कांग्रेस यहां पर कपूर को पटकनी देने की रणनीति पर काम कर रही है। कांग्रेस कांगड़ा के विधायक पवन काजल पर दांव खेल सकती है। संसदीय क्षेत्र में अन्य पिछड़ा वर्ग के भी करीब चार लाख मतदाता हैं। हालांकि अभी इस सीट पर पार्टी कोई फैसला नहीं ले पाई है।


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