Haryana Assembly Election: संपत सिंह ने छोड़ी कांग्रेस, कुलदीप बिश्नोई का करेंगे विरोध, किया चौकाने वाला खुलासा
उन्होंने खुले तौर पर कहा कि उनकी टिकट कुलदीप बिश्नोई ने कटवाई है और आदमपुर में कुलदीप का खुलकर विरोध करेंगे। वो किस पार्टी में शामिल होंगे इसके बारे में अभी सस्पेंस बना हुआ है
हिसार, जेएनएन। पूर्व वित्त मंत्री एंव विधायक प्रोफेसर संपत सिंह के कांग्रेस छोड़ने की अटकलों पर पूर्ण विराम लग गया है। हिसार में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में संपत सिंह ने कांग्रेस पार्टी छोड़ने का एलान कर दिया है। उन्होंने खुले तौर पर कहा कि उनकी टिकट कुलदीप बिश्नोई ने कटवाई है और आदमपुर विधानसभा चुनाव में कुलदीप का खुलकर विरोध करेंगे। वो अब किस पार्टी में शामिल होंगे इसके बारे में उन्होंने खुलकर नहीं कहा मगर जल्द ही इस बात का खुलासा करने की भी बात कही है। उन्होंने ये भी कहा कि सभी कांग्रेसी नेताओं को टिकट सौंपी गई। इसी के आधार पर टिकटों का आवंटन भी हुआ और कांग्रेस सभी सीटों पर सरेंडर कर चुकी है।
संपत सिंह ने आरोप लगाते हुआ कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा को 51, कुमारी सैलजा को 15, अशोक तंवर को 6, रणदीप सुरजेवाला को 5, किरण को 3, अजय सिंह को 4, सावित्री जिंदल को 1 और कुलदीप बिश्नोई के नाम पांच टिकट बांटी गईं। इनके कहने पर ही प्रत्याशियों का चुनाव हुआ।
गौरतलब है कि प्रोफेसर संपत सिंह नलवा हलके से कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी माने जा रहे थे। मगर एन वक्त पर उनका टिकट काट दिया गया था। इसके बाद वो पार्टी से नाराज चल रहे थे। माना जा रहा है कि वो भाजपा में शामिल होंगे। वहीं नामांकन के आखिरी दिन तक यह भी जानकारी सामने आ रही थी वो जेजेपी पार्टी की ओर से प्रत्याशी बन सकते हैं। मगर एक बैठक कर संपत सिंह ने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की थी। रविवार को रोहतक में आयोजित सीएम मनोहर लाल के कार्यक्रम में पहुंच संपत सिंह के बीजेपी ज्वाइन करने की बात भी चर्चा में रही।
मगर संपत सिंह ने साेमवार को हिसार में एक प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से बात रखने की बात कही थी। संपत सिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान सारे कयासों पर विराम लगाते हुए कांग्रेस से किनारा करने की बात कही। अब माना ये जा रहा है कि वो भाजपा में शामिल हो सकते हैं। साथ ही अगर वो आदमपुर चुनाव में कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ प्रचार करेंगे तो इसका सीधा फायदा भाजपा प्रत्याशी सोनाली सिंह फौगाट को होगा। अब आदमपुर सीट पर मुकाबला और भी रोचक हो गया है।
इस सब से पहले एक इंटरव्यू में संपत सिंह ने बताया था कि मेरा अब कांग्रेस में मन नहीं लग रहा। मैं घुटन महसूस कर रहा हूं। मैं कार्यकर्ताओं से राय ले रहा हूं कि मैं कहां जाऊं। अभी फैसला नहीं लिया है। कांग्रेस के टिकट बंटवारे से ऐसा लगता है जैसे 90 में से 70 टिकटें भाजपा ने बांटी हैं। हिसार में भी ऐसा लगता है कि छह टिकटें कांग्रेस ने भाजपा की झोली में डाल दी हैं। जिन लोगों ने पांच साल ग्राउंड लेवल पर काम किया, उन लोगों के टिकट काट दिए गए हैं।
टिकट कटने के बाद मेरे पास इनेलो और जजपा से फोन आए, मगर मैंने उनको साफ इन्कार कर दिया, क्योंकि मुझे एमएलए बनने का लालच नहीं है। मैं आराम से सोचकर फैसला करना चाहता हूं। अब मेरा चुनाव से मन हट गया है। मैंने चुनाव में किसी को स्पोर्ट करने का अभी कोई फैसला नहीं लिया है। कांग्रेस में छह-सात मठाधीश हैं। ऐसा लगता है इन मठाधीशों ने खुद एमएलए बनने के लिए भाजपा को बाकी सीटें गिफ्ट कर दी हैं। मेरी टिकट कटने के समय हुड्डा साहब ने फोन किया। मुझे पता है हिसार में टिकट वितरण में उनकी नहीं चली मगर कम से कम एक फोन तो कर ही सकते थे।
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