Move to Jagran APP

Lok Sabha Elections: CM पद की दावेदारी बचाने के लिए जूझते नजर आएंगे कांग्रेस दिग्गज

कांग्रेस हाईकमान ने गुटों में बंटे हरियाणा के तमाम दिग्गजों को चुनावी रण में उतारकर उनके सामने जीत की बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 10:45 AM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 04:47 PM (IST)
Lok Sabha Elections: CM पद की दावेदारी बचाने के लिए जूझते नजर आएंगे कांग्रेस दिग्गज
Lok Sabha Elections: CM पद की दावेदारी बचाने के लिए जूझते नजर आएंगे कांग्रेस दिग्गज

चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। कांग्रेस हाईकमान ने गुटों में बंटे हरियाणा के तमाम दिग्गजों को चुनावी रण में उतारकर उनके सामने जीत की बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। इसी से उनके राजनीतिक ताकत का आकलन होगा और कुछ माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को भी यह प्रभावित करेगा।

loksabha election banner

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और नवीन जिंदल को छोड़कर हाईकमान ने सभी दिग्गजों को चुनाव मैदान में उतारा है। जिंदल व्यक्तिगत कारणों से चुनाव नहीं लड़ रहे, जबकि सुरजेवाला के पास हाईकमान के कार्यों की अधिकता है। आम आदमी पार्टी, जननायक जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच महागठबंधन के प्रयास सिरे नहीं चढ़ने के बाद हाईकमान ने अपनी रणनीति बदली और दिग्गजों को ही चुनाव लड़ाने का दाव खेल दिया।

सोनीपत से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा, अंबाला में पूर्व केंद्रीय मंत्री कु. सैलजा, गुरुग्राम में पूर्व सिंचाई मंत्री कैप्टन अजय यादव, भिवानी-महेंद्रगढ़ में कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी की पूर्व सांसद बेटी श्रुति चौधरी, हिसार में कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई, सिरसा में हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद डा. अशोक तंवर को चुनावी रण में उतारा है। रोहतक में भूपेंद्र हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा, करनाल में हुड्डा समर्थक कुलदीप शर्मा और कुरुक्षेत्र में भी हुड्डा समर्थक पूर्व मंत्री निर्मल सिंह को टिकट दिया गया है।

इनमें ज्यादातर दिग्गज मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदारों में शामिल हैं। हाईकमान ने इन्हें एकजुट करने की तमाम कोशिश की, लेकिन उसे इसमें सफलता नहीं मिल पाई। लिहाजा हाईकमान ने कांग्रेसियों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। कांग्रेस दिग्गजों को अब लग रहा कि यदि वे अपने हिस्से की लोकसभा सीट हार गए तो विधानसभा चुनाव में टिकट बांटने की पावर जा  सकती है, इसलिए कोई दिग्गज नहीं चाहेगा कि वह अपनी सीट लूज करे।

हरियाणा में लोकसभा चुनाव कांग्रेसियों के लिए विधानसभा चुनाव का ट्रेलर हैं। इस चुनाव के नतीजों से हाईकमान यह तय करेगा कि हरियाणा में किस नेता को पार्टी की बागडोर सौंपी जाए। इन्हीं चुनाव नतीजों के आधार पर कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के दावेदार नेता का आभास हो सकेगा। रणदीप सुरजेवाला को इस परीक्षा से अलग रखा गया है। हालांकि सुरजेवाला जींद उपचुनाव की परीक्षा से गुजर चुके हैं, जहां उन्हें अपनी ही पार्टी के नेताओं की भितरघात का शिकार होना पड़ा है। अब बाकी नेताओं की बारी है।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.