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Loksabha Election: मैराथन बैठक में हरियाणा भाजपा ने तय किया लोकसभा प्रत्याशियों का पैनल

हरियाणा भाजपा ने मैराथन बैठक में राज्‍य से लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्‍याशियों का पैनल तैयार कर लिया है। अब इस पर केंद्रीय चुनाव समिति फैसला करेगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 10:54 AM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 10:54 AM (IST)
Loksabha Election: मैराथन बैठक में हरियाणा भाजपा ने तय किया लोकसभा प्रत्याशियों का पैनल
Loksabha Election: मैराथन बैठक में हरियाणा भाजपा ने तय किया लोकसभा प्रत्याशियों का पैनल

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। सोमवार सुबह हरियाणा भाजपा की लोकसभा चुनाव संचालन समिति ने चार घंटे की मैराथन बैठक में राज्य की सभी दस लोकसभा सीटों के लिए मोटे तौर पर प्रत्याशियों का पैनल तय कर लिया।  गुरुग्राम व फरीदाबाद को छोड़कर बाकी आठ सीटों पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने जीतने वाले संभावित प्रत्याशियों की क्रमवार सूची तैयार की है। गुरुग्राम और फरीदाबाद में पार्टी ने मौजूदा सांसदों के नाम तय कर दिए हैं क्योंकि यहां से किसी अन्य ने आवेदन ही नहीं किए। अब यह सूची केंद्रीय चुनाव समिति को अंतिम मुहर के लिए भेजी जाएगी।

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अब दस सीटों के प्रत्याशियों पर केंद्रीय चुनाव समिति लगाएगी अंतिम मुहर

पार्टी के प्रदेश प्रभारी एवं राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. अनिल जैन ने बताया कि राज्य चुनाव समिति की तरफ से दस सीटों पर नाम तय हैं, अब केंद्रीय चुनाव समिति के बुलावे का इंतजार है। उन्होंने साफ किया भाजपा प्रदेश में सभी दस सीटों पर कमल के चिन्ह पर चुनाव लड़ेगी। किसी अन्य दल से कोई समझौता नहीं होगा। इसके साथ ही यह भी संकेत है कि करनाल और कुरुक्षेत्र में प्रत्याशी बदले जाएंगे और हिसार व सिरसा से नए विजेता चेहरे चुनाव मैदान में उतारे जाएंगे।

केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर के दिल्ली स्थित निवास हुई बैठक में हरियाणा भाजपा के लोकसभा चुनाव प्रभारी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र, सहप्रभारी विश्वास सारंग, प्रदेश प्रभारी एवं राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. अनिल जैन, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला, केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह, राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह, कृष्णपाल गुर्जर, मंत्री रामबिलास शर्मा, ओमप्रकाश धनखड़, अनिल विज, कैप्टन अभिमन्यु, प्रदेश संगठन मंत्री सुरेश भट्ट, राष्ट्रीय सचिव सुधा यादव, सांसद रतन लाल कटारिया, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष निर्मला बैरागी, प्रदेश महामंत्री संदीप जोशी मौजूद थे।

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दस लोकसभा सीटों के संभावित प्रत्याशियों का पैनल

1. फरीदाबाद : कृष्णपाल गुर्जर

2. गुरुग्राम :  राव इंद्रजीत सिंह

3. अंबाला :  रतन लाल कटारिया

4. सिरसा :  सुनीता दुग्गल, हंसराज हंस

5. हिसार : बृजेंद्र सिंह (केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के पुत्र), बीरेंद्र सिंह,कैप्टन अभिन्यु, अशोक गोयल, सोनाली फोगाट।

6. कुरुक्षेत्र : धूमन सिंह किरमिच, पवन सैनी, नायब सैनी, हरपाल चीका।

7. करनाल : संजय भाटिया, चंद्रप्रकाश कथूरिया, रामबिलास शर्मा, किरण चोपड़ा, एडवोकेट वेदपाल।

8. भिवानी-महेंद्रगढ़  :  धर्मबीर, सुधा यादव, डॉ. अभय सिंह यादव, सोमवीर सांगवान।

9. सोनीपत :  बृजेंद्र सिंह (केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के पुत्र), रमेश कौशिक, राजीव जैन, कृष्णा गहलावत।

10.रोहतक : अरविंद शर्मा, ओमप्रकाश धनखड़, शमशेर सिंह खडख़ड़ा।

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कटारिया ने किया पत्नी के नाम का विरोध

बैठक के दौरान उपस्थित उन नेताओं को बाहर जाना होता था जो संभावित प्रत्याशी हैं। अंबाला सीट पर चर्चा शुरू हुई तो प्रदेश प्रभारी डॉ. अनिल जैन ने सांसद रतन लाल कटारिया को बाहर जाने के लिए नहीं कहा, लेकिन वह बाहर जाने लगे। कुछ नेताओं ने उन्हें बैठने के लिए कहा तो बोले कि वह ही अंबाला से लोकसभा प्रत्याशी हैं। सूत्र बताते हैैं कि चुनाव समिति के ज्यादातर नेताओं का मत था कि अंबाला से कटारिया की पत्‍नी बंतोदेवी कटारिया को चुनाव लड़ाया जाए। मगर खुद रतन लाल कटारिया ने दोनों हाथ जोड़कर कहा कि उन्हें ही चुनाव लड़ाएं। बंतो देवी संगठन का काम करेंगी।

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खुश नहीं दिखे रामबिलास शर्मा

भिवानी और करनाल से टिकट के दावेदारों में शामिल शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा का नाम जब भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर नहीं लिया गया तो वह नाराज हो गए। शर्मा बैठक में से गोवा जाने के लिए चले गए। इसी दौरान अहीरवाल के एक कांग्रेस नेता की रविवार रात मुख्यमंत्री मनोहर लाल से हरियाणा भवन में हुई मुलाकात पर भी कुछ नेताओं ने चर्चा की। सूत्र बताते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खासमखास रहे इस कांग्रेस नेता को सीएम से मिलाने में राज्य सरकार के एक कैबिनेट मंत्री ने अहम भूमिका निभाई। ये दोनों आपस में संबंधी हैं।

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धर्मबीर के यू-टर्न पर खुलकर सामने आए राव

बैठक में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह अपने तेवर दिखाए बिना नहीं माने। भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर चर्चा के दौरान जब नेताओं ने मौजूदा सांसद धर्मबीर के चुनाव लड़ने संबंधी यू-टर्न को मुद्दा बनाया तो राव ने कहा कि धर्मबीर ने पहले लोकसभा चुनाव इसलिए लड़ने से मना किया था कि राज्य सरकार उनके काम नहीं करती थी। वह इस सीट से सबसे मजबूत उम्मीदवार हैं। डॉ. जैन ने राव इंद्रजीत को शांत कराना चाहा मगर वह यह कहते हुए उठकर चले गए कि वह तो इस बार अंतिम चुनाव लड़ेंगे। डॉ. जैन का रुख भी धर्मबीर के पक्ष में था।

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इनेलो के एक विधायक को भी लोकसभा लड़ाने पर हुई चर्चा

सूत्र बताते हैं कि भाजपा नेताओं ने हिसार जिले के एक इनेलो विधायक को भी लोकसभा चुनाव लड़ाने की बाबत चर्चा की। यह विधायक पिछड़ा वर्ग से आते हैं और कभी भी इनेलो छोड़कर भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

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धनखड़ और कैप्टन की लोकसभा में रुचि नहीं

मनोहर कैबिनेट के प्रभावी मंत्री कैप्टन अभिमन्यु और ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि उनकी लोकसभा चुनाव लडऩे में कोई रुचि नहीं है मगर यदि पार्टी उन्हें चुनाव लड़ाना चाहती है तो उनकी तैयारी पूरी है। कैप्टन ने हिसार और धनखड़ ने रोहतक सीट पर कहा कि वे सौ फीसद चुनाव जीतेंगे।

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सुधा ने कहा-सैनिक की नहीं होती कोई बिरादरी

भाजपा की राष्ट्रीय सचिव सुधा यादव का बैठक में कई नेताओं ने पक्ष रखा। गुरुग्राम और भिवानी-महेंद्रगढ़ दोनों सीट से यादव लड़ाने के मुद्दे पर इन नेताओं ने कहा कि सैनिक की कोई बिरादरी नहीं होती। सुधा यादव कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिक की पत्नी हैं। एक नेता यह भी बताया कि पिछड़ा वर्ग आयोग की सदस्य रहते भी सुधा चुनाव लड़ सकती हैं।

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बांगड़ के चौधरी ने समझाया लिडरशिप को खड़ा करने का फार्मूला

बांगड़ के चौधरी कहने जाने वाले केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने बैठक में प्रदेश भाजपा की लीडरशिप खड़े करने का फार्मूला दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहतरीन काम, एयर स्ट्राइक से लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल सरकार की ईमानदारी व पारदर्शी शासन के चलते इस समय सत्ताविरोधी कोई बात नहीं है। ऐसे में प्रदेश भाजपा को अपनी लीडरशिप खड़ी करनी चाहिए और इसके लिए पार्टी को अपने कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़वाना चाहिए। बाहर से आने वालों को ज्यादा महत्व नहीं देना चाहिए।

उन्होंने अपने आइएएस बेटे बृजेंद्र सिंह के लिए सोनीपत और हिसार से लोकसभा का टिकट मांगते हुए यह भी कहा कि यदि पार्टी के पास इन सीटों में से खासतौर पर सोनीपत में बृजेंद्र से अच्छा उम्मीदवार है तो उसे ही टिकट दे दी जाए। बीरेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि जिस दिन पार्टी उनके बेटे को टिकट देगी, उस दिन वह केंद्रीय मंत्रिमंडल और राज्यसभा सदस्यता से भी त्यागपत्र दे देंगे। बैठक में उपस्थित नेता बाद में भी बीरेंद्र सिंह के इस रुख की प्रशंसा करते नजर आए।


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