Haryana Assembly Election 2019 : संपत सिंह बोले- मैंने जिस परिवार को हराया, उसी ने कटवाई मेरी टिकट, कांग्रेस में घुटन होती है
संपत सिंह का कहा है कि जो बड़े नेता उन्हें कांग्रेस पार्टी में लेकर आए वह नेता भी आज उनसे दूरी बनाए हुए हैं। न टिकट कटते समय फोन किया और न टिकट कटने के बाद एक फोन किया।
हिसार [चेतन सिंह] छह बार विधायक रहे पूर्व मंत्री प्रो. संपत सिंह का कांग्रेस ने टिकट काट दिया है। उन्होंने कुलदीप बिश्नोई पर निशाना साधा और कहा कि जिस परिवार को उन्होंने चुनावों में पटखनी दी, आज उसी परिवार ने उनकी टिकट कटवा दी।
संपत सिंह इस बात से आहत हैं और जल्द फैसला लेने वाले हैं कि वह आगामी समय में क्या करेंगे। उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें जारी हैं और रविवार को रोहतक में सीएम मनोहर लाल से उनकी मुलाकात होने की भी चर्चा हो रही है। सीएम मनोहर लाल ने भी कहा है कि संपत सिंह अच्छे आदमी हैं, वक्त आने पर सब बता दिया जाएगा क्या होना है।
संपत सिंह का कहा है कि जो बड़े नेता उन्हें कांग्रेस पार्टी में लेकर आए, वह नेता भी आज उनसे दूरी बनाए हुए हैं। न टिकट कटते समय फोन किया और न टिकट कटने के बाद एक फोन किया। राजनीति के धुरंधर माने जाने वाले संपत सिंह आने वाले समय में चौकाने वाला बड़ा फैसला ले सकते हैं।
संपत सिंह ऐसे नेता हैं जिन्होंने प्रदेश के तीन लाल देवीलाल, बंसीलाल और भजनलाल के साथ काम किया है। प्रदेश के गृह मंत्री और वित्तमंत्री जैसे बड़े पदों पर रह चुके हैं। इतना ही नहीं नलवा विधानसभा से जहां से उनका टिकट काटा गया, वहां से भजनलाल की पत्नी जसमा देवी को बड़े अंतर से हरा चुके हैं। 39 साल पहले देवीलाल के साथ राजनीति की शुरुआत करने वाले अब ऐसे तिराहे पर हैं, जहां से उन्हें किसी एक तरफ जाना है।
कांग्रेस में मैं घुटन महसूस कर रहा हूं
प्रोफेसर संपत सिंह ने बताया। मेरा अब कांग्रेस में मन नहीं लग रहा। मैं घुटन महसूस कर रहा हूं। मैं कार्यकर्ताओं से राय ले रहा हूं कि मैं कहां जाऊं। अभी फैसला नहीं लिया है। कांग्रेस के टिकट बंटवारे से ऐसा लगता है जैसे 90 में से 70 टिकटें भाजपा ने बांटी हैं। हिसार में भी ऐसा लगता है कि छह टिकटें कांग्रेस ने भाजपा की झोली में डाल दी हैं। जिन लोगों ने पांच साल ग्राउंड लेवल पर काम किया, उन लोगों के टिकट काट दिए गए हैं।
टिकट कटने के बाद मेरे पास इनेलो और जजपा से फोन आए, मगर मैंने उनको साफ इन्कार कर दिया, क्योंकि मुझे एमएलए बनने का लालच नहीं है। मैं आराम से सोचकर फैसला करना चाहता हूं। अब मेरा चुनाव से मन हट गया है। मैंने चुनाव में किसी को स्पोर्ट करने का अभी कोई फैसला नहीं लिया है। कांग्रेस में छह-सात मठाधीश हैं। ऐसा लगता है इन मठाधीशों ने खुद एमएलए बनने के लिए भाजपा को बाकी सीटें गिफ्ट कर दी हैं। मेरी टिकट कटने के समय हुड्डा साहब ने फोन किया। मुझे पता है हिसार में टिकट वितरण में उनकी नहीं चली मगर कम से कम एक फोन तो कर ही सकते थे।