Haryana assembly election 2019: सियासी घरानों में दिखेगी चौधर की जंग
हरियाणा में चौधर की लड़ाई फिर चरम पर नजर आएगी। पुराने जमाने में तीनों लाल रहे हों या फिर मौजूदा दौर में उनके वारिस प्रदेश की सियासत में चौधर की लड़ाई कभी थम नहीं पाई।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही चौधर की लड़ाई फिर चरम पर नजर आएगी। पुराने जमाने में तीनों लाल रहे हों या फिर मौजूदा दौर में उनके वारिस, प्रदेश की सियासत में चौधर की लड़ाई कभी थम नहीं पाई। हालांकि प्रदेश के चौथे लाल कहे जाने वाले मुख्यमंत्री मनोहर लाल के ‘सबका साथ-सबका विकास’ का मंत्र चौधर की लड़ाई पर भारी पड़ता दिख रहा है।
हरियाणा की राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले तीनों लाल तो अब नहीं रहे, लेकिन उनके वारिस राजनीति में धमाचौकड़ी मचाए हुए हैं। देश और प्रदेश की राजनीति में हरियाणा के इन ‘चौधरियों’ का न केवल अच्छा-खासा हस्तक्षेप रहा, बल्कि दबदबा भी खूब रहा।
पूर्व उप प्रधानमंत्री स्व. देवीलाल, पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल और भजनलाल के नाम से हरियाणा की पहचान होती रही है। अब इनके वारिस तीनों घरानों की राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं। इनमें इन लालों के पुत्र ही नहीं बल्कि पुत्रियां भी शामिल हैं। चौधर की जंग को लेकर देवीलाल के परिवार से जहां इनेलो के बैनर तले अभय चौटाला व सुनैना चौटाला ताल ठोकेंगे, जबकि जननायक जनता पार्टी की ओर से नैना चौटाला व दुष्यंत चौटाला तो भाजपा की ओर से आदित्य देवी लाल चुनावी रण में नजर आएंगे। बंसीलाल घराने से किरण चौधरी और रणबीर महेंद्रा के अलावा उनके दामाद सोमबीर सिंह टिकट की कतार में हैं।
भजनलाल के परिवार से कुलदीप और रेणुका बिश्नोई हिसार में दम दिखाने की तैयारी में हैं। बिश्नोई अपने बेटे भव्य के लिए भी टिकट मांग रहे जो लोकसभा चुनाव में हार गए थे। भजनलाल के दूसरे बेटे चंद्रमोहन भी कांग्रेस से टिकट के दावेदार हैं, जबकि उनके भतीजे दूड़ा राम की भाजपा में लाटरी लग सकती है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा जहां गढ़ी सांपला किलोई से फिर चुनाव मैदान में नजर आएंगे तो उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा भी विधानसभा चुनाव की बाजी खेलने की तैयारी में हैं। बांगर की चौधर लाने का दावा करने वाले रणदीप सुरजेवाला और अहीरवाल के कैप्टन अजय यादव ने अलग मोर्चा खोला हुआ है।
भाजपा के रंग में रंगे राव इंद्रजीत और चौधरी बीरेंद्र सिंह
प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा में चौधर की लड़ाई अब बीते जमाने की बात हो चुकी। कांग्रेस में रहते अहीरवाल की राजनीति करते रहे केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत पर अब भाजपा का रंग चढ़ चुका है। वह अपनी बेटी आरती राव को चुनाव लड़वाएंगे। बागड़ चौधरी के रूप मे विख्यात चौधरी बीरेंद्र सिंह अपनी पत्नी प्रेमलता को चुनावी रण में उतारेंगे।
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