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Haryana Election 2019: पहली बार मेवात में मजबूत दिख रही भाजपा, दे रही INLD- कांग्रेस को कड़ी चुनौती

वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा केवल सोहना सीट ही जीत सकी थी। हथीन नूंह व फिरोजपुर झिरका इनेलो के खाते में गई थी तो पुन्हाना से निर्दलीय ने जीत हासिल की थी।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 09 Oct 2019 12:20 PM (IST)Updated: Wed, 09 Oct 2019 12:20 PM (IST)
Haryana Election 2019: पहली बार मेवात में मजबूत दिख रही भाजपा, दे रही INLD- कांग्रेस को कड़ी चुनौती
Haryana Election 2019: पहली बार मेवात में मजबूत दिख रही भाजपा, दे रही INLD- कांग्रेस को कड़ी चुनौती

नूंह [सत्येंद्र सिंह]। प्रदेश की राजनीति में मेव (मुस्लिम) बहुल मेवात क्षेत्र का काफी दखल रहा है। जिस तरह से मेवात में युवा पीढ़ी नेतृत्व के रूप में उभरकर आ रही है, उससे न केवल राजनीति की सोच बदल रही है, बल्कि पुराने राजनीतिक घरानों की साख भी दांव पर लगती दिख रही है।

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नूंह जिले की सभी विधानसभा सीटों के साथ पलवल जिले की हथीन और गुरुग्राम जिले की सोहना विधानसभा सीट का कुछ हिस्सा मेवात में आता है। नूंह, पुन्हाना, फिरोजपुर झिरका विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। इसके अलावा सोहना और हथीन सीट पर किंगमेकर की भूमिका में हैं। 

बदल गया राजनीतिक परिदृश्य 

वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा केवल सोहना सीट ही जीत सकी थी। हथीन, नूंह व फिरोजपुर  झिरका इनेलो के खाते में गई थी तो पुन्हाना से निर्दलीय ने जीत हासिल की थी। इस बार राजनीतिक परिदृश्य बदल चुका है। अब तक भाजपा के लिए बंजर बनी यहां की सियासी खेती उपजाऊ नजर आने लगी है। पिछली बार नूंह सीट से इनेलो के टिकट पर जीतकर विधायक बने जाकिर हुसैन और फिरोजपुर झिरका से विधायक बनने वाले नसीम अहमद इस पर भाजपा के निशान पर चुनाव मैदान में हैं।

नूंह विधानसभा सीट

इस सीट से मेवात के दो राजनीतिक घरानों के वारिस एक बार फिर से मैदान में आमने-सामने हैं। भाजपा से जाकिर हुसैन लगातार दूसरी बार विधानसभा पहुंचने के लिए मैदान में आ चुके हैं। उनके सामने चिर प्रतिद्वंद्वी पूर्व मंत्री आफताब अहमद कांग्रेस प्रत्याशी हैं। जाकिर दिग्गज नेता मरहूम मोहम्मद यासीन खान के पोते और संयुक्त पंजाब के साथ-साथ हरियाणा और पंजाब में मंत्री (यह रिकार्ड है) रहे मरहूम चौधरी तैयब हुसैन के पुत्र हैं।

वहीं आफताब चौधरी खुर्शीद अहमद के पुत्र हैं। हालांकि, इंजीनियरिंग कर सियासत से जुड़े तैयब हुसैन जजपा से मैदान में हैं। वहीं इनेलो से नासिर हुसैन चुनाव लड़ रहे हैं। नासिर के लिए दो दिन पहले इनेलो सुप्रीमो पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने रैली कर मेवात के लोगों से आने पुराने रिश्ते बता उन्हें रिझाने का भी प्रयास किया।

पुन्हाना विधानसभा सीट

पुन्हाना विधानसभा सीट से भाजपा ने पूर्व विधायक रहीश खान की जगह नौक्षम चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। नौक्षम ने दो माह पहले ही राजनीति में कदम रखा था। नौक्षम का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व मंत्री मोहम्मद इलियास कांग्रेस से टिकट लेकर सामने आए हैं। कांग्रेस ने पहले एजाज अहमद को टिकट दिया था, लेकिन बाद में इलियास को प्रत्याशी बना दिया। वहीं पूर्व विधायक रहीश खान निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं। इनेलो ने इस बार सुभान खान सिंह आर्य को प्रत्याशी बनाया है। वहीं जजपा से पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे इकबाल जेलदार मैदान में हैं।

फिरोजपुर झिरका विधानसभा सीट की स्थिति

दो बार इनेलो के टिकट पर जीतने वाले नसीम अहमद हैट्रिक दर्ज करने के लिए इस बार भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। उनके विजय रथ को रोकने के लिए कांग्रेस ने मामन इंजीनियर को मैदान में उतारा है। जजपा से अमन अहमद मैदान में है। वहीं इनेलो के टिकट पर अयूब एडवोकेट चुनाव लड़ रहे हैं।

हथीन विधानसभा सीट

पलवल जिले की हथीन विधानसभा क्षेत्र के 56 गांव में मेव-मुस्लिम समुदाय के करीब 90 हजार मतदाता हैं। इस सीट से दो बार(1982 और 1991) मास्टर अजमत खां व एक बार(2009) जलेब खां विधायक रहे हैं। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में इनेलो के केहर सिंह रावत विधायक चुने गए थे। केहर सिंह रावत करीब नौ माह पूर्व विधायक पद से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल हो गए थे। मगर भाजपा ने प्रवीण डागर को प्रत्याशी बनाया है तो हर्ष कुमार जजपा से ताल ठोंक रहे हैं। जलेब खां का इंतकाल हो चुका है, उनके पुत्र को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है। तैयब हुसैन एक बार फिर बसपा उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं। आम आदमी पार्टी ने यासीन खां को अपना प्रत्याशी बनाया है।

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