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Haryana Assembly Election 2019: रादौर रैली में बोलीं मायावती- भाजपा पूंजीपतियों काे दे रही लाभ

बहुजन समाज पार्टी की सप्रीमो मायावती ने कहा कि भाजपा केवल पूंजीपतियों को लाभ पहुंचा रही है। हरियाणा में दलितों व कमजोर वर्ग के लोगों की दशा नहीं सुधरी है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 01:11 PM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 02:49 PM (IST)
Haryana Assembly Election 2019: रादौर रैली में बोलीं मायावती- भाजपा पूंजीपतियों काे दे रही लाभ
Haryana Assembly Election 2019: रादौर रैली में बोलीं मायावती- भाजपा पूंजीपतियों काे दे रही लाभ

यमुनानगर, जेएनएन। Haryana Assembly Election 2019 में रादौर रैली में बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने कहा कि भाजपा पूंजीपतियों को लाभ पहुंचा रही है। हरियाणा में बसपा अकेले चुनाव लड़ रही है। हमने सभी समाज के लोगों को टिकट दिए हैं। लोगों ने रैली में पहुंचने पर उनका जाेरदार स्‍वागत किया।

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मायावती ने कहा कि हरियाणा में दलितों, मजदूरों और कमजोर वर्ग के लोगों का इतने सालों में विकास नहीं हुआ। कांग्रेस और भाजपा की मिलीभगत से सरकारी नौकरी में अनुसूचित जाति के कर्मचारियों की पदोन्नति में आरक्षण को प्रभावहीन बना दिया गया। उन्‍होंने कहा कि दलितों को आरक्षण का ठीक से लाभ नहीं मिल रहा है। भाजपा पूंजीपतियों को लाभ पहुंचा रही है।

मायावती ने कहा कि केंद्र में भाजपा और कांग्रेस धन्ना सेठों के सहयोग से पार्टिया बनाती रही है। फिर इन्हीं लोगों को फायदा पहुंचाने के हिसाब से नीतियां बनाती है। लेकिन, बसपा आम लोगों के सहयोग से केंद्र में सत्ता तक पहुंचना चाहती है। उन्‍होंने कहा कि उत्‍तर प्रदेश में बसपा सरकार ने गरीब बेरोजगार को भत्ता दिया और साथ ही उनको सरकारी और गैर सरकारी विभागों में स्थायी रोजगार दिया।

उन्‍होंने कहा, हमने यूपी में दलितों, गरीब व समाज के किसी भी वर्ग पर ज्यादती नहीं होने दी। ज्यादती करने वालों को उनकी सही जगह जेल में पहुंचाया। हरियाणा में कांग्रेस व भाजपा सहित स्थानीय पार्टियां सत्ता में रही हैं। इन्होंने अब तक दलितों का शोषण किया है। जिनका शोषण होता है उन्हें न्याय नहीं मिलता। इसके लिए उनको कोर्ट जाना पड़ता है लेकिन बरसों बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिलता। जब उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार थी तो सभी को न्याय मिला।

उन्‍होंने कहस कि हमने यूपी के सभी जिलों के थानों में एससी एसटी आरक्षण के तहत स्टाफ नियुक्त करने की व्यवस्था की। वहां पर सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की नीतियों पर चलकर बसपा ने लोगों की सेवा की। यदि आप लोग कमजोर, आम आदमी के काम करवाना चाहते हैं तो हरियाणा में बसपा की सरकार बनानी होगी।  बसपा की सरकार बनेगी तो यहां यूपी की तर्ज पर हर मामले में नीतियां बनाई जाएंगी।

मायावती ने कहा कि बसपा नारेबाजी में यकीन नहीं रखती। बीजेपी ने सत्ता में आने से पहले बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दिया था जो आज तक हकीकत में नहीं बदला। किसी गरीब को मकान नहीं दिया। हरियाणा में काफी सरकारी जमीन खाली पड़ी है, इसलिए उस पर यूपी की तर्ज पर तीन 3 एकड़ के पट्टे काट कर गरीब लोगों को दिए जाएंगे।

उन्‍होंने कहा कि चुनावों के दौरान विभिन्न पार्टियां लुभावने वादे कर घोषणापत्र बनाती है और लोगों को गुमराह करती हैं लेकिन जीतने पर घोषणा पत्र कहां पड़े होते हैं यह उन्हें भी याद नहीं रहता। इसलिए प्रदेश के लोग किसी के बहकावे में न आएं। हम कहने से ज्यादा करने में विश्वास रखते हैं। हमने उत्तर प्रदेश के चुनावों में भी घोषणा पत्र जारी नहीं किया था और जरूरत के हिसाब से काम करवाए। ऐसे में साम-दाम-दंड-भेद से बचकर हरियाणा में बसपा की सरकार बनानी है।

बता दें कि मतदान का दिन करीब आने के साथ ही चुनाव प्रचार चरम पर पहुंच गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बाद आज हरियाणा में बहुजन समाज पार्टी की अध्‍यक्ष मायावती आज हरियाणा में रैलियां कर रही हैं। मायावती रादौर की रैली के बाद पानीपत में रैली को संबोधित करने रवाना हुईं। वह पानीपत की रैली में पहुंच गई हैं।

मायावती का रैली के मंच पर पहुंचने के बाद बसपा के प्रदेश नेताओं ने स्‍वागत किया। रैली में मौजूद लोगों ने नारे लगाकर मायावती का स्‍वागत किया। बसपा सुप्रीमो ने हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन स्‍वीकार किया। रैलीस्‍थल को बसपा के झंडे और पोस्‍टरों से सजाया गया है। रैली क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा व्‍यवस्‍था की गई है। मायावती यमुनानगर और आसपास के जिलों की सीटों से बसपा प्रत्‍याशियों के लिए रैली को संबोधित करेंगी। रैली को लेकर बसपा समर्थकाें में काफी उत्‍साह है।

बता दें कि बसपा हरियाणा में अकेले विधानसभा चुनाव लड़ रही है। पहले उसका इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) से गठबंधन हुआ। इसे तोड़कर उसने राजकुमार सैनी की पार्टी लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के साथ गठजोड़ किया। विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले उसने इसे भी तोड़ दिया और दुष्‍यंत चौटाला की पार्टी जननायक जनता पार्टी से तालमेल किया। बसपा ने इसे भी बाद में समाप्‍त कर दिया और अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।


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