BSP से रिश्ता टूटने पर नरम पड़े दुष्यंत, फिर एक हो सकता चौटाला परिवार
BSP से गठबंधन टूटने के बाद JJP संरक्षक दुष्यंत चौटाला के तेवर ढीले पड़ गए हैं। अब उम्मीद जताई जा रही है कि चौटाला परिवार फिर से एक हो सकता है।
जेएनएन, चंडीगढ़। विधानसभा चुनावों से पहले बहुजन समाज पार्टी (BSP) से गठबंधन टूटने के बाद जननायक जनता पार्टी (JJP) संरक्षक दुष्यंत चौटाला के तेवर ढीले पड़ गए हैं। पिछले कई दिनों से खाप पंचायतों द्वारा परिवार को एकजुट करने के लिए चलाए जा रहे अभियान के बाद जहां दुष्यंत नरम दिखाई दिए, वहीं पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने पूरे प्रकरण पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि वह पंचायतों का फैसला मानने के लिए तैयार हैं। इसके साथ ही चौटाला परिवार फिर से एक होने की तरफ तेजी से बढ़ चला है।
पिछले साल गोहाना रैली के दौरान इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) में बिखराव शुरू हुआ था। इनेलो से निष्कासन के बाद दुष्यंत चौटाला ने नई पार्टी JJP बनाते हुए जींद उपचुनाव तथा लोकसभा चुनाव लड़े। चुनावों में जहां इनेलो लगातार हाशिये की तरफ बढ़ती गई, वहीं JJP को भी अपेक्षित कामयाबी नहीं मिल पाई। इसके चलते पिछले कई दिनों से खाप पंचायतों द्वारा चौटाला परिवार को एकजुट किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
खाप नेता रमेश दलाल के नेतृत्व में पंचायत प्रतिनिधियों के संगठन इस मुद्दे पर अभय चौटाला, अजय चौटाला, दुष्यंत चौटाला से भी मुलाकात कर चुके हैं। दोनों परिवारों को कई मुद्दों पर सहमत करने के बाद खाप नेताओं ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से मुलाकात की। बादल ने भी खुद दोनों परिवारों को एकजुट करने की इच्छा जताई है।
गत दिवस चंडीगढ़ में पत्रकारों से रू-ब-रू दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पूरे मामले से उन्होंने अपने पिता अजय सिंह चौटाला को अवगत करवा दिया है। उन्होंने पैरोल के लिए आवेदन कर दिया है। उनके बाहर आने पर इस बारे में फैसला होगा। उन्होंने साफ किया कि प्रकाश सिंह बादल या ओम प्रकाश चौटाला उन्हें जहां बुलाएंगे, वह वहां जाने को तैयार हैं।
दूसरी तरफ पारिवारिक एकता के मुद्दे पर पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एवं चौटाला परिवार के मुखिया ओम प्रकाश चौटाला ने कहा कि वह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि उन्हें इन विवादों के संबंध में पंचायत का हर फैसला स्वीकार होगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह जब से सार्वजनिक जीवन में आए हैं, तभी से उन्होंने पंचायती फैसलों का सम्मान करते हुए उन्हें स्वीकार किया है। यही उनके परिवार की परंपरा रही है और ऐसा ही पाठ उन्होंने अपने पिता स्व.जननायक चौधरी देवी लाल से सीखा था, क्योंकि वे भी पंचायती फैसलों को ही सर्वोपरि मानते थे। उन्हीं के पदचिह्नों पर चलते हुए चौधरी ओमप्रकाश चौटाला भी पंचायत के फैसलों को सर्वोपरि मानते हैं।
खाप पंचायतों ने लिखी दुष्यंत को चिट्ठी
चौटाला परिवार को फिर से एकजुट करने की कवायद में लगी खाप पंचायतों ने दुष्यंत चौटाला को चिट्ठी लिखी है। स्वाभिमान आंदोलन के अध्यक्ष रमेश दलाल व कुछ अन्य किसान व खाप प्रतिनिधियों ने पत्र में लिखा है कि परिवार को एकजुट करने के प्रयास में जहां सरदार प्रकाश सिंह बादल, ओमप्रकाश चौटाला, अजय चौटाला व अभय चौटाला फैसले के लिए पंचायतों को अधिकृत कर चुके हैं वहीं दुष्यंत चौटाला की तरफ से कोई स्पष्ट जवाब न मिलने के कारण पंचायत मामले को आगे नहीं बढ़ा पा रहीं। इसलिए दुष्यंत चौटाला से स्पष्ट जवाब मिलने के बाद ही हम इस मुहिम को आगे बढ़ा सकते हैं।
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