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Haryana assembly election: महासमर का शंखनाद, नेता बोले- तैयार हैं हम

Haryana assembly election 2019 हरियाणा विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। राज्य में नामांकन प्रक्रिया 27 सितंबर से शुरू होगी। 21 को मतदान और 24 अक्टूबर को मतगणना होगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 11:39 AM (IST)Updated: Sun, 22 Sep 2019 05:28 PM (IST)
Haryana assembly election: महासमर का शंखनाद, नेता बोले- तैयार हैं हम
Haryana assembly election: महासमर का शंखनाद, नेता बोले- तैयार हैं हम

जेएनएन, चंडीगढ़। Haryana assembly election 2019: हरियाणा विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। केंद्रीय चुनाव आयोग चुनाव तिथियों की घोषणा कर दी है। राज्य में चुनाव नोटिफिकेशन 27 सितंबर को जारी होगा। 4 अक्टूबर को नामांकन का आखिरी दिन होगा। 5 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 7 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 21 अक्टूबर को मतदान, जबकि दीपावली से पहले 24 अक्टूबर को मतगणना होगी। चुनाव तिथियां घोषित होते ही राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता लग गई है।

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सभी प्रमुख नेताओं का कहना है कि वह चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। वहीं, करीब ढाई करोड़ की आबादी वाले हरियाणा में एक करोड़ 83 लाख मतदाता भी अपनी पसंद की नई सरकार चुनने को तैयार हैं। राज्य में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं। हरियाणा में करीब एक करोड़ 83 लाख मतदाता हैं। इस बार 98 लाख 33 लाख 323 पुरुष और  84 लाख 65 हजार 152 महिलाएं लोकतंत्र के महायज्ञ में आहुति डालेंगे। मतपेटी की जगह ईवीएम (इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन) ने ले ली।

पर्ची पर मुहर लगाने के बजाय बटन दबाने का चलन शुरू हो गया। तकनीक के बूते मतदान प्रक्रिया को अधिक से अधिक पारदर्शी बनाया जा रहा है, लेकिन सौ फीसद मतदान का लक्ष्य अभी भी अधूरा है। हालांकि अधिकतम वोटिंग के लिए आयोग के प्रयास रंग लाए जब वर्ष 2014 में हुए विधानसभा चुनावों में मतदान फीसद 76.13 पहुंच गया। इसके साथ ही हरियाणा गठन के बाद पहले विधानसभा चुनाव में मतदान का रिकार्ड टूट गया। पांच दशक पहले हुए चुनावों में तब 72.65 फीसद लोगों ने वोट डाले थे।

हरियाणा 1967 से 2019 तक पहुंचते पहुंचते कई पड़ाव पार कर चुका है। साक्षर होने से लेकर हर मायने में जनता जागरूक हुई है, लेकिन चुनाव का मत प्रतिशत बढ़ाने में आयोग के पसीने छूट गए। केंद्रीय चुनाव आयोग और हरियाणा निर्वाचन विभाग भी इसे लेकर पशोपेस मे हैं, कि आखिर क्यों लाख कोशिशों के बावजूद सौ प्रतिशत मतदान आज भी सपना है। 

केंद्रीय चुनाव आयोग व राज्य निर्वाचन विभाग ने मतदाताओं को जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय खिलाडिय़ों व कलाकारों तक का सहारा लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन सौ फीसद मतदान के जादुई आंकड़े के पास पहुंचना तो दूर, मुश्किल से 75 का आंकड़ा पार कर सका है। 

निर्वाचन विभाग ने हालांकि अब अपनी रणनीति बदली है और ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाताओं को वोट की ताकत समझाने के साथ ही पढ़े लिखे वर्ग पर ज्यादा फोकस करना शुरू किया है। अब देखना यह है कि अगले महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत पुराने सारे रिकार्ड तोड़ देता है या फिर मायूसी ही हाथ लगती है।

बादशाहपुर सबसे बड़ा और नारनौल सबसे छोटा हलका

हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों में गुरुग्राम जिले की बादशाहपुर सीट पर राज्य में सबसे ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। महेंद्रगढ़ जिले की नारनौल विधानसभा सीट राज्य में सबसे छोटी है, जिस पर सबसे कम मतदाता हैं। बादशाहपुर हलके में मतदाताओ की संख्या तीन लाख 87 हज़ार 760 है, जबकि नारनौल में इसके आधे से भी कम यानी एक लाख 43 हज़ार 780 मतदाता अपनी वोट डाल सकेंगे। 

प्रदेश में कुल मतदाताओं की संख्या जनवरी 2019 तक एक करोड़ 73  लाख  55 हज़ार 247 थी, जो इसी साल हुए लोकसभा चुनाव से पहले  अप्रैल 2019 तक एक करोड़ 80  लाख 56 हजार 896 दर्ज की गई। अगस्त 2019 के अंत तक मतदाताओं की संख्या बढ़कर एक करोड़ 82 लाख 98 हज़ार 714 हो गई, जिनमें 98 लाख 33 लाख 323 पुरुष मतदाता  और  84 लाख 65 हज़ार 152 महिला मतदाता  हैं। 

सबसे अधिक मतदाता फरीदाबाद जिले में 

हरियाणा के 22 जिलों में सबसे अधिक मतदाता फरीदाबाद में 14 लाख 94 हज़ार 72, जबकि सबसे कम चरखी दादरी जिले में तीन लाख  81 हजार 745 हैं।  पंचकूला जिले में यह संख्या तीन लाख 83 हजार  935, अंबाला जिले  में आठ लाख 41 हजार 578, यमुनानगर जिले में आठ लाख 46 हजार 661 हैं। जिला कुरुक्षेत्र में सात लाख 11 हज़ार 419, कैथल में सात लाख 65 हज़ार 483, पानीपत में आठ लाख 43 हजार 356 और सोनीपत जिले में 10 लाख 73 हजार 915 मतदाता हैं। 

जींद जिले में नौ लाख 53 हजार 746, फतेहाबाद में छह लाख 74 हजार 553, सिरसा जिले में नौ लाख 43 हजार 397, हिसार जिले में 12 लाख 41 हजार 243, करनाल जिले में 10 लाख 92 हज़ार 892, रोहतक में सात लाख 75 हजार 591, झज्जर जिले में सात लाख 36 हजार 880, महेंद्रगढ़ में छह लाख 79 हजार 481, रेवाड़ी में 6 लाख 83 हजार 605, भिवानी जिले में आठ लाख 17 हज़ार 913 और गुरुग्राम  जिले में 11  लाख 92 हज़ार 141 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। 

नूंह जिले में पांच लाख 49 हजार 308  और पलवल जिले में छह लाख 15 हजार 800 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। हरियाणा में रजिस्टर्ड किन्नर मतदाताओं कि संख्या भी इस वर्ष अप्रैल माह की संख्या 207 से 32 बढ़कर 239 हो गई है। सबसे अधिक 44  फरीदाबाद जिले  में एवं सबसे कम 2- 2  रोहतक, रेवाड़ी और यमुनानगर जिलो में हैं। प्रदेश के वर्तमान 22 जि़लों में सबसे अधिक विधानसभा क्षेत्र  हिसार जि़ले में सात है जबकि फरीदाबाद और सोनीपत में यह छह-छह हैं। करनाल, जींद और सिरसा जिले में पांच पांच, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, पानीपत, भिवानी, रोहतक, झज्जर, महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम जिलों में चार-चार विधानसभा क्षेत्र हैं। फतेहाबाद, मेवात, रेवाड़ी  और पलवल जिलों में तीन तीन एवं पंचकूला और चरखी दादरी जिलों में दो-दो विधानसभा हलके हैं।

प्रदेश में कुल मतदाता

जिला              मतदाता

1. फरीदाबाद    14,94,072

2. चरखी दादरी   3,81,745 

3. पंचकूला    3,83,935

4. अंबाला     8,41,578

5. यमुनानगर   8,46,661 

6. कुरुक्षेत्र     7,11,419

7. कैथल  7,65,483

8. पानीपत   8,43,356 

9. सोनीपत   10,73,915 

10. जींद   9,53,746

11. फतेहाबाद  6,74,553

12. सिरसा   9,43,397

13. हिसार  12,41,243

14. करनाल   10,92,892

15. रोहतक    7,75,591

16. झज्जर   7,36,880

17. महेंद्रगढ़  6,79,481

18. रेवाड़ी   6,83,605

19. भिवानी   8,17,913 

20. गुरुग्राम   11,92,141 

21. नूंह     5,49,308 

22. पलवल  6,15,800 

विधानसभा चुनावों में पड़े वोट 

वर्ष     कुल मतदाता  मतदान प्रतिशत

1967    43,87,980      72.65

1968    45,52,539      57.26

1972    50,91,082      70.46

1977    59,38,821      64.46

1982    71,52,281        69.87

1987    87,00,628      71.24

1991    97,31,912        65.86

1996  1,11,55,242      70.54

2000    1,11,53,183      69.01

2004    1,27,35,888      71.96

2009    1,31,16,965      72.29

2014    1,63,03,742      76.13

(नोट : आंकड़े निर्वाचन विभाग के अनुसार) 

 ​उम्मीदों पर खरे उतरे, मिलेगा जन आशीर्वाद 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कहना है कि हरियाणा में चुनावी बिगुल बज चुका है। प्रदेश की जनता अपनी उम्मीदों, अपेक्षाओं और आकांक्षाओं के अनुरूप सरकार चुनने के लिए तैयार है। हमारा पिछला पांच साल का कार्यकाल लोगों ने देखा। हमने बरसों से चली आ रही क्षेत्रवाद, भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद की परंपरा को बंद किया। ऊपर के स्तर का भ्रष्टाचार खत्म हो चुका है। तबादला उद्योग बंद कर दिया। नौकरियों में मेरिट को प्राथमिकता दी। राज्य में अब तक जितने चुनाव हुए, लोगों ने हम पर भरोसा जताया। आगे भी हम लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे। 

पांच साल का हिसाब-किताब करने का वक्त 

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि जनता के सामने अब पिछले पांच सालों का हिसाब किताब करने का समय आ गया है। इन पांच सालों में प्रदेश की जनता ने जितने बुरे दिन देखे, आज तक नहीं देखे। भाजपा ने प्रदेश को जातिवाद की खाई में झोंक दिया। जातिगत आंदोलन हुए। डेरा हिंसा किसी से छिपी नहीं है। भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में जो वादे किए थे, वह पूरे नहीं हुए। किसानों व कर्मचारियों की पूरी तरह से अनदेखी हुई। अब लोगों के सामने कांग्रेस ही बेहतरीन विकल्प बचा है, क्योंकि किसी अन्य दल के पास प्रदेश को आगे ले जाने की सोच ही नहीं है। 

एसवाईएल निर्माण की भाजपा ने की अनदेखी

इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला का कहना है कि हरियाणा की जनता चुनाव के लिए तैयार है। प्रदेश के लोग इस समय का इंतजार कर रहे थे। भाजपा ने जो झूठे वादे लोगों से किए, अब लोग उनका हिसाब मांगेंगे। कांग्रेस के राज में तो लोग दुखी थे ही, भाजपा ने भी प्रदेश को जातीय भेदभाव की खाई में डाल दिया। जातीय हिंसा और पंचकूला में डेरा प्रेमियों की मौत के मामले हरियाणा भूल नहीं पाएगा। एसवाईएल नहर निर्माण के मसले पर भाजपा सरकार की अनदेखी किसी से छिपी नहीं है। कर्मचारियों का दर्द सबके सामने है। लोग अब जवाब देने को तैयार हैं। जनता इस बार इनेलो को समर्थन देकर इस सरकार को सबक सिखाएंगे।

युवाओं के पास बदला लेने का मौका 

जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला का कहना है कि हरियाणा में युवाओं और महिलाओं की बहुत अधिक तादाद है। भाजपा ने अपने कार्यकाल में युवाओं की पूरी तरह से अनदेखी की। अधिकतर बाहर के युवाओं को नौकरियां दी गई। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार बिल्कुल गंभीर नहीं रही। कर्मचारियों ने पूरे पांच साल आंदोलन किए। जातिवाद हावी रहा। कोई विभाग ऐसा नहीं, जिसमें भ्रष्टाचार के मामले सामने नहीं आए। कई मंत्री इन मामलों में फंसे रहे। लोगों को जजपा मजबूत विकल्प देगी। 

विकास का दिल्ली मॉडल लाएंगे 

आप नेता नवीन जयहिंद का कहना है कि हरियाणा की पांच साल की भाजपा सरकार का कार्यकाल खत्म हो चुका है। अब नई सरकार का गठन होगा। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार ने जिस तरह से जनहित के काम किए, उन्हें हरियाणा में रोल मॉडल के रूप में पेश किया जाएगा। हमारी सरकार लोगों की मूल जरूरत स्कूल, अस्पताल और रोजगार की चिंता करेगी।


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