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देवभूमि की जंग: 36 दिन बीते, बस 72 घंटे की कश्मकश और...

हिमाचल प्रदेश में 18 नवंबर को मतदान हुआ था और उसके बाद 36 दिन का वक्त गुजर चुका है। अब 72 घंटे का और इंतजार नेताओं को चैन की सांस नहीं लेने दे रहा।

By Digpal SinghEdited By: Published: Thu, 14 Dec 2017 07:31 PM (IST)Updated: Thu, 14 Dec 2017 08:21 PM (IST)
देवभूमि की जंग: 36 दिन बीते, बस 72 घंटे की कश्मकश और...
देवभूमि की जंग: 36 दिन बीते, बस 72 घंटे की कश्मकश और...

शिमला, [डॉ. रचना गुप्ता]। हिमाचल में 39 दिनों के लंबे इंतजार के बाद 18 दिसंबर को चुनावी नतीजे घोषित हो जाएंगे। 13वीं विधानसभा बनने की प्रक्रिया में महज तीन दिन शेष बचे हैं। राज्य में ज्यों-ज्यों मतगणना की घड़ी नजदीक आ रही है त्यों-त्यों दिग्गजों की धुकधुकी बढ़ गई है, साथ ही उनकी प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है।

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कांग्रेस से मुख्यमंत्री प्रत्याशी वीरभद्र सिंह हैं तो भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के लिए प्रेम कुमार धूमल का नाम आगे किया है। दोनों ही नेता पूर्व में राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। लेकिन इस बार दोनों के ही चुनावी हलके बदल कर नए दिए गए थे। इनकी चुनौतियां इसलिए भी बढ़ीं क्योंकि न सिर्फ विरोधी दलों की चुनौती इनके सामने बनी थी, बल्कि अपनों से ही वीरभद्र सिंह व प्रेम कुमार घिरे रहे थे। 

धूमल का मुकाबला कांग्रेस के उस नेता राजेंद्र राणा से था जो कभी भाजपा से होते हुए धूमल से छिटक कर कांग्रेस में जा मिले थे। इन दोनों के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ मंत्रियों व भाजपा में पूर्व मंत्रियों की परफार्मेंस पर भी निगाहें रहेंगी।

गौरतलब है कि हिमाचल में गत चुनावों में औसतन 71 से 74 फीसदी तक मतदान होता रहा है। लेकिन इस बार विधानसभा में 75 प्रतिशत वोट डले थे। सबसे ज्यादा मतदान सिरमौर, सोलन और मंडी जिलों में हुआ। सबसे कम मतदान हमीरपुर में रहा था। 337 उम्मीदवार मैदान में डटे थे। लेकिन सीधा मुकाबला भाजपा व कांग्रेस के बीच रहा था। भाजपा को मोदी के नाम के साथ ही ऐंटीइंकबेंसी का सहारा था तो कांग्रेस को अपने द्वारा किए गए कामों का!

उधर प्रदेश विधानसभा चुनाव की मतगणना की तैयारी चुनाव आयोग ने पूरी कर ली है। 18 दिसम्बर प्रात: 8 बजे से मतगणना आरम्भ की जाएगी। सीईओ पुष्पेंद्र राजपूत ने कहा कि प्रदेश की सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों की मतगणना 48 स्थानों पर की जाएगी।

मतगणना के लिए कुल 2820 अधिकारी व कर्मचारी तैनात किए जाएंगे, जिसके तहत 940 सुपरवाईजर, 940 सहायक तथा 940 माईक्रोऑबर्जवर की तैनाती की जाएगी। इसके लिए 781 टेबल लगाए जाएंगे, इसके अतिरिक्त 68 टेबल रिटर्निंग अधिकारियों के लिए लगाए जाएंगे।

सभी मतगणना केन्द्रों की वैबकास्टिंग/वीडियोग्राफी व सीसीटीवी से नजर रखी जाएगी। मतगणना के दौरान तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है और मतगणना केन्द्रों पर मोबाईल फोन ले जाने पर पाबन्दी लगाई गई है। चुनाव संबंधी सूचना प्रदान करने के लिए 48 मतदान केन्द्रों पर मीडिया कक्ष स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक निवार्चन क्षेत्र के एक मतदान बूथ का चयन ड्रॉ द्वारा किया जाएगा, जिसकी वीवीपैट स्लिपों की गिनती की जाएगी।


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